रांचीः महिला आरक्षण की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग को अपना जवाब पेश करने को कहा है. मामले में राज्य सरकार के जवाब आने के बाद आगे की सुनवाई की जाएगी.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति में महिला आरक्षण की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता कर्मचारी चयन आयोग के अधिवक्ता अपने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग को 4 सप्ताह में अपना जवाब पेश करने को कहा है. सरकार के जवाब आने के बाद मामले में आगे सुनवाई की जाएगी.
अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद
याचिकाकर्ता रफाक सुल्तान ने देवघर जिला के हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति में महिला आरक्षण की मांग को लेकर याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग को जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.
मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज में काउंसलिंग के मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई, केंद्र सरकार से मांगा जवाब
मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर को काउंसलिंग से अलग रखने के केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. केंद्र सरकार, मेडिकल काउंसिल और यूजीसी को 2 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. इसके जवाब पर प्रार्थी को अपना प्रतिउत्तर 1 सप्ताह में पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी.
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अगली सुनवाई 17 दिसंबर को तय
झारखंड हाइ कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज के काउंसलिंग के बिंदु पर सुनवाई हुई. पूर्व में भी अदालत ने केंद्र सरकार यूजीसी और काउंसलिंग मेडिकल बोर्ड को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा था लेकिन जवाब समय से पेश नहीं किया जा सका. जिस पर अदालत ने नाराजगी जताई और कहा कि, यह गंभीर मामला है, इसे गंभीरता से लेना चाहिए, छात्रों का भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस मामले में समय से जवाब आना चाहिए. अदालत ने उन्हें फिर से एक बार समय देते हुए 2 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही प्रार्थी को उसके जवाब पर अपना प्रत्युत्तर 1 सप्ताह में पेश करने को कहा है और मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को तय की गई है.
मामले में हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलते देख प्रार्थी ने सुप्रीम कोर्ट का शरण लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों का भविष्य देखते हुए राहत जारी कर काउंसलिंग करने का आदेश दिया था. साथ ही शीघ्र मामले की सुनवाई करने के लिए हाई कोर्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट से कॉलेज को काउंसलिंग में छूट दी जा चुकी है और काउंसलिंग प्रारंभ हो गया है.