रांचीः सुप्रीम कोर्ट को हाल ही में सूचित किया गया था कि 22 राज्यों के 2,556 मौजूदा सांसद और विधायक आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. इस सूची में अगर पूर्व सांसद और पूर्व विधायकों को शामिल करते हैं, तो यह संख्या 4,442 तक पहुंच जाती है. इस तरह से झारखंड में अगर देखें, तो वर्ष 2019 में लगभग 44 और 2014 में लगभग 55 विधायक पर आपराधिक मामले चल रहे हैं. कोविड-19 के कारण इस वर्ष मामले पर सुनवाई कम हुई. वहीं, फिजिकल कोर्ट खुलने पर मामले की फिर से सुनवाई में तेजी आएगी.
वर्ष 2014 में झारखंड विधानसभा के लिए चुने गए 81 विधायकों में से 55 विधायकों के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज थे. यह आंकड़ा वर्तमान विधानसभा में चुने गए विधायक से 11 विधायक अधिक है.
62 मामले में चल रही सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट में झारखंड अगेंस्ट करप्शन की ओर से दायर जनहित याचिका, जिसमें विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की त्वरित जांच की मांग की गई है. उस मामले की सुनवाई के दौरान वर्ष 2018 में राज्य सरकार की ओर से सीआईडी के एसपी वाईएस रमेश ने 19 अगस्त 2018 को शपथ पत्र दायर की थी. उस रिपोर्ट के अनुसार बताया गया कि 76 आपराधिक मामले में ट्रायल शुरू हुआ है, जिसमें से 14 मामले निष्पादित हो चुके हैं. 14 निष्पादित मामलों में से 10 में आरोपी को बरी कर दिया गया है, जबकि 4 मामले में अदालत सजा सुना चुकी है. वहीं 62 मामले में सुनवाई चल रही है.
2018 में राज्य सरकार की ओर से हाई कोर्ट में दिया गया यह आंकड़ा
विधायक नवीन जायसवाल पर 1 मामले, अमित कुमार महतो पर 3 मामले, सरयू राय पर 1 मामले, जानकी प्रसाद यादव पर 1 मामले, एनोस एक्का पर 4 मामले, हेमंत सोरेन पर 4 मामले, साधु चरण महतो पर 3 मामले, एस चौधरी पर 1 मामले, देवेंद्र कुमार सिंह पर 2 मामले, कुशवाहा शिवपूजन मेहता पर 3 मामले, भानुप्रताप शाही पर 1 मामले, निर्मला देवी पर 9 मामले, योगेंद्र प्रसाद महतो पर 1 मामले, राजकुमार यादव पर 1 मामले, ढुल्लू महतो पर 1 मामले, संजीव सिंह पर 2 मामले, जगन्नाथ महतो पर 1 मामले, सीता सोरेन पर 1 मामले, लुईस मरांडी पर 1 मामले दर्ज हैं.