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स्कूली शिक्षा सचिव क्यों हुए हाई कोर्ट में हाजिर? जानिए वजह

झारखंड हाई कोर्ट में आदेश का अनुपालन नहीं करने पर स्कूली शिक्षा सचिव के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई हुई है. सुनवाई के दौरान सचिव ने अदालत को बताया कि हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर दिया गया है. अदालत ने कहा सरकार के अधिकारी ऐसा नहीं करें कि अवमानना की नौबत आए.

Hearing of the case of the Secretary of School Education in the High Court
हाई कोर्ट में स्कूली शिक्षा सचिव के मामले की सुनवाई
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Published : Mar 26, 2021, 10:02 PM IST

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर की पीठ में आदेश का अनुपालन नहीं करने पर स्कूली शिक्षा सचिव के खिलाफ अवमानना की सुनवाई हुई है. सुनवाई के दौरान सचिव ने अदालत को बताया कि हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर दिया गया है.

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शिक्षक को बुधवार को ही स्कूल में योगदान दिला दिया गया. इस पर अदालत ने स्कूली शिक्षा सचिव के खिलाफ चल रहे अवमानना को समाप्त कर दिया. इसके अलावा सचिव ने हाई कोर्ट से बिना शर्त माफी भी मांग ली. अदालत ने कहा सरकार के अधिकारी ऐसा नहीं करें कि अवमानना की नौबत आए. इस संबंध में शिक्षक रवि उरांव ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

प्रार्थी के अधिवक्ता विनोद सिंह ने बताया कि धनबाद के प्राथमिक शिक्षक रवि उरांव को वर्ष 2016 में विभाग ने यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया कि उनकी स्नातक की डिग्री फर्जी है. इसको हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. अदालत ने वर्ष 2018 में उन्हें फिर से बहाल करने का आदेश दिया, लेकिन सरकार इसके खिलाफ खंडपीठ में याचिका दाखिल की. खंडपीठ में इस मामले को सरकार की ओर से नहीं बढ़ाए जाने के बाद प्रार्थी ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की. पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने स्कूली शिक्षा सचिव के खिलाफ अवमानना चलाने का आदेश दिया था.

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर की पीठ में आदेश का अनुपालन नहीं करने पर स्कूली शिक्षा सचिव के खिलाफ अवमानना की सुनवाई हुई है. सुनवाई के दौरान सचिव ने अदालत को बताया कि हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर दिया गया है.

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शिक्षक को बुधवार को ही स्कूल में योगदान दिला दिया गया. इस पर अदालत ने स्कूली शिक्षा सचिव के खिलाफ चल रहे अवमानना को समाप्त कर दिया. इसके अलावा सचिव ने हाई कोर्ट से बिना शर्त माफी भी मांग ली. अदालत ने कहा सरकार के अधिकारी ऐसा नहीं करें कि अवमानना की नौबत आए. इस संबंध में शिक्षक रवि उरांव ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

प्रार्थी के अधिवक्ता विनोद सिंह ने बताया कि धनबाद के प्राथमिक शिक्षक रवि उरांव को वर्ष 2016 में विभाग ने यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया कि उनकी स्नातक की डिग्री फर्जी है. इसको हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. अदालत ने वर्ष 2018 में उन्हें फिर से बहाल करने का आदेश दिया, लेकिन सरकार इसके खिलाफ खंडपीठ में याचिका दाखिल की. खंडपीठ में इस मामले को सरकार की ओर से नहीं बढ़ाए जाने के बाद प्रार्थी ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की. पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने स्कूली शिक्षा सचिव के खिलाफ अवमानना चलाने का आदेश दिया था.

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