रांची: भाजपा विधायक ढुल्लू महतो पर धनबाद जिले के कतरास थाना में एक वारंटी को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के मामले में (Release Of Warranty From Police Custody in Katras) दायर क्रिमिनल रिवीजन याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई. मामले में सरेंडर से छूट को लेकर ढुल्लू महतो के एग्जमशन पिटिशन पर राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया. अदालत ने राज्य सरकार को दो सप्ताह का समय देते हुए कहा कि वह इस बीच अपना जवाब दायर करें. तब तक के लिए इस मामले की सुनवाई स्थगित कर दी गई है. मामले की अगली सुनवाई नौ दिसंबर को तय की गई है.
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निचली अदालत में नहीं करना पड़े सरेंडरः मामले की सुनवाई (Hearing Of Revision Petition Against MLA) के दौरान प्रार्थी ढुल्लू महतो के अधिवक्ता का कहना था कि जब तक उनकी क्रिमिनल रिवीजन झारखंड हाई कोर्ट में पेंडिंग है, तब तक उन्हें निचली अदालत में सरेंडर न करना पड़े. उनकी ओर से कहा गया कि 18 माह की सजा में से उनकी ओर से करीब 12 महीने की सजा काट ली गई है.
विधायक ढुलू को सुनाई गई थी 18 माह की सजाः बता दें कि विधायक ढुलू महतो को सरकारी कार्य में बाधा डालने (Accused Of Obstructing Government Work)और पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी फाड़ने के मामले में दोषी करार देते हुए अक्टूबर 2019 को धनबाद की अनुमंडल दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने 18 माह की सजा सुनाई थी.
ढुल्लू महतो पर पुलिस अभिरक्षा से वारंटी को छुड़ाने का आरोपः ढुल्लू महतो पर पुलिस अभिरक्षा से वारंटी राजेश गुप्ता को छुड़ाने का आरोप है. विधायक और विधायक समर्थकों द्वारा वारंटी को छुड़ाने के क्रम में बरोरा के तत्कालीन थाना प्रभारी आरएन चाैधरी की वर्दी भी फट गई थी. इस मामले में विधायक ढुलू महतो के खिलाफ बरोरा के तत्कालीन थाना प्रभारी आरएन चौधरी ने कतरास थाना में कांड संख्या- 120/13 दर्ज कराई थी.