रांची: देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे दुर्घटना मामले में झारखंड हाई कोर्ट की स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई (Hearing Of Deoghar Ropeway Accident Case) हुई. इस दौरान अदालत ने सरकार के जवाब पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. मामले में पहले तो राज्य सरकार पर पांच लाख का जुर्माना लगाया जा रहा था, लेकिन राज्य सरकार की ओर से गुहार लगाने के बाद अदालत ने माफ कर दिया.
राज्य सरकार की रिपोर्ट पर कोर्ट ने असंतोष जतायाः हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की सुनवाई के दौरान बीआईटी मेसरा और सिम्फर (सीआईएमएफआर) की ओर से रिपोर्ट सौंपी (Report Submitted To The Court) गई. राज्य सरकार की ओर से भी रिपोर्ट सौंपी गई. राज्य सरकार की रिपोर्ट पर अदालत ने असंतोष व्यक्त करते हुए फिर से रिपोर्ट पेश करने को कहा है. कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह एक कमेटी का गठन कर मामले की विस्तृत रिपोर्ट अदालत में दायर करे. मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को निर्धारित की गई है. तब तक के लिए मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया गया है.
13 दिसंबर को होगी अगली सुनवाईः झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के दौरान बीआईटी सिंफर और राज्य सरकार की रिपोर्ट को देखने के बाद असंतोष जाहिर करते हुए फिर से रिपोर्ट सौंपने को कहा. मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए मंगलवार यानी 13 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है
हाईकोर्ट ने मामले पर लिया था स्वत: संज्ञानः पूर्व में हाईकोर्ट ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका (Public Interest Litigation) में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया. अदालत ने राज्य सरकार को मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था. उन्हें अपने जवाब में यह बताने को कहा था कि दुर्घटना कैसे हुई, कितने लोग दुर्घटनाग्रस्त हुए, मौके पर राज्य सरकार के द्वारा क्या किया गया, क्या पूर्व में भी दुर्घटना हुई थी, उसके बाद दुर्घटना रोकने के लिए कुछ कदम उठाए गए थे क्या इन तमाम बिंदुओं पर अद्यतन बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा था.
रोपवे हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थीः बता दें कि देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे में बड़ा हादसा हो गया था. इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे.