रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के नए भवन निर्माण के मामले पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सरकार से यह जानना चाहा कि, नए हाई कोर्ट के बाकी निर्माण कार्य जो है, वह कब तक पूर्ण कर लिए जाएंगे? अभी तक काम क्यों नहीं पूरा किया गया है? क्या कठिनाई आ रही है? बार-बार से यह कहा जा रहा है, कि अब शीघ्र पूरा हो जाएगा. यह कब तक चलता रहेगा? एक समय सीमा तो निर्धारित करें. अदालत ने इस मामले की विस्तृत अद्यतन जवाब शपथ पत्र के माध्यम से 16 जुलाई से पहले पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की अदालत में झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन निर्माण के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने नए हाई कोर्ट भवन निर्माण के बचे हुए काम को पूर्ण करने में हो रही लेट-लतीफी पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने राज्य सरकार से यह जानना चाहा, कि नए भवन के निर्माण का कार्य कब तक पूरा होगा? कोई समय सीमा को निर्धारित किया जाना चाहिए, क्यों नहीं हो पा रही है निर्माण पूर्ण? क्या कठिनाई आ रही है? इन तमाम बिंदुओं पर अदालत ने राज्य सरकार को विस्तृत बिंदुवार अद्यतन जानकारी पेश करने को कहा है.
16 जुलाई को होगी मामले की सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने हाई कोर्ट के नए भवन निर्माण में गड़बड़ी को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूर्व में राज्य सरकार को नवनिर्मित भवन को पूर्ण करने के लिए काम प्रारंभ करने का आदेश दिया था. उसी मामले में अदालत ने सरकार को नए भवन के बाकी निर्माण कार्य को पूर्ण करने के बिंदु पर अद्यतन जानकारी पेश करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी.
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छठी जेपीएससी परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर हुई सुनवाई
वहीं छठी जेपीएससी परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि, पूर्व में एकल पीठ ने परिणाम को रद्द कर फिर से परिणाम घोषित करने का आदेश दिया है, जिस पर प्रार्थी ने कहा कि, उसमें अदालत ने सिर्फ क्वालीफाइंग मार्क्स वाले अंकित जोड़ने के बिंदु पर फैसला सुनाया गया है, लेकिन मेरा कहना है, कि परीक्षा के इंटरप्रोसेस ही गलत है, इसलिए विज्ञापन को रद्द कर फिर से फ्रेश विज्ञापन प्रकाशित किया जाना चाहिए. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और झारखंड लोक सेवा आयोग को शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी.