रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत मे एक मामले की सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से पूछा कि क्यों ना चुटिया और बुंडू थाना के दोषी पदाधिकारी के वेतन से मुआवजे की राशि की वसूली की जाए. अदालत ने सरकार को यह भी बताने को कहा है अधिकारी के खिलाफ क्या कुछ अभी तक विभागीय कार्रवाई की गई है. इसकी विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 10 मई को निर्धारित की गई है. इससे पूर्व अदालत ने सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.
प्रार्थी अजीत कुमार एवं अन्य की ओर से मुआवजे की मांग और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दायर याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता की ओर से झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता आकाश दीप ने अदालत में पक्ष रखा. उनके मुताबिक सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के द्वारा सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने पूछा है कि चुटिया थाना में दर्ज सनहा नंबर 7/14 में अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई है, इसकी अद्यतन जानकारी दी जाए. वहीं अदालत ने तत्कालीन चुटिया थाना प्रभारी और बुंडू थाना प्रभारी के खिलाफ क्या विभागीय कार्रवाई हुई, इसकी भी अद्यतन जानकारी मांगी है.
ये था पूरा मामलाः वर्ष 2014 में चुटिया थाना क्षेत्र से प्रीति नाम की एक युवती गायब हो गई थी. परिजनों द्वारा इसकी सनहा दर्ज कराई गई थी. कुछ दिनों बाद बुंडू से एक युवती का शव पुलिस ने बरामद किया था. पुलिस का मानना था कि शव उसी युवती का है, जिसके बारे में चुटिया थाने में सनहा दर्ज करवाई गई है. इसलिए शव बरामद होने के बाद पुलिस ने रांची के अलग-अलग इलाकों से अजीत कुमार एवं अन्य 5 युवकों को गिरफ्तार किया था. जिन्हें काफी लम्बे वक्त तक जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा था.
इसी बीच उस लड़के को नौकरी में मेडिकल देने के लिए बुलावा आया था लेकिन जेल में होने के कारण वह नहीं दे सका. लेकिन इस बीच पुलिस जिस युवती की हत्या का दावा कर रही थी वह युवती वापस लौट आई. जिसके बाद यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था. पुलिस के द्वारा गलत तरीके से गिरफ्तारी किए जाने के कारण युवक का भविष्य खराब हो गया. जिसके बाद अजीत कुमार याचिका दायर की है उसी याचिका पर सुनवाई हुई. वहीं जिस युवती की लाश बरामद की गई थी, उसके बारे में भी पुलिस अब तक स्पष्ट जानकारी नहीं इकट्ठा कर पायी है.