रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमितों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से करने की मांग पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अदालत ने उन्हें अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी से इलाज कि यहां पर क्या स्थिति है? क्या किया जा सकता है? कितने मशीनों की आवश्यकता होगी और कितने टेक्नीशियन की व्यवस्था है?
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कोरोना वायरस की प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की मांग
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में अधिवक्ता धीरज कुमार की ओर से राज्य के कोरोना वायरस की प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की मांग की गई थी. उसी बिंदु पर अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि यह इलाज शुरू कर दी गई है. वहीं, अधिवक्ता धीरज कुमार की ओर से बताया गया कि अभी वह शुरू नहीं किया गया है. एक ही मशीन रिम्स में है और कई मशीन की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न प्रमंडल जैसे संथाल परगना, पलामू, हजारीबाग, धनबाद और अन्य जगहों पर भी इस तरह के मशीन और टेक्नीशियन की जरूरत को देखते हुए इसे लगाया जाना चाहिए, ताकि संक्रमित मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जा सके.
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मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी
अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी के जरिए करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी. उसी बिंदु पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को जवाब सौंपने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी.