रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और वर्तमान सरकार में मंत्री आलमगीर आलम को साहिबगंज जिले के बरहरवा टोल प्लाजा टेंडर (Barharwa Toll Plaza Tender) मामले में बरहरवा थाने में दर्ज केस में 24 घंटे में क्लीन चिट देने के मामले की सीबीआई जांच का आग्रह करने वाली याचिका पर मंगलवार 6 दिसंबर को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के उपरांत प्रार्थी को प्रवर्तन निदेशालय को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही हाई कोर्ट ने ईडी को इससे संबंधित एविडेंस रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में याचिकाकर्ता शंभू नंदन कुमार की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने याचिकाकर्ता की हस्तक्षेप याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकृत किया. मामले में सुनवाई के दौरान संबंधित पक्षों को सुनने के उपरांत कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को प्रतिवादी बनाने की अनुमति दी. ईडी को इससे संबंधित एविडेंस रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश कोर्ट ने दिया है. मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी. अधिवक्ता अभय मिश्रा ने याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रखा.
बता दें कि साहिबगंज के बरहरवा थाने में टोल प्लाजा टेंडर विवाद में शंभू नंदन कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें पंकज मिश्रा पर टेंडर में भाग नहीं लेने की धमकी देने का आरोप लगाया गया था. पंकज ने टेलिफोनिक धमकी दी थी, लेकिन पुलिस ने उसके वॉइस रिकॉर्ड की फॉरेंसिक जांच नहीं कराई थी. साथ ही आधे घंटे में 14 गवाहों का बयान लेकर पुलिस ने मामले में पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को क्लीन चिट दी थी. प्रार्थी की ओर से आरोप लगाया गया था कि मामले में जांच को प्रभावित करने के लिए इन दोनों को क्लीन चिट दी गई है, प्रार्थी ने इसकी सीबीआई जांच कराने का आग्रह किया है। मामले को लेकर बरहरवा साहिबगंज थाना कांड संख्या 85/2020 दर्ज कराई गई थी. निचली अदालत ने भी मामले में ट्रायल पर रोक लगाई है.