रांचीः मोरहाबादी से फुटपाथ दुकान हटाने के विरोध में याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और रांची नगर निगम को एक सप्ताह में उन्हें व्यवस्थित करने का निर्देश दिया है. साथ ही दुकानदार संघों को भी उन्हें व्यवस्थित करने में सहयोग देने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी. अदालत के निर्देश के बाद दुकानदार संघों को बड़ी राहत मिली है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि मोरहाबादी मैदान में वर्षों से फुटपाथ दुकानदार ठेला-खोमचा लगाकर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे, एकाएक बिना किसी सूचना के बिना किसी कारण बताए हुए नगर निगम ने उन्हें वहां से हटा दिया जो गलत है, उन्होंने अदालत से गुहार लगाई कि जब तक उन लोगों के लिए अस्थाई दुकानों की व्यवस्था नहीं होती तब तक उन्हें वहां दुकान लगाने की अनुमति दी जाए. वहीं राज्य सरकार और नगर निगम की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि वहां से हटाए गए दुकानदारों को स्थायी दुकान की व्यवस्था की जा रही है, शीघ्र ही उन लोगों को स्थाई दुकान दे दी जाएगी. वहां लॉ एंड ऑर्डर का प्रॉब्लम हो गया था, इस कारण से उन्हें वहां से हटाना जरूरी हो गया इसलिए खाली कराया गया है. अदालत में एक सप्ताह में दुकानदारों को व्यवस्थित करने का निर्देश दिया है. व्यवस्थित करने के बाद अदालत को जानकारी पेश करने को भी कहा है.
मोरहाबादी मैदान से क्यों हटाए गए थे दुकानः 27 जनवरी को मोरहाबादी में गोलीबारी हुई थी जिसमें एक अपराधी की मौत हो गई थी. उसके बाद 28 जनवरी को शाम 6:00 बजे जिला प्रशासन ने मोराबादी में निषेधाज्ञा लगा दी, साथ ही पूरे इलाका में 144 लागू किया गया. वहां के गुमटी ठेला-खोमचा लगाने वालों को वहां से अपनी दुकान को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया. उसके बाद उन दुकानदारों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी. उन्होंने सरकार नगर निगम से दुकान लगाने की गुहार लगाई. वह समस्या का समाधान नहीं हुआ तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, उसी याचिका पर सुनवाई हुई.