रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के काफिले पर हमले का आरोपी भैरव सिंह (Bhairav Singh) की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों के ओर से अदालत में जवाब पेश किया गया. याचिकाकर्ता की ओर से जमानत की मांग की गई. वहीं सरकार की ओर से मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला करने के आरोपी को जमानत नहीं दिए जाने का आग्रह किया गया. वहीं सरकार के अधिवक्ता ने याचिकाकर्ता की दलील का विरोध भी किया. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निचली अदालत से केस डायरी पेश करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 1 सप्ताह बाद होगी.
इसे भी पढ़ें: रांची : आक्रोशित भीड़ ने सीएम हेमंत सोरेन के काफिले पर फेंका पत्थर
झारखंड हाई कोर्ट में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमले के आरोपी भैरव सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि, आरोपी मुख्यमंत्री के काफिले पर हमले का आरोपी है और ऐसे आरोपी को जमानत की सुविधा नहीं उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने आरोपी का किया बचाव
वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि, यह एक राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है, उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत आरोपी बनाया गया है, वह मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला नहीं कर रहे थे. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निचली अदालत को मामले में केस डायरी पेश करने का आदेश दिया है. निचली अदालत से केस डायरी आने के बाद मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी.
इसे भी पढ़ें: JHARKHAND HIGH COURT: बड़ा तालाब साफ-सफाई मामले पर हाईकोर्ट सख्त, RMC को दिये ये निर्देश
24 मार्च को सीएम के काफिले पर हमला
24 मार्च को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमला हुआ था. मुख्यमंत्री के काफिले के अगले गाड़ी पर हुए हमले के बाद मुख्यमंत्री की गाड़ी को दूसरे रास्ते से निकाला गया था. उसी मामले में भैरव सिंह को आरोपी बनाया गया है. आरोपी ने निचली अदालत में सरेंडर किया था. उसके बाद उन्हें वहां से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. आरोपी ने निचली अदालत में जमानत की गुहार लगाई. निचली अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी. उसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. उस याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने केस डायरी पेश करने को कहा है.