रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की दलबदल मामले में दायर याचिका (Babulal marandi petition in defection case)पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत प्रार्थी को प्रति शपथ पत्र पेश करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 14 सितंबर को तय की गई है. उन्हें 13 सितंबर को प्रति शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया गया है.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी के अधिवक्ता से यह जानना चाहा कि इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण के आदेश की प्रति क्यों नहीं है. जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी कि उन्होंने आदेश की प्रति के लिए आवेदन तो दिया है, लेकिन उन्हें अभी तक आदेश की प्रति नहीं मिली है. जिस पर अदालत ने उन्हें प्रति शपथ पत्र के माध्यम से यह जानकारी अदालत में पेश करने को कहा है.
बाबूलाल मरांडी की ओर से दाखिल रिट याचिका में कहा गया है कि दलबदल मामले में झारखंड विधानसभा के स्पीकर की कोर्ट में नियमानुसार सुनवाई नहीं हुई है. न्यायाधिकरण ने उनकी गवाही और बहस सुने बिना ही केस को जजमेंट पर रख दिया है. बता दें कि भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी से जुड़े मामले में विधानसभा के न्याधिकरण में 30 अगस्त को सुनवाई खत्म हो गई है. बाबूलाल मरांडी की ओर से पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं का कहना है कि स्पीकर पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहे हैं. न्यायाधिकरण में सुनवाई समाप्त होने के बाद स्पीकर कभी भी अपना फैसला सुना सकते हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में बाबूलाल मरांडी ने झाविमो की टिकट पर चुनाव जीता था. बाद में उन्होंने पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया था. इस मामले में स्पीकर दल-बदल कानून के तहत सुनवाई कर रहे हैं.