रांची: कोरोना वायरस का रेड जोन कहा जाने वाला हिंदपीढ़ी को कंटेनमेंट जोन से मुक्त करने के बिंदु पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि इससे पहले ईद के समय भी दो बार हिंदपीढ़ी में घर-घर जाकर लोगों की जांच की गई थी. एक भी मरीज नहीं मिलने के बाद राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने हिंदपीढ़ी को कंटेनमेंट जोन से मुक्त करने का फैसला लिया है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रखा गया पक्ष
झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हिंदपीढ़ी को कंटेनमेंट जोन से मुक्त करने के बिंदु पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीशों ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई पूरी की. महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखे. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने हिंदपीढ़ी को कंटेनमेंट जोन से मुक्त करने के पहले हिंदपीढ़ी के सभी घरों में जाकर उसका सर्वे किया. सभी लोगों की जांच की गई. दोनों बार में एक भी मरीज नहीं मिला. उसके बाद राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने मिलकर हिंदपीढ़ी को कंटेनमेंट जॉन से मुक्त किया. अदालत ने सरकार के जवाब पर अपनी संतुष्टि जताई.
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अदालत ने की संतुष्टि जाहिर
बता दें कि हिंदपीढ़ी में बार-बार लॉकडाउन तोड़े जाने के बाद हाई कोर्ट ने मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व में अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था. अदालत के आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने जवाब दिया, जिस पर अदालत ने अपनी संतुष्टि जाहिर की.