ETV Bharat / state

झारखंड के लिए अगले 48 घंटे काफी महत्वपूर्ण, सूबे की राजनीति में आ सकता है भूचाल

झारखंड की राजनीति में अगला 48 घंटा बहुत महत्वपूर्ण है. आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन पट्टा और शेल कंपनी मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई है, तो वहीं 20 मई तक हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग के पास अपना जवाब पेश करना है.

Hearing in Jharkhand High Court in Chief Minister Hemant Soren mining lease case
हेमंत सोरेन
author img

By

Published : May 18, 2022, 8:39 PM IST

Updated : May 19, 2022, 6:25 AM IST

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन पट्टा और शेल कंपनी मामले में आज झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. इसके साथ ही 20 मई तक हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग में जवाब भी देना है. आपको बता दें कि इस मामले में पहले 10 मई तक हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग के पास अपना जवाब भेजना था. लेकिन हेमंत सोरेन ने अपनी माताजी की तबीयत खराब होने का हवाला देकर आयोग से 1 महीने का वक्त मांगा था लेकिन आयोग ने हेमंत सोरेन को सिर्फ 10 दिन का समय दिया था जो 20 मई को पूरा हो रहा है. उससे पहले आज झारखंड हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई है.

ये भी पढ़ें- हेमंत सोरेन के खनन पट्टा और शेल कंपनी से जुड़े मामले पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, सील बंद रिपोर्ट की गई पेश

17 मई को भी हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से सील बंद रिपोर्ट पेश की गई. हेमंत सोरेन की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा, जबकि ईडी की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा. इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपनी ओर से जवाब पेश किया.

हेमंत सोरेन के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत में दायर याचिका के मान्यता पर प्रश्न उठाया था. उन्होंने कहा था कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. इसलिए इसे खारिज कर दिया जाए. जिस पर अदालत ने असहमति जताते हुए, राज्य सरकार से पूछा कि जब घोटाले की बात सामने आई तो अधिकारी पर कारवाई क्यों नहीं की गई. प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया था कि सचिव पूजा सिंघल से संबंधित मामले में पूर्व में जनहित याचिक दायर किया हुआ है. उस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दे दिया जाए. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 19 मई की तिथि निर्धारित की थी.

झारखंड हाई कोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ 11 फरवरी को जनहित याचिका दायर की गयी थी. प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पीआईएल दाखिल किया था. प्रार्थी की ओर से इस जनहित याचिका में कहा गया था कि हेमंत सोरेन खनन मंत्री, मुख्यमंत्री और वन पर्यावरण विभाग के विभागीय मंत्री भी हैं. उन्होंने स्वंय पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए आवेदन दिया था और खनन पट्टा हासित किया है. ऐसा करना पद का दुरुपयोग है और जन प्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन है. इसलिए इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए. इसके अलावा साथ ही प्रार्थी ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग भी कोर्ट से की थी.

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन पट्टा और शेल कंपनी मामले में आज झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. इसके साथ ही 20 मई तक हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग में जवाब भी देना है. आपको बता दें कि इस मामले में पहले 10 मई तक हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग के पास अपना जवाब भेजना था. लेकिन हेमंत सोरेन ने अपनी माताजी की तबीयत खराब होने का हवाला देकर आयोग से 1 महीने का वक्त मांगा था लेकिन आयोग ने हेमंत सोरेन को सिर्फ 10 दिन का समय दिया था जो 20 मई को पूरा हो रहा है. उससे पहले आज झारखंड हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई है.

ये भी पढ़ें- हेमंत सोरेन के खनन पट्टा और शेल कंपनी से जुड़े मामले पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, सील बंद रिपोर्ट की गई पेश

17 मई को भी हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से सील बंद रिपोर्ट पेश की गई. हेमंत सोरेन की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा, जबकि ईडी की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा. इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपनी ओर से जवाब पेश किया.

हेमंत सोरेन के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत में दायर याचिका के मान्यता पर प्रश्न उठाया था. उन्होंने कहा था कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. इसलिए इसे खारिज कर दिया जाए. जिस पर अदालत ने असहमति जताते हुए, राज्य सरकार से पूछा कि जब घोटाले की बात सामने आई तो अधिकारी पर कारवाई क्यों नहीं की गई. प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया था कि सचिव पूजा सिंघल से संबंधित मामले में पूर्व में जनहित याचिक दायर किया हुआ है. उस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दे दिया जाए. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 19 मई की तिथि निर्धारित की थी.

झारखंड हाई कोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ 11 फरवरी को जनहित याचिका दायर की गयी थी. प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पीआईएल दाखिल किया था. प्रार्थी की ओर से इस जनहित याचिका में कहा गया था कि हेमंत सोरेन खनन मंत्री, मुख्यमंत्री और वन पर्यावरण विभाग के विभागीय मंत्री भी हैं. उन्होंने स्वंय पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए आवेदन दिया था और खनन पट्टा हासित किया है. ऐसा करना पद का दुरुपयोग है और जन प्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन है. इसलिए इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए. इसके अलावा साथ ही प्रार्थी ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग भी कोर्ट से की थी.

Last Updated : May 19, 2022, 6:25 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.