रांची: राज्य में दारोगा नियुक्ति के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है. सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के बाद मामले पर आगे की सुनवाई की जाएगी.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में साल 2017 में निकाले गए दारोगा नियुक्ति परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, सरकार के अधिवक्ता और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के अधिवक्ता संजय पीपरवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई सितंबर के पहले सप्ताह में की जाएगी.
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बता दें कि याचिकाकर्ता किशोर कुमार दुबे ने साल 2017 में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा दारोगा नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापन को लेकर आवेदन दिया था. उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया में भाग लिया, लेकिन कर्मचारी चयन आयोग के नॉर्मलाईजेशन सिस्टम यानी स्केलिंग पद्धति की तरह रिजल्ट निकाले जाने के कारण उनकी चयन अंतिम रूप से नहीं हुआ.
कर्मचारी चयन आयोग के स्केलिंग सिस्टम से निकाले गए रिजल्ट को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. साल 2017 में दारोगा नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था. साल 2018 में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली गई और सभी को नियुक्त भी कर दिया गया है.