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कोरोना संक्रमितों के शव के अंतिम संस्कार के लिए झारखंड हाई कोर्ट ने आरएमसी को क्या दिया निर्देश, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट में रांची में कोरोना वायरस संक्रमितों की लाश की अंतिम संस्कार में आ रही कठिनाई को दूर करने के बिंदु पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान रांची डीसी और रांची नगर निगम के एडिशनल मुंसिपल कमिश्नर उपस्थित हुए. अदालत ने पूछा कि, संक्रमितों की जो लाश है वह अंतिम संस्कार के लिए लाइन में खड़ा है तो क्या किया जा रहा है? क्यों नहीं त्वरित अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था की जा रही है?

Hearing in Jharkhand High Court in case of burning of corona infected Dead body
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Apr 13, 2021, 6:59 PM IST

रांची: राजधानी रांची में कोरोना वायरस संक्रमितों की लाश की अंतिम संस्कार में आ रही कठिनाई को दूर करने के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान रांची डीसी और रांची नगर निगम के एडिशनल मुंसिपल कमिश्नर उपस्थित हुए. अदालत ने पूछा कि, संक्रमितों की जो लाश है वह अंतिम संस्कार के लिए लाइन में खड़ा है तो क्या किया जा रहा है? क्यों नहीं त्वरित अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था की जा रही है? अदालत ने उन्हें शीघ्र इसकी व्यवस्था करने को कहा है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें: कोरोना के इलाज की लचर व्यवस्था पर हाई कोर्ट नाराज, कहा- सुनवाई के दौरान अधिकारी खेलते हैं शपथ पत्र का खेल


अदालत में सुनवाई के दौरान आरएमसी की ओर से बताया कि, हरमू स्थित विद्युत शवदाह गृह के खराब होने के कारण कुछ कठिनाई उत्पन्न हुई थी. उसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर संक्रमितओं की लाश का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. दिल्ली से शवदाह गृह को ठीक करवाने के लिए टेक्नीशियन को बुलाया जा रहा है. 14 अप्रैल तक टेक्नीशियन के आने के बाद हरमू विद्युत शवदाह गृह चालू हो जाएगा और किसी भी तरह की किसी कोई कठिनाई नहीं होगी. अदालत ने जानकारी मांगी कि इसके अलावा भी कोई विद्युत शवदाह गृह रांची में है या नहीं. इस पर उन्होंने कहा कि, 1 शवदाह गृह बनकर तैयार हुआ था, लेकिन अभी तक वह ऑपरेशनल नहीं हुआ. इसलिए दूसरा फिलहाल कोई नहीं है, लेकिन रांची नगर निगम के द्वारा लाश की अंतिम संस्कार के लिए कई विकल्प वैकल्पिक व्यवस्था किए गए हैं, जिससे किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आएगी. अदालत ने कहा कि, पूर्व में ही अधिकारी को इस तरह के कार्य करना चाहिए उन्हें यह सोचना चाहिए कि अगर संक्रमण का व्यवस्था है तो उसमें क्या क्या कठिनाई आ सकती है और उसे दूर करने के लिए कैसी व्यवस्था करनी चाहिए. अधिकारी बेपरवाह तरीके से कार्य कर रहे हैं. ऐसे में कैसे होगा. उन्होंने मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को तय की है. इस बीच अधिकारी को मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

डीसी और नगर निगम के एडिशनल मुंसिपल कमिश्नर ने अदालत में दिया जवाब

12 अप्रैल को सुनवाई के दौरान अदालत को जानकारी दी गई थी कि कोरोना संक्रमितों की लाश की लाइन लगी हुई है और उसका अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. उसी पर अदालत रांची नगर निगम और रांची प्रशासन को अदालत में उपस्थित होकर जवाब पेश करने को कहा था. हाई कोर्ट के उस आदेश के आलोक में 13 अप्रैल को रांची डीसी और रांची नगर निगम के एडिशनल मुंसिपल कमिश्नर उपस्थित होकर अदालत में जानकारी दी. मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी.

रांची: राजधानी रांची में कोरोना वायरस संक्रमितों की लाश की अंतिम संस्कार में आ रही कठिनाई को दूर करने के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान रांची डीसी और रांची नगर निगम के एडिशनल मुंसिपल कमिश्नर उपस्थित हुए. अदालत ने पूछा कि, संक्रमितों की जो लाश है वह अंतिम संस्कार के लिए लाइन में खड़ा है तो क्या किया जा रहा है? क्यों नहीं त्वरित अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था की जा रही है? अदालत ने उन्हें शीघ्र इसकी व्यवस्था करने को कहा है.

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अदालत में सुनवाई के दौरान आरएमसी की ओर से बताया कि, हरमू स्थित विद्युत शवदाह गृह के खराब होने के कारण कुछ कठिनाई उत्पन्न हुई थी. उसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर संक्रमितओं की लाश का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. दिल्ली से शवदाह गृह को ठीक करवाने के लिए टेक्नीशियन को बुलाया जा रहा है. 14 अप्रैल तक टेक्नीशियन के आने के बाद हरमू विद्युत शवदाह गृह चालू हो जाएगा और किसी भी तरह की किसी कोई कठिनाई नहीं होगी. अदालत ने जानकारी मांगी कि इसके अलावा भी कोई विद्युत शवदाह गृह रांची में है या नहीं. इस पर उन्होंने कहा कि, 1 शवदाह गृह बनकर तैयार हुआ था, लेकिन अभी तक वह ऑपरेशनल नहीं हुआ. इसलिए दूसरा फिलहाल कोई नहीं है, लेकिन रांची नगर निगम के द्वारा लाश की अंतिम संस्कार के लिए कई विकल्प वैकल्पिक व्यवस्था किए गए हैं, जिससे किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आएगी. अदालत ने कहा कि, पूर्व में ही अधिकारी को इस तरह के कार्य करना चाहिए उन्हें यह सोचना चाहिए कि अगर संक्रमण का व्यवस्था है तो उसमें क्या क्या कठिनाई आ सकती है और उसे दूर करने के लिए कैसी व्यवस्था करनी चाहिए. अधिकारी बेपरवाह तरीके से कार्य कर रहे हैं. ऐसे में कैसे होगा. उन्होंने मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को तय की है. इस बीच अधिकारी को मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

डीसी और नगर निगम के एडिशनल मुंसिपल कमिश्नर ने अदालत में दिया जवाब

12 अप्रैल को सुनवाई के दौरान अदालत को जानकारी दी गई थी कि कोरोना संक्रमितों की लाश की लाइन लगी हुई है और उसका अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. उसी पर अदालत रांची नगर निगम और रांची प्रशासन को अदालत में उपस्थित होकर जवाब पेश करने को कहा था. हाई कोर्ट के उस आदेश के आलोक में 13 अप्रैल को रांची डीसी और रांची नगर निगम के एडिशनल मुंसिपल कमिश्नर उपस्थित होकर अदालत में जानकारी दी. मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी.

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