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सरकारी जमीन को रैयती बनाने के मामले में हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, अदालत ने राज्य सरकार और ACB से मांगा जवाब

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Published : Jun 19, 2020, 7:59 PM IST

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में शुक्रवार को एक जमीन मामले में सुनवाई की. मामला हजारीबाग के तत्कालीन डीसी सुनील कुमार की पत्नी के नाम से गैरमजरूआ जमीन को खरीदकर रैयती जमीन बनाने के बाद उस पर पेट्रोल पंप लगाने से जुड़ा है. इसकी जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

hearing in high court on land purchase case of Hazaribagh DC
झारखंड हाई कोर्ट

रांची: हजारीबाग के तत्कालीन डीसी सुनील कुमार ने गलत तरीके से गैरमजरूआ जमीन को खरीदकर रैयती बनाया था, जिसपर पेट्रोल पंप लगाई गई है, इस मामले में जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और एसीबी को शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है.

देखें पूरी खबर
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में डीसी सुनील कुमार की पत्नी के नाम से गैरमजरूआ जमीन को रैयती जमीन बनाने के बाद उस पर पेट्रोल पंप लगाने की जो कार्य की गई है, इसकी जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, सरकार के अधिवक्ता और एसीबी के अधिवक्ता अपने-अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सरकार को और एसीबी को शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

ये भी पढ़ें- मैट्रिक-इंटर की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन संपन्न, जुलाई के पहले सप्ताह में जारी होगा रिजल्ट

याचिकाकर्ता अशोक कुमार ने तत्कालीन डीसी हजारीबाग के सुनील कुमार की अपनी पत्नी के नाम से एनएच के सामने की एक गैरमजरूआ जमीन खरीदकर उसे रैयती जमीन में बदली और उस पर पेट्रोल पंप लगाने के मामले की जांच को लेकर जनहित याचिका दायर की थी. उस याचिका पर पूर्व में सुनवाई हुई थी. अदालत ने प्रार्थी को एसीबी में आवेदन देने को कहा था. उन्होंने एसीबी में आवेदन भी दिया, लेकिन उस आवेदन पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाई नहीं हुई. उसके बाद फिर से उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार और एसीबी को जवाब पेश करने को कहा है.

रांची: हजारीबाग के तत्कालीन डीसी सुनील कुमार ने गलत तरीके से गैरमजरूआ जमीन को खरीदकर रैयती बनाया था, जिसपर पेट्रोल पंप लगाई गई है, इस मामले में जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और एसीबी को शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है.

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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में डीसी सुनील कुमार की पत्नी के नाम से गैरमजरूआ जमीन को रैयती जमीन बनाने के बाद उस पर पेट्रोल पंप लगाने की जो कार्य की गई है, इसकी जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, सरकार के अधिवक्ता और एसीबी के अधिवक्ता अपने-अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सरकार को और एसीबी को शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

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याचिकाकर्ता अशोक कुमार ने तत्कालीन डीसी हजारीबाग के सुनील कुमार की अपनी पत्नी के नाम से एनएच के सामने की एक गैरमजरूआ जमीन खरीदकर उसे रैयती जमीन में बदली और उस पर पेट्रोल पंप लगाने के मामले की जांच को लेकर जनहित याचिका दायर की थी. उस याचिका पर पूर्व में सुनवाई हुई थी. अदालत ने प्रार्थी को एसीबी में आवेदन देने को कहा था. उन्होंने एसीबी में आवेदन भी दिया, लेकिन उस आवेदन पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाई नहीं हुई. उसके बाद फिर से उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार और एसीबी को जवाब पेश करने को कहा है.

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