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कोरोना के बढ़ने की यही गति रही तो 15 दिन में डेढ़ हजार से ऊपर हो जाएगा आंकड़ा- स्वास्थ्य सचिव - Health Department press conference on corona in Jharkhand

झारखंड में कोरोना का कहर बढ़ते जा रहा है. झारखंड सरकार लगातार इसे रोकने के लिए कार्य कर रही है. राज्य में कोरोना के बढ़ते संकट को लेकर सरकार की ओर से क्या कदम जा रहे हैं. इसकी जानकारी स्वास्थ्य सचिव, आपदा प्रबंधन के सचिव और पर्यावरण सचिव ने दी.

Health Secretary gave information on conditions of Corona in Jharkhand
कोरोना के हालात पर जानकारी
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Published : May 30, 2020, 4:25 PM IST

रांची: शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल और वन एवं पर्यावरण सचिव ए पी सिंह ने कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना के संकट काल में सरकार की ओर से किए गए कार्यों की जानकारी दी.

ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस

झारखंड में कोरोना के मुख्य नोडल पदाधिकारी और वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जो भी प्रवासी मजदूर वापस आ रहे हैं उनका जिलास्तर पर डाटा बेस तैयार किया जा रहा है, जो 8 से 10 दिनों में तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में लगभग एक लाख प्रवासी मजदूर निजी सुविधाओं और अन्य माध्यमों से राज्य में पहुंचे हैं. इसके अतिरिक्त सरकार के जरिये चलाए गए श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बसों के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को झारखंड लाया गया है.
वहीं उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत अब तक 66 लोगों को विदेश से वापस लाया जा चुका है, जबकि 1 जून तक विदेश में रह रहे 12 और लोगों को झारखंड लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से बांग्लादेश में काम करने वाली भेल कंपनी के 170 कर्मचारियों को वापस लाने के लिए एनओसी दे दी गई है.


अब तक राज्य में कुल 193 ट्रेन मजदूरों को लेकर झारखंड पहुंच चुकी है
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि केंद्र सरकार के जारी किए गए निर्देश के बाद कई राज्यों से लोगों की वापसी हो रही है. अभी तक बस के माध्यम से लगभग एक लाख एक हजार 852 लोग झारखंड वापस आ चुके हैं, वहीं 193 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से झारखंड आ चुकी है और 12 ट्रेनें आगे के लिए शेड्यूल्ड है अभी तक दो लाख 57 हजार 411 प्रवासी मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से राज्य वापस आ चुके है. राज्य में निजी वाहनों से भी आवागमन के लिए पास निर्गत किया जा रहा है. अभी तक कुल 3,58,263 लोगों को झारखंड लाया जा चुका है. वहीं 16875 लोगों को झारखंड से अब तक दूसरे प्रदेश भेजा गया है, जिसमें ट्रेन से जाने वाले 550 लोग शामिल हैं.


स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में फिलहाल लगभग 300 एक्टिव केस हैं, वहीं 212 लोग कोरोना बीमारी से ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किए जा चुके हैं, राज्य में अब तक 57876 टेस्टिंग की जा चुकी है, जिसमें 54612 टेस्टिंग सरकारी लैब में किए गए हैं तो वहीं 3264 टेस्ट निजी लैब में किए गए हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 10 ट्रूनेट मशीन लगा दिए गए हैं, साथ ही 20 नए ट्रूनेट मशीन अगले 1 से 2 दिन में झारखंड पहुंच जाएगा, जिसके बाद राज्य के विभिन्न अस्पतालों में यह मशीन लगा दिया जाएगा.

इसे भी पढे़ं:- झारखंडः प्रवासी मजदूर के मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई, सरकार ने रखा अपना पक्ष

राज्य में अभी ठीक होने का रिकवरी रेट 44.5% है
स्वास्थ सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना से ग्रसित मरीजों को इलाज करने के लिए राज्य में 207 अस्पताल में 8699 बेड तैयार किए गए हैं, जिसमें 3775 बेड पर ऑक्सीजन सपोर्ट की भी व्यवस्था की गई है, जबकि 500 आईसीयू और 215 वेंटिलेटर बेड हैं, वहीं राज्य में अब तक 134 कंटेनमेंट जॉन भी बनाए गए हैं, जहां लोगों के सैंपलों की जांच लगातार जारी है.

रांची: शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल और वन एवं पर्यावरण सचिव ए पी सिंह ने कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना के संकट काल में सरकार की ओर से किए गए कार्यों की जानकारी दी.

ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस

झारखंड में कोरोना के मुख्य नोडल पदाधिकारी और वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जो भी प्रवासी मजदूर वापस आ रहे हैं उनका जिलास्तर पर डाटा बेस तैयार किया जा रहा है, जो 8 से 10 दिनों में तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में लगभग एक लाख प्रवासी मजदूर निजी सुविधाओं और अन्य माध्यमों से राज्य में पहुंचे हैं. इसके अतिरिक्त सरकार के जरिये चलाए गए श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बसों के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को झारखंड लाया गया है.
वहीं उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत अब तक 66 लोगों को विदेश से वापस लाया जा चुका है, जबकि 1 जून तक विदेश में रह रहे 12 और लोगों को झारखंड लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से बांग्लादेश में काम करने वाली भेल कंपनी के 170 कर्मचारियों को वापस लाने के लिए एनओसी दे दी गई है.


अब तक राज्य में कुल 193 ट्रेन मजदूरों को लेकर झारखंड पहुंच चुकी है
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि केंद्र सरकार के जारी किए गए निर्देश के बाद कई राज्यों से लोगों की वापसी हो रही है. अभी तक बस के माध्यम से लगभग एक लाख एक हजार 852 लोग झारखंड वापस आ चुके हैं, वहीं 193 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से झारखंड आ चुकी है और 12 ट्रेनें आगे के लिए शेड्यूल्ड है अभी तक दो लाख 57 हजार 411 प्रवासी मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से राज्य वापस आ चुके है. राज्य में निजी वाहनों से भी आवागमन के लिए पास निर्गत किया जा रहा है. अभी तक कुल 3,58,263 लोगों को झारखंड लाया जा चुका है. वहीं 16875 लोगों को झारखंड से अब तक दूसरे प्रदेश भेजा गया है, जिसमें ट्रेन से जाने वाले 550 लोग शामिल हैं.


स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में फिलहाल लगभग 300 एक्टिव केस हैं, वहीं 212 लोग कोरोना बीमारी से ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज किए जा चुके हैं, राज्य में अब तक 57876 टेस्टिंग की जा चुकी है, जिसमें 54612 टेस्टिंग सरकारी लैब में किए गए हैं तो वहीं 3264 टेस्ट निजी लैब में किए गए हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 10 ट्रूनेट मशीन लगा दिए गए हैं, साथ ही 20 नए ट्रूनेट मशीन अगले 1 से 2 दिन में झारखंड पहुंच जाएगा, जिसके बाद राज्य के विभिन्न अस्पतालों में यह मशीन लगा दिया जाएगा.

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राज्य में अभी ठीक होने का रिकवरी रेट 44.5% है
स्वास्थ सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना से ग्रसित मरीजों को इलाज करने के लिए राज्य में 207 अस्पताल में 8699 बेड तैयार किए गए हैं, जिसमें 3775 बेड पर ऑक्सीजन सपोर्ट की भी व्यवस्था की गई है, जबकि 500 आईसीयू और 215 वेंटिलेटर बेड हैं, वहीं राज्य में अब तक 134 कंटेनमेंट जॉन भी बनाए गए हैं, जहां लोगों के सैंपलों की जांच लगातार जारी है.

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