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स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आप्त सचिव का आरोप, कहा- प्राथमिकी के कागजात में व्हाइटनर लगाकर हटा दिया गया था सरयू राय का नाम

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आप्त सचिव ओम प्रकाश सिंह ने विधायक सरयू राय और तत्कालीन डोरंडा थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. प्रोत्साहन राशि के मामले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से दर्ज एफआईआर के कागजात में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है.

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Health Minister Banna Gupta Aapt Sachiv
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Published : Jun 30, 2023, 8:27 PM IST

रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और पूर्व मंत्री सरयू राय के बीच जारी विवाद के बीच शुक्रवार को बन्ना गुप्ता के आप्त सचिव ओम प्रकाश सिंह ने बड़ा आरोप विधायक सरयू राय और तत्कालीन डोरंडा थाना प्रभारी पर लगाया है. बन्ना गुप्ता के आवास पर संवाददाता सम्मेलन कर ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना प्रोत्साहन राशि वाले मामले में अवर सचिव विजय वर्मा ने गलत तरीके से सरकारी कागजात प्राप्त करने को लेकर डोरंडा थाना में मामला दर्ज कराया था. इस मामले में चाईबासा कोर्ट ने प्रोत्साहन मामले में वारंट जारी किया है. स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव ओमप्रकाश सिंह ने प्राथमिकी में व्हाइटनर लगाकर सरयू राय का नाम हटा कर सचिवालय कर्मी लिख देने का आरोप लगाते हुए राज्य के डीजीपी, रांची के वरीय आरक्षी अधीक्षक से पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है.

ये भी पढ़ें-विधायक सरयू राय का दावा- कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं हुआ जारी, जानबूझ कर अफवाह फैलाने का आरोप

सरयू राय पर लगाया षड्यंत्र करने का आरोपः पहले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता खुद पीसी करने वाले थे, लेकिन एन वक्त पर अपरिहार्य कारण बताकर संवाददाता सम्मेलन करने उनके आप्त सचिव ओमप्रकाश सिंह मीडिया के सामने आए. उन्होंने कहा कि षड्यंत्र सरयू राय की फितरत है. चाईबासा में उनके खिलाफ जो मानहानि का मामला खारिज हुआ है उसका तो वह जिक्र कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दर्ज जिस मामले में उन्हें वारंट हुआ है उसका वह जिक्र नहीं कर रहे हैं. ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दर्ज जो मामले निचली अदालत से खारिज हुआ है उसमें स्वास्थ्य मंत्री ऊपरी अदालत में अपील करेंगे.

अदालत ने भी माना कि एफआईआर से आरोपी का नाम हटाना सही नहींः स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव ने कहा कि डोरंडा थाना में दर्ज स्वास्थ्य विभाग के मामले में षड्यंत्र रचा गया है. अभियुक्त के कॉलम में अभियुक्त का नाम व्हाइटनर से मिटाया गया और उसे कार्यालय कर्मी कर दिया गया. उन्होंने कहा कि यह बड़ा सवाल है कि किस परिस्थिति में अभियुक्त का नाम बदला गया? पूरे मामले पर डीजीपी और वरीय आरक्षी अधीक्षक से कार्रवाई की मांग करते हुए ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि तत्कालीन थाना प्रभारी ने चार दिन बाद माना कि भूलवश सरयू राय का नाम छूट गया था, ऐसा तत्कालीन थाना प्रभारी ने कोर्ट में भी कहा है. उसके बाद मुकदमे से संबंधित मामले में बाद में सरयू राय का नाम अभियुक्त वाले कॉलम में जोड़ा गया है. स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव के कहा कि ऐसी क्या परिस्थितिया पैदा हो गई कि सरयू राय का नाम अपराधी के रूप में चिन्हित किया गया है. एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है.

जानें क्या है पूरा मामलाः झारखंड में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण के दौरान सेवा देने वाले हेल्थ वारियर्स को प्रोत्साहन राशि देने की अनुशंसा की थी. इसी राशि को प्राप्त करने के लिए एक फाइल स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय की ओर से बढ़ी थी. जिसको लेकर विधायक सरयू राय ने यह आरोप लगाया था कि स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय में जितने स्टाफ नहीं हैं, उससे अधिक प्रोत्साहन राशि दी गई है. यहां तक कि उनके सुरक्षाकर्मियों को भी प्रोत्साहन राशि दी गई है. इसको लेकर सरयू राय ने कुछ विभागीय कागजात भी सार्वजनिक किए थे. इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने मानहानि का एक मामला चाईबासा में दर्ज कराया था, जबकि दूसरा मामला विभाग की ओर से (गलत तरीके से सरकारी डाक्यूमेंट्स प्राप्त करने ) का डोरंडा थाना रांची में दर्ज कराया गया था.

रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और पूर्व मंत्री सरयू राय के बीच जारी विवाद के बीच शुक्रवार को बन्ना गुप्ता के आप्त सचिव ओम प्रकाश सिंह ने बड़ा आरोप विधायक सरयू राय और तत्कालीन डोरंडा थाना प्रभारी पर लगाया है. बन्ना गुप्ता के आवास पर संवाददाता सम्मेलन कर ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना प्रोत्साहन राशि वाले मामले में अवर सचिव विजय वर्मा ने गलत तरीके से सरकारी कागजात प्राप्त करने को लेकर डोरंडा थाना में मामला दर्ज कराया था. इस मामले में चाईबासा कोर्ट ने प्रोत्साहन मामले में वारंट जारी किया है. स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव ओमप्रकाश सिंह ने प्राथमिकी में व्हाइटनर लगाकर सरयू राय का नाम हटा कर सचिवालय कर्मी लिख देने का आरोप लगाते हुए राज्य के डीजीपी, रांची के वरीय आरक्षी अधीक्षक से पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है.

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सरयू राय पर लगाया षड्यंत्र करने का आरोपः पहले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता खुद पीसी करने वाले थे, लेकिन एन वक्त पर अपरिहार्य कारण बताकर संवाददाता सम्मेलन करने उनके आप्त सचिव ओमप्रकाश सिंह मीडिया के सामने आए. उन्होंने कहा कि षड्यंत्र सरयू राय की फितरत है. चाईबासा में उनके खिलाफ जो मानहानि का मामला खारिज हुआ है उसका तो वह जिक्र कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दर्ज जिस मामले में उन्हें वारंट हुआ है उसका वह जिक्र नहीं कर रहे हैं. ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दर्ज जो मामले निचली अदालत से खारिज हुआ है उसमें स्वास्थ्य मंत्री ऊपरी अदालत में अपील करेंगे.

अदालत ने भी माना कि एफआईआर से आरोपी का नाम हटाना सही नहींः स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव ने कहा कि डोरंडा थाना में दर्ज स्वास्थ्य विभाग के मामले में षड्यंत्र रचा गया है. अभियुक्त के कॉलम में अभियुक्त का नाम व्हाइटनर से मिटाया गया और उसे कार्यालय कर्मी कर दिया गया. उन्होंने कहा कि यह बड़ा सवाल है कि किस परिस्थिति में अभियुक्त का नाम बदला गया? पूरे मामले पर डीजीपी और वरीय आरक्षी अधीक्षक से कार्रवाई की मांग करते हुए ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि तत्कालीन थाना प्रभारी ने चार दिन बाद माना कि भूलवश सरयू राय का नाम छूट गया था, ऐसा तत्कालीन थाना प्रभारी ने कोर्ट में भी कहा है. उसके बाद मुकदमे से संबंधित मामले में बाद में सरयू राय का नाम अभियुक्त वाले कॉलम में जोड़ा गया है. स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव के कहा कि ऐसी क्या परिस्थितिया पैदा हो गई कि सरयू राय का नाम अपराधी के रूप में चिन्हित किया गया है. एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है.

जानें क्या है पूरा मामलाः झारखंड में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण के दौरान सेवा देने वाले हेल्थ वारियर्स को प्रोत्साहन राशि देने की अनुशंसा की थी. इसी राशि को प्राप्त करने के लिए एक फाइल स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय की ओर से बढ़ी थी. जिसको लेकर विधायक सरयू राय ने यह आरोप लगाया था कि स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय में जितने स्टाफ नहीं हैं, उससे अधिक प्रोत्साहन राशि दी गई है. यहां तक कि उनके सुरक्षाकर्मियों को भी प्रोत्साहन राशि दी गई है. इसको लेकर सरयू राय ने कुछ विभागीय कागजात भी सार्वजनिक किए थे. इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने मानहानि का एक मामला चाईबासा में दर्ज कराया था, जबकि दूसरा मामला विभाग की ओर से (गलत तरीके से सरकारी डाक्यूमेंट्स प्राप्त करने ) का डोरंडा थाना रांची में दर्ज कराया गया था.

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