रांची: देशभर में सौ करोड़ कोरोना टीकाकरण का जश्न मनाया जा रहा है. झारखंड में भी स्वास्थ्य विभाग इसका जश्न मना रहा है. रांची के सदर अस्पताल में सिविल सर्जन की उपस्थिति में हर 100वें लाभुक जो टीका लेने आये थे उन्हें सम्मानित किया गया. वैक्सीनेशन के काम में लगी नर्सों और मेडिकल स्टाफ को भी सिविल सर्जन ने सम्मानित किया और मिठाइयां बांटी.
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एक सवाल यह भी...
वैक्सीनेशन के जश्न के बीच एक वाजिब सवाल यह भी है कि क्या झारखंड में कोरोना से बचाव के लिए लगाए जा रहे टीके की संख्या उस स्तर तक पहुंच गई है कि हम इसका जश्न मनाएं. सूबे में एक करोड़ 34 लाख लोगों को वैक्सीन का पहला डोज ही नहीं पड़ा है. 16 जनवरी से राज्य में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई थी. 18 वर्ष से ऊपर वाले कुल 2 करोड़ 46 लाख 99 हजार लोगों को कोरोना से बचाव का वैक्सीन दिया जाना था. कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होने के नौ महीने होने को है लेकिन अभी तक 1 करोड़ 43 लाख 50 हजार लोगों को ही टीका दिया जा सका है.
45% युवा और 40% बुजुर्ग को नहीं लगा है वैक्सीन का पहला डोज
झारखंड में 1 करोड़ 57 लाख 34 हजार लोग 18 वर्ष से 44 वर्ष के उम्र वाले लोगों की है. इसमें 86 लाख 86 हजार लोगों ने ही वैक्सीन का पहला डोज लिया है, यानि 45% लोगों ने अभी भी वैक्सीन नहीं लिया है. 60+ वाले 32 लाख 31 हजार लोगों को वैक्सीन दिया जाना था जिसमें 19 लाख 47 हजार बुजुर्गों ने ही वैक्सीन का पहला डोज लिया है. 40% बुजुर्ग वैक्सीन के पहले डोज से ही वंचित हैं.
वैक्सीन के दूसरे डोज के मामले में झारखंड की स्थिति और खराब
राज्य में जहां 1 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वैक्सीन के पहले डोज से वंचित हैं वहीं दूसरे डोज में स्थिति और खराब है. राज्य में वैक्सीन के लिए कुल टारगेटेड जनसंख्या के महज 18.93% लोगों ने ही सेकेंड डोज लिया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़े की बात करें जिसमें पहला डोज लेने के बाद दूसरे डोज के लिए अधिकृत हो चुके 70 लाख 28 हजार लोगों में से सिर्फ 46 लाख 76 हजार लोगों ने ही वैक्सीन लेने की बारी आने के बाद वैक्सीन लिया है. यानि 23 लाख 52 हजार (33%) लोगों ने वैक्सीन नहीं लिया है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
रांची के सिविल सर्जन ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से मिले गाइडलाइन के अनुसार यह जश्न मनाया जा रहा है और हर 100वें लाभुक को सम्मानित किया गया है. उन्होंने झारखंड और रांची में बेहतर वैक्सीनेशन का दावा किया तो यह भी माना कि शुरू में वैक्सीन की कमी की वजह से जरूर दिक्कत हुई थी. 13 अक्टूबर की शाम तक के आंकड़े बताते हैं कि अभी भी एक करोड़ से अधिक की आबादी को पहला डोज नहीं मिला है.
सम्मान पाकर वैक्सीनेटर और लाभुक दोनों खुश
नवरात्रि के त्योहार में भी लोगों को टीका देने पहुंची नर्सों और वैक्सीन लेने वाले लाभुक सम्मान पाकर खुश दिखे. वैक्सीनेटर रीना राय ने कहा कि इस तरह के सम्मान से हौसला बढ़ता है. वहीं, टीका के साथ सम्मान में गिफ्ट पाए युवक ने लोगों से वैक्सीन का दूसरा डोज भी लेने की अपील की.