रांची: गौ सेवा आयोग ने राज्य में गायों के संरक्षण के लिए हमारी गौ माता, हमारा दायित्व योजना चलाने का निर्णय लिया है. जिसके तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को झारखंड में गौ सेवा कार्यों से जोड़ने और गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जायेगा. करीब 15 साल के बाद नवगठित झारखंड गौ सेवा आयोग की बैठक बुधवार को नेपाल हाउस डोरंडा के सभागार में हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया.
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राज्य में गौ संरक्षण और गौ संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयास पर चर्चा हुई. गौशालाओं की आत्मनिर्भरता के संबंध में आयोग के स्तर पर चलाई जा रही योजनाओं की भी चर्चा बैठक के दौरान हुई. इसके अलावे मार्केटिंग बोर्ड की आय में से 5% और बाजार समिति के कर संग्रह में आधा फीसदी गो आयोग को देने पर चर्चा की गई.
अतिक्रमित हो रहे गोचर भूमि को बचाने में जुटा आयोग: राज्य में गोचर भूमि के अतिक्रमण पर गो सेवा आयोग की बैठक में विस्तार से चर्चा हुई. विभिन्न जिलों में गोचर भूमि के अतिक्रमण संबंधी विषय सदस्यों द्वारा उठाए जाने के बाद बैठक में सभी जिलों के उपायुक्त के माध्यम से संबंधित गोचर भूमि को चिन्हित कर प्रतिबंधित सूची में डाले जाने और इस भूमि का उपयोग गौ अभयारण्य के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया.
योजना से आम जनमानस को जोड़ा जाएगा: गो सेवा आयोग की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि हमारी गौ माता हमारा दायित्व के जरिए आम जनमानस को जोड़ा जाएगा. जो मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक स्तर पर गौशालाओं में पोषित गोवंशीय पशुओं को गोद लेने के रूप में क्रियान्वित होगा. इस मद में आने वाली दान की राशि सीधे गौशाला के खाते में जमा की जाएगी. जिससे गौशाला का भी विकास हो सके और गौशाला का संरक्षण भी हो सके. इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए आयोग के द्वारा प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जाएगा.