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अब आरयू में एक छत के नीचे होगी 9 क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई, राज्यपाल रमेश बैस ने किया उद्घाटन - शिक्षा खबर

आरयू का जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के नए भवन का राज्यपाल रमेश बैस ने उद्घाटन किया. इसमें एक ही छत के नीचे 9 क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई अब होगी.

Governor Ramesh Bais
राज्यपाल रमेश बैस
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Published : Dec 18, 2021, 4:08 PM IST

Updated : Dec 18, 2021, 6:19 PM IST

रांची: आरयू का जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग नए अंदाज में बनकर तैयार हो गया है. राज्यपाल रमेश बैस ने शनिवार को नए भवन का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह विभाग पूरा राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहा है. यह इस राज्य के लिए गौरव की बात है.

ये भी पढ़ें- नए रूप में बनकर तैयार है आरयू का जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग, बढ़ी रिसर्च की संभावनाएं


रांची विश्वविद्यालय का सबसे पुराना विभागों में से एक जनजाति और क्षेत्रीय भाषा विभाग है. विभाग की स्थापना 1980 में स्वर्गीय राम दयाल मुंडा की अगुवाई में हुई थी. इसी विभाग के बीचो-बीच आदिवासी संस्कृति को संजोने के लिए एक अखड़ा का भी निर्माण हुआ है. यह विभाग काफी उतार-चढ़ाव के साथ आज एक नए रूप में खड़ा है. इस विभाग का नए भवन का उद्घाटन राज्यपाल रमेश बैस ने शनिवार को किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह विभाग राज्य के लिए गौरव है. इस विभाग का विस्तारीकरण आने वाले समय में और होगा. शिक्षकों की कमी भी जल्द से जल्द दूर किया जाएगा. इस विभाग को रिसर्च के लिए भी बेहतर तरीके से डेवलप किया जाएगा.

देखें पूरी खबर
नए भवन में तमाम व्यवस्थाएं उपलब्ध

एक छत के नीचे 9 क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई और शिक्षकों के साथ साथ अलग-अलग फैकल्टी के लिए बैठने की व्यवस्था, लाइब्रेरी की व्यवस्था, कैंटीन की व्यवस्था के साथ ही कई मूलभूत सुविधाओं की मांग उठाई गई थी. हालांकि विद्यार्थियों की इस मांग को अब विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से पूरा कर दिया गया है. यह विभाग अब नए तरीके से सुसज्जित कर दिया गया है. जहां ऑडिटोरियम के साथ-साथ तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं.

9 भाषाओं की पढ़ाई और रिसर्च

झारखंड के संथाली, मुंडारी, नागपुरी, खोरठा, पंचपरगानिया, कुरमाली, बांग्ला, खड़िया, कुडुख जैसे कुल 9 भाषाओं की पढ़ाई पर रिसर्च भी होता है. समय-समय पर देश-विदेश के रिसर्चर यहां पहुंचते हैं. क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा विभाग को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने से अब शोधार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी. अन्य देशों के शोध करने वाले विशेषज्ञ भी यहां पहुंचेंगे. जिससे विद्यार्थियों को काफी लाभ मिलेगा. इस नए भवन में तमाम व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं अब विद्यार्थियों को कई परेशानियों से निजात मिलेगा.

रांची: आरयू का जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग नए अंदाज में बनकर तैयार हो गया है. राज्यपाल रमेश बैस ने शनिवार को नए भवन का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह विभाग पूरा राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहा है. यह इस राज्य के लिए गौरव की बात है.

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रांची विश्वविद्यालय का सबसे पुराना विभागों में से एक जनजाति और क्षेत्रीय भाषा विभाग है. विभाग की स्थापना 1980 में स्वर्गीय राम दयाल मुंडा की अगुवाई में हुई थी. इसी विभाग के बीचो-बीच आदिवासी संस्कृति को संजोने के लिए एक अखड़ा का भी निर्माण हुआ है. यह विभाग काफी उतार-चढ़ाव के साथ आज एक नए रूप में खड़ा है. इस विभाग का नए भवन का उद्घाटन राज्यपाल रमेश बैस ने शनिवार को किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह विभाग राज्य के लिए गौरव है. इस विभाग का विस्तारीकरण आने वाले समय में और होगा. शिक्षकों की कमी भी जल्द से जल्द दूर किया जाएगा. इस विभाग को रिसर्च के लिए भी बेहतर तरीके से डेवलप किया जाएगा.

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नए भवन में तमाम व्यवस्थाएं उपलब्ध

एक छत के नीचे 9 क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई और शिक्षकों के साथ साथ अलग-अलग फैकल्टी के लिए बैठने की व्यवस्था, लाइब्रेरी की व्यवस्था, कैंटीन की व्यवस्था के साथ ही कई मूलभूत सुविधाओं की मांग उठाई गई थी. हालांकि विद्यार्थियों की इस मांग को अब विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से पूरा कर दिया गया है. यह विभाग अब नए तरीके से सुसज्जित कर दिया गया है. जहां ऑडिटोरियम के साथ-साथ तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं.

9 भाषाओं की पढ़ाई और रिसर्च

झारखंड के संथाली, मुंडारी, नागपुरी, खोरठा, पंचपरगानिया, कुरमाली, बांग्ला, खड़िया, कुडुख जैसे कुल 9 भाषाओं की पढ़ाई पर रिसर्च भी होता है. समय-समय पर देश-विदेश के रिसर्चर यहां पहुंचते हैं. क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा विभाग को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने से अब शोधार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी. अन्य देशों के शोध करने वाले विशेषज्ञ भी यहां पहुंचेंगे. जिससे विद्यार्थियों को काफी लाभ मिलेगा. इस नए भवन में तमाम व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं अब विद्यार्थियों को कई परेशानियों से निजात मिलेगा.

Last Updated : Dec 18, 2021, 6:19 PM IST
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