रांची: झारखंड के इकलौते कृषि विश्वविद्यालय बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के 43 वर्ष का हो गया है. बीएयू स्थापना दिवस समारोह में राज्यपाल सीपी राधकृष्णन और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी शामिल हुए. इस दौरान राज्यपाल ने देश के पहले गिलोय प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केंद्र का भी शुभारंभ किया. कृषि कॉलेज ऑडोटोरियम में राज्यपाल ने कहा कि बीएयू ने हाल के दिनों में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ कई एमओयू किये हैं जो सकारात्मक कदम कहा जा सकता है.
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उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इस प्रयास से अन्य संस्थानों से नये विषय और शोध को साझा करने एवं आपसी सहयोग में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को बढ़िया शोध का लाभ हो इसका ध्यान विश्वविद्यालय को रखना चाहिए. राज्यपाल ने किसानों को कृषि तकनीक हस्तांतरित करने पर भी जोर दिया.
राज्यपाल ने कहा कि वह बेसिक कोर्स के अलावा ई-बुक एवं इंटरनेट से अधिक ज्ञान हासिल करें. प्रशासनिक सेवा की तैयारी में भी लगें. राज्यपाल ने कहा कि संस्थानों में संसाधनों का विकास एक सतत प्रक्रिया है. संसाधनों के सही इस्तेमाल से सदा समाज को लाभ मिलना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि धरती आबा का जीवन महज 25 वर्ष का रहा लेकिन उन्होंने समाज के लिए जो किया उसे 25 हजार वर्ष तक याद किया जाएगा. उनके नाम से स्थापित बीएयू का राज्य के कृषि एवं संबंधित क्षेत्र के विकास में अग्रणी भूमिका रही है. राज्यपाल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे.
बीएयू में देश के पहले गिलोय प्रोसेसिंग एवं रिसर्च सेंटर का राज्यपाल सीपी राधकॄष्णन ने उद्घाटन किया. बीएयू के वानिकी संकाय में देश के पहले गिलोय प्रोसेसिंग एवं रिसर्च सेंटर का उद्घाटन करने के बाद राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने केंद्र का जायजा लिया.
केंद्र में स्थापित गिलोय प्रसंस्करण की विभिन्न मशीन को खुद चलाकर देखा. राज्यपाल ने गिलोय रिसर्च सेंटर की स्थापना को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की बड़ी उपलब्धि बताया. कहा कि करीब डेढ़ करोड़ की लागत से केंद्र प्रायोजित आरकेवीआई परियोजना के अधीन स्थापित इस केंद्र से विद्यार्थियों एवं वैज्ञानिकों को बेहतर शोध का अवसर मिलेगा. गिलोय पौधे के प्रसंस्करण से तैयार गिलोय सत्व का आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में उपयोग भी हो सकेगा. उन्होंने बीएयू प्रशासन को सलाह दी कि जरूरी लाइसेंस लेकर गिलोय के टेबलेट एवं कैप्सूल का निर्माण विश्वविद्यालय करे.
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बीएयू के 43वें स्थापना दिवस और गिलोय प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केंद्र के शुभारंभ के दिन को ऐतिहासिक दिन बताया. कहा कि राज्य के 16 जिलों के एक-एक गांव में गिलोय विलेज की स्थापना की जाएगी. चयनित गांवों के किसानों को दो लाख गिलोय के पौधे का वितरण किया जाएगा. ताकि राज्य में गिलोय की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा मिले सके. उन्होंने कहा कि इससे किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी. स्थापना दिवस समारोह में कुलपति डॉ ओएन सिंह, कांके विधायक समरीलाल सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, छात्र-छात्राओं ने भी शिरकत की.