रांची:रांची: देश के 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर रांची के एतिहासिक मोरहाबादी मैदान में झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने झंडा फहराया. देश के साथ ही झारखंड में 72 वें गणतंत्र दिवस की धूम है. डीजीपी, गृह सचिव और मुख्यसचिव की मौजूदगी में राज्यपाल ने परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली.
इस मौके पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए राज्य सरकार की उपलब्धियों और कार्ययोजना के बारे में विस्तार से चर्चा की. इस दौरान राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया भरोसा जताया कि जल्द ही वैश्विक महामारी कोविड-19 पर काबू पा लिया जाएगा.
मोरहाबादी मैदान में फहराया झंडा
मोरहाबादी मैदान में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बताया कि आज ही के दिन हमारा देश एक गौरवशाली गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ था. हमने अपने देश के संविधान को पूर्णता के साथ अपनाया था. इसी संविधान के माध्यम से एक संप्रभु प्रजातंत्र राज्य की नींव रखी गई और नागरिकों के लिए न्याय, समानता, बंधुत्व, धर्म निरपेक्षता और गरिमामय जीवन की वैधानिक परिकल्पना की गई. राजपाल के अनुसार संविधान ही हमारा मार्गदर्शक है जिसके सहारे देश का सर्वांगीण विकास की परी कल्पनाएं पूरी हो रही हैं. गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर राज्यपाल ने देश के उन तमाम शहीदों और विभूतियों का नमन किया, जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए.
करोना महामारी बड़ी चुनौती
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि हम सब जानते हैं कि विगत वर्ष हमारे लिए चुनौतियों से भरा रहा. कोरोना महामारी की विभीषिका ने भारत सहित संपूर्ण विश्व को प्रभावित किया और स्वाभाविक रूप से हमारा राज्य है. इस घातक वायरस के प्रकोप से अछूता नहीं रहा. झारखंड राज्य के समक्ष इस महामारी ने कई प्रकार की चुनौतियां प्रस्तुत की, लेकिन झारखंडवासियों के धैर्य और अनुशासन, कोरोना वायरस के विरुद्ध संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाने वाले हमारे डॉक्टर, चिकित्सा कर्मी, पुलिसकर्मी, स्वच्छताकर्मियों के सहयोग से राज्य सरकार इस महामारी के कुप्रभाव को काफी हद तक कम करने में सफल रही है. नया वर्ष हमारे लिए नई उम्मीद लेकर आया है. कोविड-19 टीकाकरण का शुभारंभ हो चुका है. राज्य भर में जिला अस्पताल और सामुदायिक केंद्र की स्थापना की गई है, जिसके माध्यम से कोविड-19 का टीकाकरण का काम चल रहा है.
राष्ट्र हित सबसे ऊपर
अपने संबोधन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बताया कि झारखंड राज्य में विकास की रणनीति समावेशी न्यायोचित और सतत होने के साथ-साथ आर्थिक प्रगति पर आधारित होगी. झारखंड को देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए सभी लोगों क्षेत्रों और वर्गों को साथ लेकर चलना होगा और राष्ट्रीय हित को सबसे ऊपर रखते हुए सभी को अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा. राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि 29 दिसंबर को हमारी सरकार के प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर राज्य के विकास को गति देने के लिए हमारी सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की है. किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए झारखंड राज्य कृषि ऋण माफी योजना का शुभारंभ किया गया. इस योजना के तहत 31 मार्च 2020 तक के मानक फसल ऋण के तहत 50 हजार तक की बकाया राशि माफ की जाएगी. इसके अतिरिक्त झारखंड सरकार ने झारखंड राज्य फसल राहत योजना के नाम से एक नई योजना की शुरुआत की है. वहीं राज्य में पशुपालन को आजीविका का साधन बनाने के लिए मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का भी शुभारंभ किया गया है.
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रोजगार है सरकार की प्राथमिकता
राजपाल ने अपने संबोधन में बताया कि झारखंड के युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके लिए झारखंड राज्य के गठन के पश्चात पहली बार राज्य सरकार की तरफ से झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विस एग्जामिनेशन रूल्स 2021 का गठन किया गया है. ताकि जेपीएससी की तरफ से नियुक्तियां पारदर्शी और निर्विवाद तरीके से की जा सके. झारखंड लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के लिए कैलेंडर पर जारी किया गया है. झारखंड गठन के बाद पहली बार राज्य में जिला खेल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है.
सबके लिए आवास
राजपाल ने अपने संबोधन में बताया सबके लिए आवास सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है. इसके लिए सारी आवास विहीन लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराया जा रहा है. अब तक कुल 52500 आवासों का गृह प्रवेश करवाया जा चुका है.
महिला सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर
राजपाल ने अपने संबोधन में बताया कि झारखंड सरकार महिला सुरक्षा के प्रति सजग एवं गंभीर है. झारखंड की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 181 हेल्पलाइन की शुरूआत की गई है. इस हेल्पलाइन की तरफ से राज में किसी भी प्रकार के हिंसा से पीड़ित और अन्य किसी भी परिस्थिति में फसी महिला को अविलंब सहायता प्रदान की जा रही है. इसके माध्यम से महिलाओं को पुलिस विधिक सहायता मेडिकल एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही महिलाओं के अवैध और अनैतिक व्यापार की रोकथाम, पीड़ितों के बचाव पुनर्वास और स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है. राज्य के विकास में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य में करीब 2.57 लाख सखी मंडलों का गठन कर लगभग 32.2 लाख परिवारों को इससे जोड़ा जा चुका है. इसके साथ ही आजीविका सशक्तिकरण हुनर अभियान ( ASHA ) के माध्यम से राज्य के 17 लाख परिवारों को आजीविका के सशक्त माध्यम से जोड़ा गया है. सखी मंडलों द्वारा निर्मित उत्पादों को पलाश ब्रांड के जरिए एक नई पहचान देकर करीब 2 लाख ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी सुनिश्चित किया जा रहा है.
शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए नवाचार
सरकार शिक्षा के प्रति सजग एवं संवेदनशील है. सरकार की तरप से शिक्षा के क्षेत्र में नित नए नवाचार किए जा रहे है. इस निमित्त राज्य सरकार की तरफ से 80 उत्कृष्ट विद्यालय और 325 प्रखंड स्तरीय लीडर स्कूल के साथ-साथ 4091 ग्राम पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालयों की परिकल्पना की गयी है. इस के लिए 1885 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है. 29 दिसंबर, 2020 को प्रथम चरण में राज्य के चयनित 27 उत्कृष्ट विद्यालयों (School of Excellence) का शिलान्यास किया गया है. आने वाले दिनों में चरणबद्ध तरीके से सभी 80 उत्कृष्ट विद्यालयों पर कार्य किया जाएगा. इन विद्यालयों को CBSE बोर्ड से भी सम्बद्ध कराया जाएगा.