रांची: कोरोना ने फर्स्ट, सेकंड और थर्ड वेव के दौरान सभी की जिंदगी को किसी न किसी रूप में प्रभावित किया है. किसी की रोजी-रोटी छिन गई तो किसी का रोजगार चौपट हो गया. ऐसे दौर में सरकार से लोगों को काफी उम्मीदें थी. बिरंची नारायण के एक सवाल पर सरकार के जवाब की खूब चर्चा हो रही है. सदन में बिरंचि नारायण ने पूछा कि कोराना काल के दौरान राज्य के सभी 24 जिलों में नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों ने फ्लैट, मकान, दुकान और खाली भूमि के बदले सख्ती के साथ होल्डिंग टैक्स वसूले हैं. लेकिन इसे विपदा का दौर मानते हुए सरकार को पिछले 2 वर्षों का होल्डिंग टैक्स माफ कर देना चाहिए.
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नगर विकास विभाग की तरफ से आए जवाब में स्पष्ट कहा गया है कि होल्डिंग टैक्स माफी से जुड़ा कोई भी मामला सरकार के पास विचाराधीन नहीं है. ऊपर से सरकार की ओर से बताया गया कि झारखंड नगर पालिका अधिनियम 2011 की धारा 152 से प्राप्त शक्तियों के आलोक में नगरपालिका संपत्ति कर (निर्धारण, संग्रहण एवं वसूली) नियमावली, 2013 के तहत नगर निगम क्षेत्र से संपत्ति कर का संग्रहण किया जाता है. इसी के तहत 2018-19 में 111.87 करोड़, 2019-20 में 117.20 करोड़ और 2020-21 में 124.90 करोड़ रु. होल्डिंग टैक्स के रुप में जमा किए गये हैं.
आंकड़े बता रहे हैं कि कोविड काल में भी होल्डिंग टैक्स वसूली में इजाफा हुआ है. हालांकि राहत के बाबत सरकार की तरफ से बताया गया कि साल 2019-20 में कोरोना संक्रमण को देखते हुए 31 मई 2020 तक प्रॉपर्टी टैक्स देने पर ब्याज की राशि के भुगतान से छूट दी गई थी.