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आदिवासियों के विकास के लिए ट्राइबल डेवलपमेंट डिजिटल एटलस तैयार कर रही झारखंड सरकार, आदिवासियों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 28, 2023, 7:42 PM IST

हेमंत सरकार आदिवासियों के विकास के लिए नई पहल शुरू करने जा रही है. सरकार ट्राइबल डेवलपमेंट डिजिटल एटलस तैयार कर आदिवासियों को योजनाओं का लाभ देगी. इसके लिए पहले आदिवासियों का सर्वे किया जाएगा. Tribal Development Digital Atlas for tribals.

Tribal Development Digital Atlas For Tribals
Jharkhand Government Preparing Atlas For Tribals

रांचीः झारखंड में रहने वाले आदिवासियों के लिए राज्य सरकार ट्राइबल डेवलपमेंट डिजिटल एटलस तैयार कर रही है. इसका उद्देश्य आदिवासियों तक सरकारी योजनाओं का लाभ प्रभावी तरीके से पहुंचाना है. इसके पहले अति कमजोर आदिवासी समुदाय का बेसलाइन सर्वे किया जाएगा. इसमें आदिवासी बहुल गांवों की बुनियादी सुविधाओं की वर्तमान स्थिति और विकास के मानक लक्ष्य से क्रिटिकल गैप का आकलन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें-केंद्र सरकार ने दीपावली के मौके पर युवाओं को दिया बड़ा गिफ्ट, रोजगार मेले में 51116 युवाओं को मिला नियुक्ति पत्र

सीएम के निर्देश पर कल्याण विभाग ने योजना पर काम शुरू कियाः प्रत्येक गांव और टोला में शिक्षा, कौशल क्षमता, रोजगार, आय, जीवन स्तर आदि के संबंध में भी ब्योरा तैयार किया जाएगा. राज्य के सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर कल्याण विभाग ने योजना पर काम शुरू कर दिया है.

आदिवासी ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने की मुहिमः सरकार की ओर से बताया गया है कि जनजातीय समूह के लोगों को पक्के आवास, स्वच्छता, पाइपलाइन के जरिए शुद्ध पेयजल, बिजली और सौर विद्युतीकरण, पेंशन, आयुष्मान कार्ड, पीडीएस और ई-श्रम का लाभ, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी तक पहुंच, शिक्षा, सिंचाई हेतु जल की उपलब्धता, हर मौसम में सड़क कनेक्टिविटी, मोटर बाइक एंबुलेंस, मोबाइल स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी, वनोत्पाद आधारित आजीविका सहित अन्य सुविधाओं से जोड़ने की योजनाएं डिजिटल एटलस की मदद से प्रभावी तरीके से पहुंचाई जा सकेंगी.

बताया गया है कि मुख्यमंत्री की पहल पर असुर, कोरबा, माल पहाड़िया, बिरहोर, सबर, बिरजिया, सौर पहाड़िया जैसे आठ अति संवेदनशील जनजातीय समुदाय के युवक-युवतियों के नियोजन के लिए निःशुल्क आवासीय कोचिंग की शुरुआत कुछ माह पूर्व की गई है.

डिजिटल एटलस तैयार होने के बाद योजनाओं के कार्यों में आएगी तेजीः प्रथम चरण में 150 युवाओं को विभिन्न परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाएगा. इसमें 60 से अधिक युवतियां हैं. अति संवेदनशील जनजातीय समुदाय के लिए यह देश का पहला आवासीय कोचिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ है. डिजिटल एटलस तैयार होने के बाद ऐसी योजनाओं को और गति दी जा सकेगी.

इनपुट- आईएएनएस

रांचीः झारखंड में रहने वाले आदिवासियों के लिए राज्य सरकार ट्राइबल डेवलपमेंट डिजिटल एटलस तैयार कर रही है. इसका उद्देश्य आदिवासियों तक सरकारी योजनाओं का लाभ प्रभावी तरीके से पहुंचाना है. इसके पहले अति कमजोर आदिवासी समुदाय का बेसलाइन सर्वे किया जाएगा. इसमें आदिवासी बहुल गांवों की बुनियादी सुविधाओं की वर्तमान स्थिति और विकास के मानक लक्ष्य से क्रिटिकल गैप का आकलन किया जाएगा.

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सीएम के निर्देश पर कल्याण विभाग ने योजना पर काम शुरू कियाः प्रत्येक गांव और टोला में शिक्षा, कौशल क्षमता, रोजगार, आय, जीवन स्तर आदि के संबंध में भी ब्योरा तैयार किया जाएगा. राज्य के सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर कल्याण विभाग ने योजना पर काम शुरू कर दिया है.

आदिवासी ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने की मुहिमः सरकार की ओर से बताया गया है कि जनजातीय समूह के लोगों को पक्के आवास, स्वच्छता, पाइपलाइन के जरिए शुद्ध पेयजल, बिजली और सौर विद्युतीकरण, पेंशन, आयुष्मान कार्ड, पीडीएस और ई-श्रम का लाभ, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी तक पहुंच, शिक्षा, सिंचाई हेतु जल की उपलब्धता, हर मौसम में सड़क कनेक्टिविटी, मोटर बाइक एंबुलेंस, मोबाइल स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी, वनोत्पाद आधारित आजीविका सहित अन्य सुविधाओं से जोड़ने की योजनाएं डिजिटल एटलस की मदद से प्रभावी तरीके से पहुंचाई जा सकेंगी.

बताया गया है कि मुख्यमंत्री की पहल पर असुर, कोरबा, माल पहाड़िया, बिरहोर, सबर, बिरजिया, सौर पहाड़िया जैसे आठ अति संवेदनशील जनजातीय समुदाय के युवक-युवतियों के नियोजन के लिए निःशुल्क आवासीय कोचिंग की शुरुआत कुछ माह पूर्व की गई है.

डिजिटल एटलस तैयार होने के बाद योजनाओं के कार्यों में आएगी तेजीः प्रथम चरण में 150 युवाओं को विभिन्न परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाएगा. इसमें 60 से अधिक युवतियां हैं. अति संवेदनशील जनजातीय समुदाय के लिए यह देश का पहला आवासीय कोचिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ है. डिजिटल एटलस तैयार होने के बाद ऐसी योजनाओं को और गति दी जा सकेगी.

इनपुट- आईएएनएस

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