रांची: राजधानी रांची के सिल्ली में गूंज परिवार के द्वारा 'गूंज विकास महोत्सव' का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य के राज्यपाल रमेश बैस मुख्य अतिथि के रूप में शामिल (Governor Ramesh Bais at Goonj Vikas Mahotsav) हुए. इस मौके पर राज्यपाल ने सिल्ली में पुस्तकालय सह अध्ययन केंद्र का भी उद्घाटन (Governor inaugurates Library cum Study Center ) किया.
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गूंज महोत्सव महिलाओं और युवाओं को समर्पित : गूंज विकास महोत्सव में लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि 18 से 20 दिसंबर तक चलने वाला गूंज विकास महोत्सव महिलाओं और युवाओं को समर्पित किया गया है. जो कि निश्चित रूप से यह दर्शाता है कि जहां पर नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं. उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में नारी को उच्च आदर और सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था. महिलाएं सदैव हमारी सामाजिक सांस्कृतिक और पारिवारिक व्यवस्था की रीढ़ रही है. यदि हम सिंधु घाटी जैसी समृद्ध सभ्यता का अध्ययन करें, तो हम यह पाएंगे कि यह सभ्यता मातृसत्तात्मक रही है.
नारियों का महत्व: गूंज विकास महोत्सव के पहले दिन महिलाओं पर आधारित कार्यक्रम को देखते हुए राज्यपाल ने कहा कि हमारे इतिहास में कई ऐसी नारियों का उल्लेख है, जिन्होंने कला साहित्य और दर्शन के क्षेत्र में ख्याती प्राप्त की है. हमारे प्राचीन साहित्य में शैक्षिक और दार्शनिक वाद- विवादों में स्त्रियों की सक्रिय भागीदारी का उल्लेख है. देश की स्वतंत्रता संग्राम में भी महिलाओं ने सक्रिय योगदान से अपनी अमिट पहचान स्थापित की है.
महिला हर क्षेत्र में: आज महिलाएं सिर्फ सामाजिक आर्थिक रूप से स्वावलंबी ही नहीं बल्कि आज की महिलाएं नीति निर्माता के रूप में भी अपनी पहचान बना चुकी है. दुनिया में ऐसा कोई भी देश नहीं जहां महिलाओं को नजरअंदाज कर विकास संभव हुआ है. गूंज परिवार को महिला शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए निरंतर कोशिश करते रहना चाहिए. किसी भी प्रदेश में पूर्णरूपेण विकसित समाज की परिकल्पना तभी सार्थक हो सकती है, जब वहां की महिलाएं सशक्त और शिक्षित हो.
वहीं उन्होंने 20 दिसंबर का दिन युवाओं को समर्पित किए जाने पर कहा कि युवाओं में मौजूद प्रतिभा को विकसित करने के लिए गूंज परिवार और तेजी से कार्य करें. ताकि यहां की प्रतिभा पूरे देश की शान बने और अन्य लोगों को भी प्रेरित करें. उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सिल्ली में 'झारखंड राज्य खुला विश्वविद्यालय' की भी शुरुआत की जा रही है. जिसे दिल्ली और आस-पास के पड़ोसी राज्यों के युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.