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रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय से पास छात्र करते हैं एटीएम में गार्ड की नौकरी, 8 से 10 हजार मिलती है सैलरी

राज्य में देश का तीसरा रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय का उद्घाटन बड़े ही तामझाम के साथ वर्ष 2016 में किया गया था. लेकिन आज तक इस विश्वविद्यालय को स्थायी रूप से कुलपति भी नहीं मिल पाया है. वहीं पढ़ाई पूरा कर चुके छात्रों को नौकरी के लिए भटकना पड़ रहा है.

रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय
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Published : Jul 23, 2019, 6:46 PM IST

रांची: झारखंड में रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय देश का तीसरा विश्वविघालय है. इसकी स्थापना वर्ष 2016 में बड़े ही धुमधाम से हुआ. इस विश्वविघालय में मुख्य रूप से आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कोर्स की पढ़ाई होती है. रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाने वाली कोर्सों में एमएससी इन फॉरेंसिक साइंस, एमएससी इन क्रिमिनोलॉजी, पोस्ट ग्रैजुएट इन डिप्लोमा इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी, रोड ट्रैफिक मैनेजमेंट, बीएससी ऑनर्स इन फॉरेंसिक साइंस समेत दर्जनों आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कई कोर्स सामिल है.

देखें पूरी खबर

यहां से डीग्री हासिल करने के बाद भी छात्र बेरोजगार हैं. उन्हें नौकरी के नाम पर ठगा जा रहा है. प्रथम सत्र के विद्यार्थियों को चेन्नई में सिक्योरिटी इंचार्ज के नाम पर एटीएम गार्ड की नौकरी दी जा रही है. वह भी 8 से 10 हजार महीने पर नौकरी करने को विवश हैं.

जिस उद्देश्य के साथ इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी, उन उद्देश्यों को यह विश्वविद्यालय पूरा नहीं कर पा रही है. विश्वविद्यालय वीसी का पद अब तक प्रभार पर ही है. नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार को इस विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार देकर वीसी बनाया गया है.

ये भी पढ़ें:- राजधानी में एक और हादसा, स्कूल बस की चपेट में आने से एक छात्र की हुई दर्दनाक मौत

प्रभारी वीसी अजय कुमार से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन इस मामले को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के केंद्रीय सदस्य अटल पांडे ने भी विभाग और वीसी पर विश्वविद्यालयों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है.

रांची: झारखंड में रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय देश का तीसरा विश्वविघालय है. इसकी स्थापना वर्ष 2016 में बड़े ही धुमधाम से हुआ. इस विश्वविघालय में मुख्य रूप से आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कोर्स की पढ़ाई होती है. रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाने वाली कोर्सों में एमएससी इन फॉरेंसिक साइंस, एमएससी इन क्रिमिनोलॉजी, पोस्ट ग्रैजुएट इन डिप्लोमा इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी, रोड ट्रैफिक मैनेजमेंट, बीएससी ऑनर्स इन फॉरेंसिक साइंस समेत दर्जनों आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कई कोर्स सामिल है.

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यहां से डीग्री हासिल करने के बाद भी छात्र बेरोजगार हैं. उन्हें नौकरी के नाम पर ठगा जा रहा है. प्रथम सत्र के विद्यार्थियों को चेन्नई में सिक्योरिटी इंचार्ज के नाम पर एटीएम गार्ड की नौकरी दी जा रही है. वह भी 8 से 10 हजार महीने पर नौकरी करने को विवश हैं.

जिस उद्देश्य के साथ इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी, उन उद्देश्यों को यह विश्वविद्यालय पूरा नहीं कर पा रही है. विश्वविद्यालय वीसी का पद अब तक प्रभार पर ही है. नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार को इस विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार देकर वीसी बनाया गया है.

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प्रभारी वीसी अजय कुमार से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन इस मामले को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के केंद्रीय सदस्य अटल पांडे ने भी विभाग और वीसी पर विश्वविद्यालयों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है.

Intro:स्पेसल।

रांची।


राजधानी रांची में देश का तीसरा रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय का उद्घाटन बड़े ही तामझाम के साथ वर्ष 2016 में किया गया था. इस विश्वविद्यालय में मुख्य रूप से एमएससी इन फॉरेंसिक साइंस, एमएससी इन क्रिमिनोलॉजी ,पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी ,ग्रैजुएट डिप्लोमा इन रोड ट्रैफिक मैनेजमेंट ,बीएससी ऑनर्स इन फॉरेंसिक साइंस समेत दर्जनों आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कोर्स करवाई जाती है. लेकिन कोर्स कंप्लीट होने के बाद यहां के विद्यार्थियों को नियुक्ति के नाम पर विभाग द्वारा ठगा जा रहा है .यह आरोप है विद्यार्थियों का. हालांकि इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय के वीसी समेत विवि प्रशासन कुछ भी बोलने से इंकार कर रही है.


Body:रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में आंतरिक सुरक्षा से जुड़े दर्जनभर से अधिक कोर्सेज करवाई जा रही है .इस सेशन में भी सैकड़ों विद्यार्थियों ने पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी ग्रैजुएट, डिप्लोमा इन रोड ट्रैफिक मैनेजमेंट ,बीएससी ऑनर्स इन फॉरेंसिक साइंस, बीएससी ऑनर्स इन कंप्यूटर एप्लीकेशन एंड साइबर सिक्योरिटी ,सिक्योरिटी मैनेजमेंट डिप्लोमा इन पुलिस सर्टिफिकेट कोर्स इन पुलिस साइंस में विद्यार्थियों में नामांकन करवाया है .लेकिन जिस उद्देश्य के साथ इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया गया था उन उद्देश्यों को यह विश्वविद्यालय पूरा नहीं कर रही है .विश्वविद्यालय के वीसी का पद अब तक प्रभार पर ही है .नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार को इस विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार देकर वीसी बनाए गए हैं. लेकिन जब से विश्वविद्यालय की शुरुआत हुई है. तब से इनके बूते अब तक किसी भी विद्यार्थी का सही जगह पर नियुक्ति नहीं करवाया गया है. वहीं फर्स्ट बैच के विद्यार्थी अब भी इधर उधर भटकने को मजबूर है.

8 से 10 हज़ार के पगार पर चेन्नई में दी एटीएम गार्ड की नौकरी:

प्रथम सत्र के विद्यार्थियों को चेन्नई में सिक्योरिटी इंचार्ज के जगह एटीएम कार्ड और विभिन्न औद्योगिक संस्थानों में गार्ड की नौकरी दे दी गई .वह भी 8 से 10 हज़ार के महीने के पगार पर. फर्स्ट बैच के तमाम विद्यार्थी झारखंड लौट आए हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई आरोप भी लगा रहे हैं .


इस मामले को लेकर हमारी टीम ने विश्वविद्यालय प्रशासन और वीसी से भी बात करने की कोशिश की लेकिन मामले को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं .वहीं मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के केंद्रीय सदस्य अटल पांडे ने भी विभाग और वीसी अजय सिंह पर विश्वविद्यालयों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है.





Conclusion:इस और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को ध्यान देने की जरूरत है .नहीं तो देश का यह तीसरा रक्षा विश्वविद्यालय अपने उद्देश्य को पूरा करने में सफल नहीं हो पाएगी.

बाइट-रोशन कुमार, फर्स्ट बैच स्टूडेंट, रक्षा शक्ती विवि।

बाइट- अटल पांडे ,एबीवीपी ,केंद्रीय सदस्य।
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