रांची: झारखंड में रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय देश का तीसरा विश्वविघालय है. इसकी स्थापना वर्ष 2016 में बड़े ही धुमधाम से हुआ. इस विश्वविघालय में मुख्य रूप से आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कोर्स की पढ़ाई होती है. रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाने वाली कोर्सों में एमएससी इन फॉरेंसिक साइंस, एमएससी इन क्रिमिनोलॉजी, पोस्ट ग्रैजुएट इन डिप्लोमा इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी, रोड ट्रैफिक मैनेजमेंट, बीएससी ऑनर्स इन फॉरेंसिक साइंस समेत दर्जनों आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कई कोर्स सामिल है.
यहां से डीग्री हासिल करने के बाद भी छात्र बेरोजगार हैं. उन्हें नौकरी के नाम पर ठगा जा रहा है. प्रथम सत्र के विद्यार्थियों को चेन्नई में सिक्योरिटी इंचार्ज के नाम पर एटीएम गार्ड की नौकरी दी जा रही है. वह भी 8 से 10 हजार महीने पर नौकरी करने को विवश हैं.
जिस उद्देश्य के साथ इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी, उन उद्देश्यों को यह विश्वविद्यालय पूरा नहीं कर पा रही है. विश्वविद्यालय वीसी का पद अब तक प्रभार पर ही है. नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार को इस विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार देकर वीसी बनाया गया है.
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प्रभारी वीसी अजय कुमार से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन इस मामले को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के केंद्रीय सदस्य अटल पांडे ने भी विभाग और वीसी पर विश्वविद्यालयों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है.