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उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की समीक्षा बैठक, मंत्री ने देसी शराब की बिक्री बढ़ाने पर दिया जोर - MINISTER REVIEW MEETING

रांची में मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की समीक्षा बैठक की. जिसमें राजस्व संग्रह के लिए देसी शराब उत्पादकों टास्क दिया.

Minister Yogendra Prasad review meeting of Excise and Liquor Prohibition Department in Ranchi
मंत्री योगेंद्र प्रसाद (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 2, 2025, 10:44 PM IST

रांचीः शराब बेचकर राजस्व संग्रह करने में जुटी झारखंड सरकार ने अब देसी शराब को अधिक बेचने पर जोर दिया है. गुरुवार 2 जनवरी को उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने रांची में राज्य के आठ देसी शराब उत्पादक कंपनियों के मालिकों के साथ बैठक की.

इस संबंध में विगत वर्षों में देसी शराब की बिक्री में आई कमी पर चिंता जताते हुए इसकी बिक्री बढ़ाने को कहा. इस बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में उत्पाद मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 से लेकर अब तक देसी शराब के उत्पादन में लगातार गिरावट आई है. ऐसा होने से उपभोक्ताओं को शराब नहीं मिल रही है वहीं सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है.

मंत्री योगेंद्र प्रसाद (ETV Bharat)

मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि राज्य में मौजूद आठ देसी शराब उत्पादक अपने उत्पादन बढ़ाने का काम करें अन्यथा दूसरे राज्यों से देसी शराब का आयात किया जाएगा. मार्च महीने में विभाग की ओर से मॉडल शराब दुकान खोलने की तैयारी की जा रही है, जहां उपभोक्ता शराब का सेवन कर सकते हैं.

ग्रामीण उपभोक्ताओं से अपील करते हुए मंत्री ने कहा कि वह महुआ दारू के सेवन से दूर रहे. यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. इस मौके पर उत्पाद मंत्री ने कहा कि शराब से जुड़े उपभोक्ताओं के किसी भी शिकायत के निवारण के लिए सरकार की ओर से टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो त्वरित कार्रवाई करेगी.

चालू वित्तीय वर्ष में 2700 करोड़ का है लक्ष्य

झारखंड सरकार पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2300 करोड़ की उगाही शराब बेचकर की थी इस बार 2700 करोड़ का राजस्व का लक्ष्य है. विभाग ने इसके लिए कई कदम उठाए हैं. विभागीय आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 24 तक करीब 2400 करोड़ की शराब बेचकर विभाग ने कमाई की है. चालू वित्तीय वर्ष के दो महीने शेष हैं जिसमें लक्ष्य को पूरा करने के लिए करीब तीन सौ करोड़ का शराब बेचनी होगी. विभागीय अधिकारी इसे आसानी से पूरा होने का दावा करते हुए कहते हैं कि लक्ष्य से अधिक उत्पाद विभाग राजस्व वसूली में सफल होगा.

इसे भी पढ़ें- पलामू में 3.2 करोड़ के शराब का सेल्समैन ने किया गबन! दर्ज हुए सात एफआईआर - LIQUOR SCAM

इसे भी पढ़ें- नए साल के मौके पर उत्पाद विभाग की कड़ी निगरानी, देवघर से सटे बॉर्डर इलाकों में बढ़ाई गई सुरक्षा - SPECIAL ARRANGEMENTS ON NEW YEAR

इसे भी पढ़ें- गुमला के सरकारी शराब दुकान में चोरी, छत काटकर उड़ा ले गए कैश और वाइन की पेटियां - LIQUOR AND CASH THEFT IN GUMLA

रांचीः शराब बेचकर राजस्व संग्रह करने में जुटी झारखंड सरकार ने अब देसी शराब को अधिक बेचने पर जोर दिया है. गुरुवार 2 जनवरी को उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने रांची में राज्य के आठ देसी शराब उत्पादक कंपनियों के मालिकों के साथ बैठक की.

इस संबंध में विगत वर्षों में देसी शराब की बिक्री में आई कमी पर चिंता जताते हुए इसकी बिक्री बढ़ाने को कहा. इस बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में उत्पाद मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 से लेकर अब तक देसी शराब के उत्पादन में लगातार गिरावट आई है. ऐसा होने से उपभोक्ताओं को शराब नहीं मिल रही है वहीं सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है.

मंत्री योगेंद्र प्रसाद (ETV Bharat)

मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि राज्य में मौजूद आठ देसी शराब उत्पादक अपने उत्पादन बढ़ाने का काम करें अन्यथा दूसरे राज्यों से देसी शराब का आयात किया जाएगा. मार्च महीने में विभाग की ओर से मॉडल शराब दुकान खोलने की तैयारी की जा रही है, जहां उपभोक्ता शराब का सेवन कर सकते हैं.

ग्रामीण उपभोक्ताओं से अपील करते हुए मंत्री ने कहा कि वह महुआ दारू के सेवन से दूर रहे. यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. इस मौके पर उत्पाद मंत्री ने कहा कि शराब से जुड़े उपभोक्ताओं के किसी भी शिकायत के निवारण के लिए सरकार की ओर से टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो त्वरित कार्रवाई करेगी.

चालू वित्तीय वर्ष में 2700 करोड़ का है लक्ष्य

झारखंड सरकार पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2300 करोड़ की उगाही शराब बेचकर की थी इस बार 2700 करोड़ का राजस्व का लक्ष्य है. विभाग ने इसके लिए कई कदम उठाए हैं. विभागीय आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 24 तक करीब 2400 करोड़ की शराब बेचकर विभाग ने कमाई की है. चालू वित्तीय वर्ष के दो महीने शेष हैं जिसमें लक्ष्य को पूरा करने के लिए करीब तीन सौ करोड़ का शराब बेचनी होगी. विभागीय अधिकारी इसे आसानी से पूरा होने का दावा करते हुए कहते हैं कि लक्ष्य से अधिक उत्पाद विभाग राजस्व वसूली में सफल होगा.

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