रांचीः कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मुस्लिम समाज को घरों में ही नमाज पढ़ने की हिदायत दी गई है. एदारा ए शरिया झारखंड के काजीयान ए शरीयत, मुफ्तीयान ए कराम, मस्जिदों के इमाम और जिम्मेदारों की एक महत्वपूर्ण बैठक चीफ काजी ए शरीयत मुफ्ती आबिद हुसैन मिस्बाही की अध्यक्षता में हुई, जिसमे यह महत्पूर्ण फैसला लिया गया. इस निर्णय के बारे में लोगों को मस्जिदों से ऐलान कर बताया जा रहा है.
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कई आदेश जारी
बैठक में कोरोना वायरस और लॉकडाउन को देखते हुए दारुल कजा एदार ए शरिया झारखंड ने पूरे राज्य में निम्न आदेश जारी किए.
(1) कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए, लॉकडाउन रहने तक जुमा नमाज के बदले सभी मुसलमान अपने-अपने घरों में ही जुम्मा की जमात का समय खत्म होते ही जोहर की नमाज घर पर ही अदा करें.
(2) मस्जिद के इमाम, नाएब इमाम, मोआज्जिन, नाएब मोअज्जिन, खतीब और जो लोग मस्जिद परिसर में रहते हैं सिर्फ वही जुमा की नमाज जमात के साथ पढें और नमाज के बाद मस्जिद के दरवाजे बंद कर दें. पंज वक्ता नमाजों का भी यही आदेश है.
(3) लॉकडॉउन के नियमावली का पालन करें. ऐसी विकट स्थिति में शरीयते पाक में रुखसत पर अमल करने की इजाजत है. हुक्म के अनुसार सभी एहतियाती कदम उठाए जाएं, क्योंकि राज्य सरकार की ओर से भीड़ कम करने का आदेश है. खिलाफ वर्जी करने की सूरत में कानूनी तौर पर पकड़ में आना संभव है. इसलिए ऐसी स्थिति में जोश और जुनून में आकर कोई भी काम गैरकानूनी ना करें. ऐसे हालात में आमतौर पर जमात छोड़ने की इजाजत है, यह जुर्म नहीं है.
दारुल कजा के हुक्म के मुताबिक कोरोना वायरस को भगाने के लिए मस्जिदों और अपने अपने घरों पर बगैर माइक के अकेले-अकेले में कोरोना वायरस खत्म होने तक प्रतिदिन सात, सात 7-7 मर्तबा आजान दे. एदार ए शरीया झारखंड ने यह आदेश राज्य के तमाम भागों तक पहुंचा दिया है, इसी के साथ एदारा ने कोरोना वायरस से बचाओ के विभिन्न एहतेयाती कदम लगातार उठा रहा है.