रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले (CM Hemant Soren Office of Profit case) में चुनाव आयोग की रिपोर्ट राजभवन पहुंचते ही झारखंड की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. सत्ता पक्ष झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद ने जहां अपने सभी विधायकों को रांची पहुंचने को कहा है. वहीं, विपक्षी दल बीजेपी ने भी अपने सभी सांसदों और विधायक को रांची में मौजूद रहने का निर्देश दिया है. बीजेपी विधायक और सांसदों को ठहरने के लिए स्टेशन रोड स्थित एक होटल में बकायदे कई रुम बुक कराये गए हैं. जानकारी के मुताबिक बीजेपी के संगठन महामंत्री कर्मवीर लगातार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से बैठक कर वर्तमान राजनीतिक हालात पर रणनीति बनाने में जुटे हैं.
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राज्य की सियासत के लिए अहम दिन: आज झारखंड की सियासत के लिए अहम दिन (Friday is important day for Jharkhand Politics) है. राज्यपाल रमेश बैस के द्वारा चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर मंथन करने के बाद आगे की कार्रवाई करने की संभावना है. जाहिर तौर पर चुनाव आयोग के सीलबंद लिफाफे में बंद हेमंत सरकार की किस्मत के फैसले पर सबकी नजर टिकी हुई है. सियासत के इस खेल में तरह तरह की अटकलें लगाई जा रही है. मगर इतना तो साफ है कि सत्तारूढ़ यूपीए के लिए सत्ता बचाकर रखना प्रतिष्ठा की बात है जिसके लिए हर तरह के विकल्प यूपीए के अंदरखाने में तलाश लिए गये हैं.
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जानकारी के मुताबिक आज यदि राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता को अयोग्य करार दिया जाता है तो वैसी स्थिति में आनन फानन में यूपीए की बैठक बुलाकर रणनीति तय की जायेगी. सीएम आवास में पहले झामुमो विधायक दल की बैठक होगी. वहीं कांग्रेस भी अपने विधायक के साथ अलग से बैठक करने वाली है. कांग्रेस विधायकों की इस बैठक में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे की उपस्थिति की संभावना कम दिख रही है क्योंकि वे हाल ही में कोरोना संक्रमण के कारण बीमार होकर ठीक हुए हैं. इनके स्थान पर पार्टी किसी अन्य केन्द्रीय नेता को झारखंड भेज सकती है. बहरहाल सरकार पर आये संकट से निपटने के लिए यूपीए नेता बदलने की नौबत आने पर भी इसकी तैयारी कर चुकी है जिससे सरकार यूपीए की ही बनी रहे.