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दिव्यांगों के साथ जालसाजी! सरकार से मिले ट्राई साइकिल ले उड़े दलाल, पांच महीने बाद भी प्रशासन अनजान - etv news

रांची के सीआरसी में दिव्यांगों को मिले ट्राई साइकिल और यंत्रों को दलालों ने बेच डाला है. ट्राई साइकिल और यंत्रों के वितरण में दिव्यांग लोहरदगा से रांची पहुंचे थे. उन्हें वे सामान मिले भी, लेकिन बाद में दलालों ने यह कहकर सामान वापस ले लिया कि ये सामान आपके घर पहुंचा दिए जाएंगे. दिव्यांग वापस लौट आए, लेकिन ना तो उन्हें कोई सामान मिला और ना ही इस मामले की शिकायत ही हो पाई.

Fraud with Disabled in Ranchi
Fraud with Disabled in Ranchi
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Published : Jun 24, 2023, 11:29 AM IST

Updated : Jun 24, 2023, 1:56 PM IST

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रांची: झारखंड में दिव्यांगों को सुविधा मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से आए दिन प्रयास किए जाते हैं ताकि दिव्यांगों को कुछ राहत दे सकें. लेकिन दिव्यांगों के लिए सुविधा मुहैया किया जाने वाले यंत्रों को अवैध तरीके से बेच कर दलाल पैसा कमाने में लगे हुए हैं. ये सिलसिला अनवरत जारी है.

यह भी पढ़ें: Bokaro: दिव्यांग जनों को मुफ्त में मिल रही है ट्राई साइकिल, पांच दिवसीय विकलांग सहायता शिविर में मिल रही ये सुविधाएं

ऐसा ही कुछ राजधानी रांची के सीआरसी (कंपोजिट रीजनल सेंटर) में देखने को मिल रहा है. जहां पर लोहरदगा के कई दिव्यांगों को रांची बुलाकर यंत्र और ट्राई साइकिल तो दिया गया, लेकिन वह सामान उनके घर तक नहीं पहुंच पाया. 14 जनवरी को हुए कार्यक्रम में दिव्यांगों को मिले ट्राई साइकिल जब महीनों तक उनके घर नहीं पहुंचा तो दिव्यांगों ने अपने स्तर से छानबीन शुरू की. उन्होंने अपनी समस्या और शिकायत निशक्त लोगों के लिए काम करने वाली मीना कुमारी को बताई. जिस पर मीना कुमारी ने विभाग से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया. 14 जनवरी को दिव्यांगों को दिए गए सामान कहां गए, इसे लेकर जब ईटीवी भारत ने जानकारी लेने की कोशिश की तो पता चला कि दिव्यांगों को बहला फुसला कर जाहिद और मुस्तफा नाम के दो दलालों ने उनके सामान को कहीं बेच दिया.

ट्राई साइकिल और यंत्रों की चाहत में पहुंचे थे दिव्यांग रांची: भुक्तभोगी मोहम्मद मेराज और अबिबुलाह बताते हैं कि लोहरदगा जिले से कई दिव्यांगों को 14 जनवरी 2023 को रांची के सीआरसी कार्यालय सिर्फ इसलिए बुलाया गया था कि उन्हें ट्राई साइकिल और अन्य यंत्र दिए जाएंगे. ट्राई साइकिल और यंत्रों की चाहत में 14 जून को वे रांची पहुंच गए और यहां पर सीआरसी के निदेशक जितेंद्र यादव की मौजूदगी में करीब 55 दिव्यांगों को ट्राई साइकिल और अन्य यंत्र मुहैया भी कराए गए, जिसकी कीमत लाखों में थी. कार्यालय के अंदर अधिकारियों की मौजूदगी में तो सभी को सामान मुहैया करा दिया गया. लेकिन जैसे ही सभी दिव्यांग कार्यालय से बाहर निकले कि वैसे ही दलालों के द्वारा बहला-फुसलाकर सभी दिव्यांगों से सामान तो ले ही लिए गए. साथ ही सरकार की तरफ से जो उन्हें दो-दो सौ रुपए की सहायता राशि दी गई थी, वह भी दलालों ने उनसे वापस ले लिए.

दिव्यांगों को नहीं मिला कोई सामान: दिव्यांगों के लिए काम करने वाली सक्षम संस्था की संचालिका मीना कुमारी बताती हैं कि कई दिव्यांगों के द्वारा उन्हें फोन और व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायत की गई. जिसके बाद उन्होंने पड़ताल किया तो सच में 14 जनवरी को हुए कार्यक्रम में जिन-जिन दिव्यांग जनों को ट्राई साइकिल और अन्य सामग्री उपलब्ध कराए गए थे, उन्हें अब तक कोई भी सामान नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि मुस्तफा और जाहिद नाम के दो दलालों ने सभी दिव्यांग जनों को दिग्भ्रमित कर यह बताया कि कार्यक्रम में जो उन्हें सामग्री मिली है, वह थोड़ी देर में लोहरदगा जिला में पहुंचा दिया जाएगा और फिर उसके बाद सभी के घरों में वितरण किया जाएगा. ग्रामीण और सुदूर क्षेत्र से आने वाले सीधे-साधे दिव्यांग जनों ने दलालों की बात पर भरोसा कर लिया और वह कार्यक्रम में शामिल होने के बाद अपने ट्राइसाइकिल और अन्य महत्वपूर्ण सामानों को दलालों के जिम्मे छोड़ कर चले गए. लेकिन दलालों ने उन सभी सामानों को बेच दिया, जिस वजह से किसी भी दिव्यांग को अब तक सामान उपलब्ध नहीं हो पाया है.

मामले में जांच की आवश्यकता: पूरे मामले पर हमने जब सीआरसी के निदेशक जितेंद्र प्रसाद यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि 14 जनवरी को हुए कार्यक्रम में उनकी तरफ से नियमावली का पालन करते हुए सभी दिव्यांगों को जरूरी सामान उपलब्ध करा दिए गए थे. लेकिन यदि उसके बाद कोई भी व्यक्ति दिव्यांग जनों को दिग्भ्रमित कर उनका सामान उनसे वापस ले लेता है तो इसकी जानकारी दिव्यांग जनों को आकर तुरंत ही सीआरसी सेंटर या फिर वहां पर मौजूद अधिकारियों को देनी थी. लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद मामला प्रकाश में आया है जो कि निश्चित रूप से चिंतनीय है और इस पर जांच करने की आवश्यकता है.

जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई: सीआरसी के निदेशक जितेंद्र प्रसाद यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि पूरे मामले की जानकारी होने के बाद निश्चित रूप से जिन पर आरोप लगा है, उनसे पूछताछ की जाएगी. वहीं उन्होंने बताया कि सीआरसी में जो भी कार्यक्रम होते हैं, वह दिव्यांग जनों के हित के लिए आयोजित किए जाते हैं और यहां पर मिलने वाले सारे उपक्रम दिव्यांग जनों को मुफ्त में मुहैया कराए जाते हैं. ऐसे में यदि कोई भी व्यक्ति उनसे पैसे की मांग या उगाही करने की कोशिश करता है तो तुरंत ही रांची के सीआरसी सेंटर में आकर सूचित करें, ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके. वहीं 14 जनवरी को आयोजित किए गए कार्यक्रम में वितरित किए गए सामानों को अवैध तरीके से बेचे जाने के मामले पर उन्होंने कहा कि यदि लिखित रूप से शिकायत दर्ज कराई जाती है तो निश्चित ही संबंधित लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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रांची: झारखंड में दिव्यांगों को सुविधा मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से आए दिन प्रयास किए जाते हैं ताकि दिव्यांगों को कुछ राहत दे सकें. लेकिन दिव्यांगों के लिए सुविधा मुहैया किया जाने वाले यंत्रों को अवैध तरीके से बेच कर दलाल पैसा कमाने में लगे हुए हैं. ये सिलसिला अनवरत जारी है.

यह भी पढ़ें: Bokaro: दिव्यांग जनों को मुफ्त में मिल रही है ट्राई साइकिल, पांच दिवसीय विकलांग सहायता शिविर में मिल रही ये सुविधाएं

ऐसा ही कुछ राजधानी रांची के सीआरसी (कंपोजिट रीजनल सेंटर) में देखने को मिल रहा है. जहां पर लोहरदगा के कई दिव्यांगों को रांची बुलाकर यंत्र और ट्राई साइकिल तो दिया गया, लेकिन वह सामान उनके घर तक नहीं पहुंच पाया. 14 जनवरी को हुए कार्यक्रम में दिव्यांगों को मिले ट्राई साइकिल जब महीनों तक उनके घर नहीं पहुंचा तो दिव्यांगों ने अपने स्तर से छानबीन शुरू की. उन्होंने अपनी समस्या और शिकायत निशक्त लोगों के लिए काम करने वाली मीना कुमारी को बताई. जिस पर मीना कुमारी ने विभाग से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया. 14 जनवरी को दिव्यांगों को दिए गए सामान कहां गए, इसे लेकर जब ईटीवी भारत ने जानकारी लेने की कोशिश की तो पता चला कि दिव्यांगों को बहला फुसला कर जाहिद और मुस्तफा नाम के दो दलालों ने उनके सामान को कहीं बेच दिया.

ट्राई साइकिल और यंत्रों की चाहत में पहुंचे थे दिव्यांग रांची: भुक्तभोगी मोहम्मद मेराज और अबिबुलाह बताते हैं कि लोहरदगा जिले से कई दिव्यांगों को 14 जनवरी 2023 को रांची के सीआरसी कार्यालय सिर्फ इसलिए बुलाया गया था कि उन्हें ट्राई साइकिल और अन्य यंत्र दिए जाएंगे. ट्राई साइकिल और यंत्रों की चाहत में 14 जून को वे रांची पहुंच गए और यहां पर सीआरसी के निदेशक जितेंद्र यादव की मौजूदगी में करीब 55 दिव्यांगों को ट्राई साइकिल और अन्य यंत्र मुहैया भी कराए गए, जिसकी कीमत लाखों में थी. कार्यालय के अंदर अधिकारियों की मौजूदगी में तो सभी को सामान मुहैया करा दिया गया. लेकिन जैसे ही सभी दिव्यांग कार्यालय से बाहर निकले कि वैसे ही दलालों के द्वारा बहला-फुसलाकर सभी दिव्यांगों से सामान तो ले ही लिए गए. साथ ही सरकार की तरफ से जो उन्हें दो-दो सौ रुपए की सहायता राशि दी गई थी, वह भी दलालों ने उनसे वापस ले लिए.

दिव्यांगों को नहीं मिला कोई सामान: दिव्यांगों के लिए काम करने वाली सक्षम संस्था की संचालिका मीना कुमारी बताती हैं कि कई दिव्यांगों के द्वारा उन्हें फोन और व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायत की गई. जिसके बाद उन्होंने पड़ताल किया तो सच में 14 जनवरी को हुए कार्यक्रम में जिन-जिन दिव्यांग जनों को ट्राई साइकिल और अन्य सामग्री उपलब्ध कराए गए थे, उन्हें अब तक कोई भी सामान नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि मुस्तफा और जाहिद नाम के दो दलालों ने सभी दिव्यांग जनों को दिग्भ्रमित कर यह बताया कि कार्यक्रम में जो उन्हें सामग्री मिली है, वह थोड़ी देर में लोहरदगा जिला में पहुंचा दिया जाएगा और फिर उसके बाद सभी के घरों में वितरण किया जाएगा. ग्रामीण और सुदूर क्षेत्र से आने वाले सीधे-साधे दिव्यांग जनों ने दलालों की बात पर भरोसा कर लिया और वह कार्यक्रम में शामिल होने के बाद अपने ट्राइसाइकिल और अन्य महत्वपूर्ण सामानों को दलालों के जिम्मे छोड़ कर चले गए. लेकिन दलालों ने उन सभी सामानों को बेच दिया, जिस वजह से किसी भी दिव्यांग को अब तक सामान उपलब्ध नहीं हो पाया है.

मामले में जांच की आवश्यकता: पूरे मामले पर हमने जब सीआरसी के निदेशक जितेंद्र प्रसाद यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि 14 जनवरी को हुए कार्यक्रम में उनकी तरफ से नियमावली का पालन करते हुए सभी दिव्यांगों को जरूरी सामान उपलब्ध करा दिए गए थे. लेकिन यदि उसके बाद कोई भी व्यक्ति दिव्यांग जनों को दिग्भ्रमित कर उनका सामान उनसे वापस ले लेता है तो इसकी जानकारी दिव्यांग जनों को आकर तुरंत ही सीआरसी सेंटर या फिर वहां पर मौजूद अधिकारियों को देनी थी. लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद मामला प्रकाश में आया है जो कि निश्चित रूप से चिंतनीय है और इस पर जांच करने की आवश्यकता है.

जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई: सीआरसी के निदेशक जितेंद्र प्रसाद यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि पूरे मामले की जानकारी होने के बाद निश्चित रूप से जिन पर आरोप लगा है, उनसे पूछताछ की जाएगी. वहीं उन्होंने बताया कि सीआरसी में जो भी कार्यक्रम होते हैं, वह दिव्यांग जनों के हित के लिए आयोजित किए जाते हैं और यहां पर मिलने वाले सारे उपक्रम दिव्यांग जनों को मुफ्त में मुहैया कराए जाते हैं. ऐसे में यदि कोई भी व्यक्ति उनसे पैसे की मांग या उगाही करने की कोशिश करता है तो तुरंत ही रांची के सीआरसी सेंटर में आकर सूचित करें, ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके. वहीं 14 जनवरी को आयोजित किए गए कार्यक्रम में वितरित किए गए सामानों को अवैध तरीके से बेचे जाने के मामले पर उन्होंने कहा कि यदि लिखित रूप से शिकायत दर्ज कराई जाती है तो निश्चित ही संबंधित लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jun 24, 2023, 1:56 PM IST
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