झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक 2023 को प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने सभा पटल पर रखा. इस पर आजसू विधायक लंबोदर महतो और माले विधायक विनोद सिंह ने प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव दिया. कहा कि संशोधन के जरिए सरकार ने स्टांप शुल्क को ₹15 से बढ़ाकर ₹30 किया है. राज्य में 33,000 अधिवक्ता हैं. इससे अधिवक्ताओं के कल्याण मद में करीब 9 लाख जाएंगे. यह इतनी बड़ी राशि नहीं है जिससे राज्य सरकार अनुदान के रूप में ना दे पाए. इस संशोधन से यहां की गरीब जनता की जेब पर प्रभाव पड़ेगा.
विधायक विनोद सिंह ने कहा कि स्टांप शुल्क बढ़ाने के पक्ष में हूं. लेकिन संशोधन ऐसे समय में लाया गया जब इसे और समृद्ध करने की जरूरत है. अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि अधिवक्ता के एक्सीडेंट या बीमारी से निधन पर कितनी राशि आश्रितों को मिलेगी. इसलिए पहले इस पर एक नियमावली बनाई जानी चाहिए. इसमें सरकार के अधिवक्ताओं के हित में कल्याण का दायरा बढ़ाना चाहिए. प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 2018 में पारित संकल्प के आधार पर लाया गया है. अधिवक्ताओं के सुझाव के अनुरूप ही बिल लाया गया है. स्टांप शुल्क का पैसा अधिवक्ता ही देते हैं. इसलिए इसको पारित करने में कोई त्रुटि नहीं दिख रही है. इस आधार पर ध्वनि मत से प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया. झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक, 2023 ध्वनिमत से स्वीकृत.
सभा की कार्यवाही गुरुवार 3 अगस्त को 11:00 बजे तक के लिए स्थगित.