रांची: राजधानी में शुक्रवार को एक बड़ा गैंगवार टल गया. हिंदपीढ़ी निवासी कुख्यात अपराधी सोनू इमरोज की हत्या का बदला लेने लिए रांची में गैंगवार की प्लान तैयार की गई थी, जो लोगों की सजगता और हिम्मत की वजह से टल गया. रांची के कुख्यात अपराधी सोनू इमरोज की हत्या पिछले साल बीच बाजार कर दी गई थी.
क्या है मामला
दरअसल, सोनू इमरोज की हत्या में शामिल आरोपी शकील उर्फ कारू लुल्हा शुक्रवार को जेल से छूटने वाला था. जेल से छूटते ही उसकी हत्या की योजना बनाई गई थी. इसके लिए सोनू का भाई मोनू इमरोज उर्फ आफताब आलम सहित छह अपराधी छह लोडेड पिस्टल और एक अतिरिक्त मैगजीन के साथ निकले थे. वे सदर थाना क्षेत्र के कोकर बांधगाड़ी दुर्गा पूजा समिति पंडाल के नजदीक कारू लुल्हा के पहुंचने का इंतजार कर रहे थे. उसी दौरान पंडाल के पास लोगों को शक हुआ, तो घेरकर उन्हें पकड़ लिया गया. हालांकि, मौके से चार लोग ही पकड़े गए. दो लोग मौके से भागने में सफल रहे.
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दुर्गा मां ने बचाया
अपराधियों के पकड़े जाने के बाद इलाके में यह चर्चा जोरों पर थी कि दुर्गा पंडाल में ही अपराधी पकड़ा गया. यह मां दुर्गा की महिमा थी नहीं तो इतने सारे हथियार के साथ अगर अपराधी फायरिंग करते तो उसमें किसी निर्दोष की भी जान जा सकती थी.
कौन कौन पकड़े गए
पकड़े गए अपराधियों में सोनू इमरोज का भाई आफताब आलम उर्फ मोनू इमरोज के अलावा फैजल नवाज, मो. तबरेज और मो. शाहीद अंसारी शामिल हैं. सभी हिंदपीढ़ी के रहने वाले हैं. उनके पास से छह पिस्टल, सात मैगजीन और 22 गोलियां बरामद की गई है. पूछताछ में अपराधियों ने स्वीकार किया है कि वे सोनू की हत्या का बदला लेने पहुंचे थे. कारू लुल्हा को ठीक वैसे ही मारना था, जैसे दिनदहाड़े सोनू की हत्या टैक्सी स्टैंड में कर दी गई थी. इधर, अपराधियों के खुलेआम घूमने से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दुर्गा पूजा के दौरान कड़ी सुरक्षा के दावों के बावजूद बेखौफ अपराधी हथियार के साथ घूम रहे थे.
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मैगजीन लोड करते दिखे तो पकड़े गए
हत्या का प्लान बनाने के बाद सभी बांधगाड़ी पंडाल के पास दो बाइक से पहुंचे थे और पंडाल के पीछे जाकर पिस्टल में मैगजीन लोड कर रहे थे. एक ठेला वाले ने यह देख लिया था. इसकी सूचना पूजा समिति के सदस्यों को दी गई. इसके बाद चारों ओर से घेरकर उन्हें पकड़ लिया गया. पकड़े जाने के बाद यह खबर फैल गई कि वह बांधगाड़ी पूजा समिति के अध्यक्ष रमेश गोप को अपराधी मारने पहुंचे थे. सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से फैल चुकी थी. घटना की सूचना मिलने पर वहां सिटी एसपी हरिलाल चौहान, सदर डीएसपी दीपक कुमार पांडेय, सदर थानेदार वेंकटेश कुमार, बीआईटी मेसरा थाना प्रभारी विरेंद्र कुमार और खेलगांव थाना प्रभारी मेरखा तिर्की सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे थे.
रस्सी से बांधकर पीटा, पुलिस ने बचाया
पंडाल के पास पकड़े जाने के बाद अपराधियों को लोगों ने रस्सी से बांध दिया. इसके बाद जमकर धुनाई की. उनकी बाइक भी तोड़ दी गई. पुलिस की जीप में बैठने के बाद भी लोगों ने उसकी जीप से खींचकर धुनाई की. इस दौरान पुलिस ने उसे बचााय और साथ ले गई. बचाने के दौरान सदर थाना प्रभारी वेंकटेश कुमार के हाथ में चोट भी लगी. पुलिस अगर नहीं बचाती तो दो अपराधियों की मॉब लिंचिंग की घटना हो जाती.
जेल में भी मारपीट की आशंका
मोनू सहित उसके तीन अन्य साथियों के जेल जाने के बाद जेल में भी तनाव की आशंका है. चूंकि जेल में सोनू की हत्या का मुख्य आरोपी शमशाद और चमड़ा छोटू अभी भी जेल में हैं. इससे दोनों के बीच जेल में भी मारपीट की संभावना बनी है. बताते चलें की सोनू की हत्या बीते चार नवंबर 2018 को डेली मार्केट थाना क्षेत्र के टैक्सी स्टैंड के पास कर दी गई थी.