रांचीः देश में कोयला संकट नहीं है. यह संकट केंद्र की बीजेपी सरकार की ओर से बनाया गया है, ताकि कोयले का निजीकरण किया जा सके. कांग्रेस नेता सह पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर निजीकरण की आशंका जाहिर करते हुए झारखंड पर पड़ने वाले प्रभाव की ओर अगाह किया है. डॉ. अजय ने इसकी जानकारी अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर दी है.
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डॉ. अजय ने अपने पत्र में कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार कोयला उद्योग के निजीकरण को लेकर कदम उठा सकती है. इसका झारखंड पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि झारखंड कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. उन्होंने यह भी कहा कि कोयला उद्योग के निजीकरण की वजह से राज्य में प्रदूषण में वृद्धि, जंगलों की कटाई, गरीब आदिवासियों का शोषण, निजी कंपनियों की ओर से खानों का कुप्रबंधन और कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी हो जाएगी.
निजीकरण का करें विरोध
कांग्रेस नेता डॉ. अजय ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए लिखा है कि सरकार कोयला उद्योग के निजीकरण का विरोध करें. हमारे इस कदम से प्राकृतिक संसाधनों को निजी हाथों में जाने से बचाएगा और आदिवासियों के जीवन की रक्षा होगी.