रांचीः लोकसभा चुनाव में नक्सली समर से सहायता लेने के मामले के आरोपी पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार के मामले में बुधवार को फैसला आने की संभावना है. इस फैसले पर पूरे झारखंड के लोगों की नजर है. इससे पहले मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट रांची के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार की अदालत में डॉ. अजय कुमार उपस्थित हुए. अदालत ने उनका बयान दर्ज किया, जिसमें पूर्व सांसद ने अपने आप को बेगुनाह बताया. मामले में बयान दर्ज होने के बाद दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई. बहस पूरी होने के बाद अदालत ने 25 अगस्त को फैसले की तारीख निर्धारित कर दी.
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यह मामला भाजपा नेता डॉ. दिनेश आनंद गोस्वामी की ओर से वर्ष 2011 जमशेदपुर के साकची थाने में कांड संख्या 98/11 के रूप में दर्ज कराया था. इसमें लोकसभा चुनाव में नक्सली समर से मदद लेने और मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया था. डॉक्टर दिनेश गोस्वामी ने पुलिस को बातचीत की एक सीडी भी सौंपी थी. बाद में इस मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया गया और 26 सितंबर 2020 को मुकदमा रांची पहुंचा.
15 वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे जमशेदपुर से सांसद
भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ. अजय कुमार 15 वीं लोकसभा के लिए हुए मध्यावधि चुनाव में 2011 में जमशेदपुर से सांसद चुने गए थे. फिलहाल वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. डॉ. अजय कुमार झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने इस चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के डॉ. दिनेश आनंद गोस्वामी को 1.55 लाख वोट से हराया था. वे 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी विद्युत वरण महतो से 1 लाख मत से चुनाव हार गए थे. बाद में अगस्त में कांग्रेस ज्वाइन कर लिए. 2017 में इन्हें झारखंड कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. कुमार ने सितंबर 2019 में कांग्रेस छोड़ दी और आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर लिया. बाद में 2020 में फिर से कांग्रेस ज्वाइन की.