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Neeraj Singh Murder Case: पूर्व विधायक संजीव सिंह ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांगा 50 लाख रुपये मुआवजा - डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या

नीरज सिंह हत्याकांड (Neeraj Singh Murder Case) के आरोपी बीजेपी के पूर्व विधायक संजीव सिंह (Former MLA Sanjeev Singh) ने झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में याचिका दाखिल कर राज्य सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. संजीव सिंह के अधिवक्ता चंचल जैन ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jun 29, 2021, 2:14 AM IST

Updated : Jun 29, 2021, 6:48 AM IST

रांची: बीजेपी के झरिया विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक और धनबाद के चर्चित नीरज सिंह हत्या (Neeraj Singh Murder Case) मामले के आरोपी संजीव सिंह ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर राज्य सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. यह याचिका पूर्व विधायक संजीव सिंह की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन ने दाखिल की है.

इसे भी पढ़ें: Jharkhand High Court: शराब की थोक बिक्री लाइसेंस के लिए निकाले गए विज्ञापन पर रोक लगाने से इनकार, 26 जुलाई को अगली सुनवाई

अधिवक्ता चंचल जैन ने बताया कि याचिका में सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया गया है. उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक अभी विचाराधीन कैदी हैं और विचाराधीन कैदी को बिना अदालत के अनुमति का सरकार, जहां उनका ट्रायल चल रहा है, वहां से दूसरे जगह नहीं भेज सकती है, विचाराधीन कैदी को अदालत से अनुमति मिलने के बाद ही दूसरे जेल में स्थानांतरित किया जा सकता है, लेकिन झारखंड सरकार के अधिकारियों ने बिना कोर्ट की अनुमति के ही संजीव सिंह को धनबाद जेल से दुमका केंद्रीय कारा भेज दिया.

जानकारी देते अधिवक्ता

कोर्ट की अनुमति के बिना विचाराधीन कैदी को किसी स्थान या जेल में भेजना गलत

चंचल जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने निर्धारित किया है, कि सीआरपीसी की धारा 309 के प्रविधानों के तहत विचाराधीन कैदी को संबंधित जिले की जेल में रखा जाता है, क्योंकि समय-समय पर न्यायालय में उसकी उपस्थित दर्ज होती है, ऐसे में बिना निचली कोर्ट की अनुमति के विचाराधीन कैदी को किसी स्थान या जेल में नहीं भेजा जा सकता है.

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अदालत से मुआवजा पारित करने की मांग

अधिवक्ता ने बताया कि संजीव सिंह की ओर से दुमका जेल भेजने के आदेश के खिलाफ धनबाद के निचली कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, निचली अदालत ने सरकार के अधिकारियों को आदेश दिया था कि, वादी को तत्काल धनबाद जेल वापस लाया जाए, लेकिन उस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया, उन्हें दुमका जेल में रखा जाना अवैध और गैरकानूनी है, ऐसी स्थिति में संजीव सिंह को दुमका जेल भेजने को अवैध घोषित करते हुए उन्हें 50 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश पारित करने का आग्रह अदालत से की गई है.

डिप्टी मेयर नीरज सिंह की 2017 में हत्या

धनबाद के डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या मार्च 2017 में की गई थी. इसी हत्याकांड मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक संजीव सिंह को भी आरोपी बनाया गया है.

रांची: बीजेपी के झरिया विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक और धनबाद के चर्चित नीरज सिंह हत्या (Neeraj Singh Murder Case) मामले के आरोपी संजीव सिंह ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर राज्य सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. यह याचिका पूर्व विधायक संजीव सिंह की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन ने दाखिल की है.

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अधिवक्ता चंचल जैन ने बताया कि याचिका में सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया गया है. उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक अभी विचाराधीन कैदी हैं और विचाराधीन कैदी को बिना अदालत के अनुमति का सरकार, जहां उनका ट्रायल चल रहा है, वहां से दूसरे जगह नहीं भेज सकती है, विचाराधीन कैदी को अदालत से अनुमति मिलने के बाद ही दूसरे जेल में स्थानांतरित किया जा सकता है, लेकिन झारखंड सरकार के अधिकारियों ने बिना कोर्ट की अनुमति के ही संजीव सिंह को धनबाद जेल से दुमका केंद्रीय कारा भेज दिया.

जानकारी देते अधिवक्ता

कोर्ट की अनुमति के बिना विचाराधीन कैदी को किसी स्थान या जेल में भेजना गलत

चंचल जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने निर्धारित किया है, कि सीआरपीसी की धारा 309 के प्रविधानों के तहत विचाराधीन कैदी को संबंधित जिले की जेल में रखा जाता है, क्योंकि समय-समय पर न्यायालय में उसकी उपस्थित दर्ज होती है, ऐसे में बिना निचली कोर्ट की अनुमति के विचाराधीन कैदी को किसी स्थान या जेल में नहीं भेजा जा सकता है.

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अदालत से मुआवजा पारित करने की मांग

अधिवक्ता ने बताया कि संजीव सिंह की ओर से दुमका जेल भेजने के आदेश के खिलाफ धनबाद के निचली कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, निचली अदालत ने सरकार के अधिकारियों को आदेश दिया था कि, वादी को तत्काल धनबाद जेल वापस लाया जाए, लेकिन उस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया, उन्हें दुमका जेल में रखा जाना अवैध और गैरकानूनी है, ऐसी स्थिति में संजीव सिंह को दुमका जेल भेजने को अवैध घोषित करते हुए उन्हें 50 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश पारित करने का आग्रह अदालत से की गई है.

डिप्टी मेयर नीरज सिंह की 2017 में हत्या

धनबाद के डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या मार्च 2017 में की गई थी. इसी हत्याकांड मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक संजीव सिंह को भी आरोपी बनाया गया है.

Last Updated : Jun 29, 2021, 6:48 AM IST
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