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षड्यंत्रकारियों की पनडुब्बी को बेनकाब करना है, किस बात पर बोले सीएम हेमंत सोरेन, पढ़ें रिपोर्ट - झारखंड न्यूज

बुधवार को बीजेपी के पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा जेएमएम में शामिल (Former MLA Jaiprakash Verma joins JMM) हो गए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनका और उनके समर्थकों का अपने आवास पर स्वागत किया.

Former MLA Jaiprakash Verma joins JMM
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Published : Nov 16, 2022, 3:59 PM IST

Updated : Nov 16, 2022, 4:14 PM IST

रांची: गिरिडीह के गांडेय से भाजपा के पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा आज बड़ी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं के साथ झामुमो में शामिल हो गए (Former MLA Jaiprakash Verma joins JMM). मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने अपने आवास पर सभी का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि राज्य के आदिवासियों और मूल वासियों को एक छत के नीचे आना होगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किसी भी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा कि षड्यंत्रकारियों की पनडुब्बी पानी से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है. उसको बेनकाब करने की तैयारी कर रहे हैं. इसका जवाब आप लोगों को देना है. यह तय करना है कि षड्यंत्रकारियों का राज चलेगा या यहां के आदिवासियों और मूल वासियों का. इनको पता है कि अगर यह आदमी 5 साल तक काम किया तो यहां के आदिवासी मूलवासी को इतना मजबूत कर देगा कि उनको बाहर जाना होगा. मिलकर लड़ाई लड़नी है. राज्य का विकास करना है. आप सभी को झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवार में स्वागत करते हैं.

ये भी पढ़ें- बाबूलाल मरांडी ने सीएम पर साधा निशाना, कहा- हेमंत जी अंहकार तो रावण का भी नहीं रहा, हम-आप क्या हैं?

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य तो हमने ले लिया लेकिन दुर्भाग्य से राज्य की दिशा देने का काम ऐसे लोगों के हाथ में चला गया, जो राज्य के घोर विरोधी रहे हैं. जिन लोगों का यहां के जल, जंगल, जमीन से कोई लेना-देना नहीं रहा, वे लोग इस राज्य के बारे में कैसे संवेदनशील हो सकते हैं. 20 साल का समय काल दर्दनाक और पीड़ादायक रहा. कई घटनाओं से इसका अंदाजा लगा सकते हैं. यहां के किसान, मजदूर, पढ़े लिखे नौजवान सब के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया. यहां के कर्मचारियों तक को नहीं छोड़ा. अधिकार के लिए सड़कों पर उतरने वालों पर लाठियां बरसाई गई. हक और अधिकार की मांग करते हुए कई लोग शहीद हो गए. पारा शिक्षक और आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को बहुत कष्ट उठाने पड़े.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

2019 के राजनीतिक लड़ाई में हम लोगों ने मजबूत गठबंधन कांग्रेस, राजद और झामुमो के साथ मिलकर बनाया. जनता ने हमारी बातों पर विश्वास किया. सत्ता संभालते ही कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से सामना हुआ. अचानक लॉक डाउन लगा. दूसरे प्रदेशों में काम कर रहे हैं हमारे मजदूरों को निकाल दिया गया. लोग अपने घर भी नहीं आ पा रहे थे. ऐसी स्थिति में हमने अपने मजदूरों को बस, ट्रेन और हवाई जहाज से लाया. सभी को मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराया.

राज्य बनने के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब गांव गांव पंचायत पंचायत अधिकारी जा रहे हैं. ऑन स्पॉट आवेदन का निपटारा हो रहा है. 1932 पर आधारित स्थानीयता और ओबीसी को आरक्षण दिया.

रांची: गिरिडीह के गांडेय से भाजपा के पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा आज बड़ी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं के साथ झामुमो में शामिल हो गए (Former MLA Jaiprakash Verma joins JMM). मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने अपने आवास पर सभी का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि राज्य के आदिवासियों और मूल वासियों को एक छत के नीचे आना होगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किसी भी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा कि षड्यंत्रकारियों की पनडुब्बी पानी से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है. उसको बेनकाब करने की तैयारी कर रहे हैं. इसका जवाब आप लोगों को देना है. यह तय करना है कि षड्यंत्रकारियों का राज चलेगा या यहां के आदिवासियों और मूल वासियों का. इनको पता है कि अगर यह आदमी 5 साल तक काम किया तो यहां के आदिवासी मूलवासी को इतना मजबूत कर देगा कि उनको बाहर जाना होगा. मिलकर लड़ाई लड़नी है. राज्य का विकास करना है. आप सभी को झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवार में स्वागत करते हैं.

ये भी पढ़ें- बाबूलाल मरांडी ने सीएम पर साधा निशाना, कहा- हेमंत जी अंहकार तो रावण का भी नहीं रहा, हम-आप क्या हैं?

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य तो हमने ले लिया लेकिन दुर्भाग्य से राज्य की दिशा देने का काम ऐसे लोगों के हाथ में चला गया, जो राज्य के घोर विरोधी रहे हैं. जिन लोगों का यहां के जल, जंगल, जमीन से कोई लेना-देना नहीं रहा, वे लोग इस राज्य के बारे में कैसे संवेदनशील हो सकते हैं. 20 साल का समय काल दर्दनाक और पीड़ादायक रहा. कई घटनाओं से इसका अंदाजा लगा सकते हैं. यहां के किसान, मजदूर, पढ़े लिखे नौजवान सब के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया. यहां के कर्मचारियों तक को नहीं छोड़ा. अधिकार के लिए सड़कों पर उतरने वालों पर लाठियां बरसाई गई. हक और अधिकार की मांग करते हुए कई लोग शहीद हो गए. पारा शिक्षक और आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को बहुत कष्ट उठाने पड़े.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

2019 के राजनीतिक लड़ाई में हम लोगों ने मजबूत गठबंधन कांग्रेस, राजद और झामुमो के साथ मिलकर बनाया. जनता ने हमारी बातों पर विश्वास किया. सत्ता संभालते ही कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से सामना हुआ. अचानक लॉक डाउन लगा. दूसरे प्रदेशों में काम कर रहे हैं हमारे मजदूरों को निकाल दिया गया. लोग अपने घर भी नहीं आ पा रहे थे. ऐसी स्थिति में हमने अपने मजदूरों को बस, ट्रेन और हवाई जहाज से लाया. सभी को मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराया.

राज्य बनने के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब गांव गांव पंचायत पंचायत अधिकारी जा रहे हैं. ऑन स्पॉट आवेदन का निपटारा हो रहा है. 1932 पर आधारित स्थानीयता और ओबीसी को आरक्षण दिया.

Last Updated : Nov 16, 2022, 4:14 PM IST
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