रांची: सिल्ली विधानसभा के पूर्व विधायक अमित महतो ने मंगलवार 27 जून को रांची व्यवहार न्यायालय में सरेंडर कर दिया है. जिला व्यवहार न्यायालय के एडीज 18 के समक्ष अमित महतो ने सरेंडर किया, इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
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इस मामले को लेकर अमित महतो के वकील ने बताया कि वर्ष 2006 में तत्कालीन अंचलाधिकारी आलोक कुमार के द्वारा उनके मुवक्किल पूर्व विधायक अमित महतो पर मुकदमा दायर किया गया था. जिसको लेकर वर्ष 2018 में दो साल की सजा सुनायी गई. जिसके बाद अमित महतो के वकील ने झारखंड हाई कोर्ट में अपील की, जिस पर हाई कोर्ट ने अमित महतो की सजा को कम करते हुए एक साल कर दिया. वहीं वर्ष 2022 में खतियानी के आधार पर नियोजन नीति के खिलाफ विधानसभा घेराव को लेकर भी हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज कर दी गई है.
इसी दोनों मामले को लेकर पूर्व विधायक ने मंगलवार को रांची सिविल कोर्ट में सरेंडर किया, जहां से अमित महतो को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. जेल जाने से पहले पूर्व विधायक अमित महतो ने कहा कि सरकार की तरफ से साजिश कर उन्हें फंसाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि झारखंड के खतियानियों की आवाज को दबाया जा सके. पूर्व विधायक ने कहा कि झारखंड खतियानी पार्टी से वह राज्य के खतियानियों की आवाज को बुलंद करेंगे. अगर जरूरत पड़ी तो अपनी पार्टी से ही चुनाव लड़कर और मजबूत बनकर सड़क से लेकर सदन तक खतियानियों के हक की मांग करेंगे.