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भारत बंद को वेजफेड के पूर्व निदेशक ने बताया विफल, कहा- सड़कों में सिर्फ राजनीतिक दल के लोग आए नजर

झारखंड में भारत बंदी को लेकर तमाम राजनीतिक दल सड़क पर उतरे. लेकिन भारत बंद को वेजफेड के पूर्व निदेशक ने विफल बताया है.

Former Director of vagefate said India bandh failed in ranchi
Former Director of vagefate said India bandh failed in ranchi
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Published : Dec 8, 2020, 8:35 PM IST

रांची: केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानून पारित करने के बाद पूरे देश भर में किसानों के नाम पर राजनीति गहमागहमी चरम पर शुरू हो गई है. मंगलवार को किसानों ने भारत बंद बुलाया था जिसका राजनीतिक दलों ने समर्थन किया था. इस दौरान राजधानी रांची कांग्रेस झामुमो, आरजेडी, सीपीआई के नेता और कार्यकर्ता भी सड़कों पर नजर आए.

देखें पूरी खबर

किसानों के नाम पर राजनीति

इस बंद को लेकर वेजफेड के पूर्व निदेशक सह उत्कृष्ट किसान नकुल महतो के नेतृत्व में कांके प्रखंड के किसानों ने एक संवाददाता सम्मेलन कर बंदी को विफल बताया. उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीति हो रही है. सड़कों पर जो लोग भी बंद के समर्थन में नजर आए वह सिर्फ राजनीतिक दल के लोग थे, उनमें से कोई भी किसान नहीं था.

इसे भी पढ़ें- जमशेदपुर पहुंचे सांसद दीपक प्रकाश, झारखंड सरकार पर जमकर बोला हमला

क्या है पूर्व निदेशक का कहना

वेजफेड के पूर्व निदेशक सह उत्कृष्ट किसान नकुल महतो ने कृषि कानून बिल का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की ओर लागू नए कृषि कानून से किसानों को लाभ होगा, जिससे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होना है. लेकिन जिस प्रकार बंद का वाहन किया गया, उससे सिर्फ किसानों का नुकसान हुआ है. एक किसान, एक बाजार, एक देश जब होगा, तो किसानों की फसल को हर जगह अधिक दाम मिलेगा और इससे सिर्फ किसान को ही फायदा मिलेगा और अपने उत्पादन को कहीं भी और कोई भी मंडी में ले जाकर बिक्री कर सकते हैं.

राज्य सरकार पर साधा निशाना

पूर्व निर्देशक ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार अगर किसानों की हितैषी होती, तो धान खरीद पर रोक नहीं लगाती. धान खरीद पर रोक लगाकर राज्य सरकार खुद बिजी है. नई कृषि कानून के प्रति किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है. जानकारी के अभाव के कारण कुछ किसानों को गुमराह किया जा रहा है और उन्हें आगे कर कुछ राजनीतिक पार्टियां अपनी रोटी सेक कर रही है.

रांची: केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानून पारित करने के बाद पूरे देश भर में किसानों के नाम पर राजनीति गहमागहमी चरम पर शुरू हो गई है. मंगलवार को किसानों ने भारत बंद बुलाया था जिसका राजनीतिक दलों ने समर्थन किया था. इस दौरान राजधानी रांची कांग्रेस झामुमो, आरजेडी, सीपीआई के नेता और कार्यकर्ता भी सड़कों पर नजर आए.

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किसानों के नाम पर राजनीति

इस बंद को लेकर वेजफेड के पूर्व निदेशक सह उत्कृष्ट किसान नकुल महतो के नेतृत्व में कांके प्रखंड के किसानों ने एक संवाददाता सम्मेलन कर बंदी को विफल बताया. उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीति हो रही है. सड़कों पर जो लोग भी बंद के समर्थन में नजर आए वह सिर्फ राजनीतिक दल के लोग थे, उनमें से कोई भी किसान नहीं था.

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क्या है पूर्व निदेशक का कहना

वेजफेड के पूर्व निदेशक सह उत्कृष्ट किसान नकुल महतो ने कृषि कानून बिल का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की ओर लागू नए कृषि कानून से किसानों को लाभ होगा, जिससे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होना है. लेकिन जिस प्रकार बंद का वाहन किया गया, उससे सिर्फ किसानों का नुकसान हुआ है. एक किसान, एक बाजार, एक देश जब होगा, तो किसानों की फसल को हर जगह अधिक दाम मिलेगा और इससे सिर्फ किसान को ही फायदा मिलेगा और अपने उत्पादन को कहीं भी और कोई भी मंडी में ले जाकर बिक्री कर सकते हैं.

राज्य सरकार पर साधा निशाना

पूर्व निर्देशक ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार अगर किसानों की हितैषी होती, तो धान खरीद पर रोक नहीं लगाती. धान खरीद पर रोक लगाकर राज्य सरकार खुद बिजी है. नई कृषि कानून के प्रति किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है. जानकारी के अभाव के कारण कुछ किसानों को गुमराह किया जा रहा है और उन्हें आगे कर कुछ राजनीतिक पार्टियां अपनी रोटी सेक कर रही है.

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