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'बिहार में लगातार बढ़ रहा अपराध का ग्राफ, अपराधियों को पकड़ने में पुलिस नाकाम'

बिहार में लगातार अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. वहीं पुलिस अपराधियों को पकड़ने में विफल साबित हो रही है. पूर्व डीजी का कहना है कि बिहार पुलिस को फिलहाल गस्ती पर काफी जोर देने की जरूरत है.

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बिहार में लगातार बढ़ रहा अपराध का ग्राफ
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Published : Jan 20, 2021, 11:01 PM IST

पटना: राजधानी समेत पूरे बिहार में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. चर्चित रूपेश हत्याकांड में 8 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक पुलिस एक भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. हालांकि बिहार के डीजीपी ने इस मामले का खुलासा करते हुए कहा कि रूपेश की हत्या पार्किंग विवाद में हुआ है. अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.

विपक्ष लगातार खड़ा कर रहा सवाल
विपक्ष द्वारा लगतार सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़ा किया जा रहा है कि यह मामला ज्यादा तूल ना पकड़े, जिसकी वजह से इस मामले को दूसरा एंगेल देकर दबाया जा रहा है. हालांकि अब यह देखना होगा कि बिहार पुलिस इस मामले में कब तक अपराधियों को पकड़ने में कामयाब हो पाती है. राजधानी पटना में ऐसे कई हत्याकांड विगत महीनों में हुए हैं, जिनमें पुलिस महीनों बीत जाने के बाद भी ना ही हत्या का कारण पता लगा पायी है और ना ही हत्यारों को पकड़ पाई है.

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जानकारी देते पूर्व डीजी एसके भारद्वाज

प्रॉपर्टी डीलर की हत्या
23 अगस्त 2020 को बेउर थाना के पास प्रॉपर्टी डीलर के कार्यालय में बाइक सवार अपराधियों ने गोलीबारी कर चार लोगों को घायल कर दिया था. जिसमें से एक प्रोपर्टी डीलर की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी. इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया था और 4 महीने बाद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. वही पटना के अक्टूबर महीने में बेउर थाना अंतर्गत तेज प्रताप नगर में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. भाजपा नेता राजेश कुमार झा अपने आवास से मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे, तभी अपराधियों द्वारा उन्हें गोली मारकर घटना को अंजाम दिया गया था.

छात्र की गोली मारकर हत्या
अब तक इस मामले में एक भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. 2 अक्टूबर महीने में अथमलगोला के रहने वाले छात्र राजा कुमार की खगोल लख पर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में भी हत्यारों तक अब तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है. वहीं नौबतपुर थाना के सरारी गांव में सितंबर महीने में अपराधियों द्वारा दानापुर कोर्ट जा रहे वकील हरेंद्र सिंह की गोली मार कर हत्या की गई थी. इस मामले में भी अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. सितंबर माह में सिटी अंतर्गत खाजकलां थाना के पास जमीन कारोबारी शिव शंकर की गोली मार कर हत्या की गई थी. इस मामले में भी पुलिस के हाथ खाली हैं.

बिहार में अपराध का बढ़ा ग्राफ
कई हाई प्रोफाइल हत्याकांड में महीनों बीत जाने के बाद भी अपराधी पुलिस की गिरफ्त से फरार है. हालांकि इन मामलों में पुलिस मुख्यालय कुछ भी बोलने से बच रही है. पूरे बिहार में इन दिनों अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. पुलिस मुख्यालय द्वारा बिहार में बढ़ रहे अपराध की रोकथाम के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं. राजधानी पटना समेत बिहार के उन जिलों के अंतर्गत आने वाले थानों में जहां पर पिछले दिनों ज्यादातर घटनाएं घटित हुई हैं या जघन्य अपराध जैसी घटना हुई है, उन स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है. उन थानों में लंबित कांडों के अनुसंधान के साथ-साथ फरार अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया गया है.

ये भी पढ़ें: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

"पुलिस को अपराध रोकथाम के लिए बिट पेट्रोलिंग करना होगा. जो पहले अंग्रेजों के जमाने में भी होता था. प्रत्येक थाना अंतर्गत थाने के अधिकारी और कर्मचारी को उनका क्षेत्र बांटकर उनकी जवाबदेही तय करनी होगी. इससे वह वहां के आम लोगों से अच्छा संबंध बना सकेंगे. जिससे अपराध रोकथाम के लिए बड़ी कामयाबी हासिल मिल सकती है. बिहार पुलिस को फिलहाल गस्ती पर काफी जोर देने की जरूरत है" -पूर्व डीजी एसके भारद्वाज

विशेष टीम का गठन
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार की मानें तो फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है और मुख्यालय लेवल से लगातार समीक्षा की जा रही है.

पटना: राजधानी समेत पूरे बिहार में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. चर्चित रूपेश हत्याकांड में 8 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक पुलिस एक भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. हालांकि बिहार के डीजीपी ने इस मामले का खुलासा करते हुए कहा कि रूपेश की हत्या पार्किंग विवाद में हुआ है. अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.

विपक्ष लगातार खड़ा कर रहा सवाल
विपक्ष द्वारा लगतार सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़ा किया जा रहा है कि यह मामला ज्यादा तूल ना पकड़े, जिसकी वजह से इस मामले को दूसरा एंगेल देकर दबाया जा रहा है. हालांकि अब यह देखना होगा कि बिहार पुलिस इस मामले में कब तक अपराधियों को पकड़ने में कामयाब हो पाती है. राजधानी पटना में ऐसे कई हत्याकांड विगत महीनों में हुए हैं, जिनमें पुलिस महीनों बीत जाने के बाद भी ना ही हत्या का कारण पता लगा पायी है और ना ही हत्यारों को पकड़ पाई है.

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जानकारी देते पूर्व डीजी एसके भारद्वाज

प्रॉपर्टी डीलर की हत्या
23 अगस्त 2020 को बेउर थाना के पास प्रॉपर्टी डीलर के कार्यालय में बाइक सवार अपराधियों ने गोलीबारी कर चार लोगों को घायल कर दिया था. जिसमें से एक प्रोपर्टी डीलर की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी. इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया था और 4 महीने बाद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. वही पटना के अक्टूबर महीने में बेउर थाना अंतर्गत तेज प्रताप नगर में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. भाजपा नेता राजेश कुमार झा अपने आवास से मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे, तभी अपराधियों द्वारा उन्हें गोली मारकर घटना को अंजाम दिया गया था.

छात्र की गोली मारकर हत्या
अब तक इस मामले में एक भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. 2 अक्टूबर महीने में अथमलगोला के रहने वाले छात्र राजा कुमार की खगोल लख पर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में भी हत्यारों तक अब तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है. वहीं नौबतपुर थाना के सरारी गांव में सितंबर महीने में अपराधियों द्वारा दानापुर कोर्ट जा रहे वकील हरेंद्र सिंह की गोली मार कर हत्या की गई थी. इस मामले में भी अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. सितंबर माह में सिटी अंतर्गत खाजकलां थाना के पास जमीन कारोबारी शिव शंकर की गोली मार कर हत्या की गई थी. इस मामले में भी पुलिस के हाथ खाली हैं.

बिहार में अपराध का बढ़ा ग्राफ
कई हाई प्रोफाइल हत्याकांड में महीनों बीत जाने के बाद भी अपराधी पुलिस की गिरफ्त से फरार है. हालांकि इन मामलों में पुलिस मुख्यालय कुछ भी बोलने से बच रही है. पूरे बिहार में इन दिनों अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. पुलिस मुख्यालय द्वारा बिहार में बढ़ रहे अपराध की रोकथाम के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं. राजधानी पटना समेत बिहार के उन जिलों के अंतर्गत आने वाले थानों में जहां पर पिछले दिनों ज्यादातर घटनाएं घटित हुई हैं या जघन्य अपराध जैसी घटना हुई है, उन स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है. उन थानों में लंबित कांडों के अनुसंधान के साथ-साथ फरार अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया गया है.

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"पुलिस को अपराध रोकथाम के लिए बिट पेट्रोलिंग करना होगा. जो पहले अंग्रेजों के जमाने में भी होता था. प्रत्येक थाना अंतर्गत थाने के अधिकारी और कर्मचारी को उनका क्षेत्र बांटकर उनकी जवाबदेही तय करनी होगी. इससे वह वहां के आम लोगों से अच्छा संबंध बना सकेंगे. जिससे अपराध रोकथाम के लिए बड़ी कामयाबी हासिल मिल सकती है. बिहार पुलिस को फिलहाल गस्ती पर काफी जोर देने की जरूरत है" -पूर्व डीजी एसके भारद्वाज

विशेष टीम का गठन
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार की मानें तो फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है और मुख्यालय लेवल से लगातार समीक्षा की जा रही है.

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