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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रघुवर दास की खुली चिट्ठी, जिद छोड़ने की अपील की

झारखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (संवर्धन एवं विकास) विधेयक, 2022 को लेकर राज्य में राजनीति हो रही है. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इसे वापस लेने का आग्रह किया है.

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Published : May 20, 2022, 4:58 PM IST

रांची: झारखंड में चल रहे सियासी घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम पत्र जारी कर जिद छोड़ने की अपील की है. मामला किसानों और व्यापारियों से जुड़ा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि झारखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (संवर्धन एवं विकास) विधेयक, 2022 के विरोध में खाद्यान्न व्यापारी आंदोलनरत हैं. सरकार की जिद की वजह से खाद्यान्न का उठाव बंद है. इसकी वजह से राज्य में अनाज की किल्लत होने लगी है.

उन्होंने जानकारों के हवाले से कहा है कि विधेयक की धारा 6 के तहत 2 प्रतिशत कृषि बाजार शुल्क लगाने का प्रावधान किया गया है. लेकिन जानकारों का कहना है कि इस व्यवस्था के लागू होने से झारखंड के लोगों को 4 से 5 प्रतिशत महंगा अनाज खरीदना पड़ेगा. साथ ही इंस्पेक्टर राज की वजह से भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा.

रघुवर दास ने अपने पत्र में लिखा है कि इस व्यवस्था को उनकी सरकार ने समाप्त कर दिया था. इसका लाभ छोटे किसान, व्यापारी और आम लोगों को मिल रहा था. रघुवर दास का कहना है कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुराने कर सिस्टम को खत्म करने का आह्वान कर रहे हैं. दूसरी तरफ आप पुराने हटाए गए कर को फिर से थोप रहे हैं. यह कहीं से भी उचित नहीं है. रघुवर दास ने कहा है कि कुछ विसंगतियों की वजह से राजभवन ने विधेयक को लौटा भी दिया है. ऐसे में सीएम हेमंत सोरेन को जिद छोड़कर आम जनता, किसान और व्यापारियों के हित में इस टैक्स सिस्टम को वापस ले लेना चाहिए.

रांची: झारखंड में चल रहे सियासी घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम पत्र जारी कर जिद छोड़ने की अपील की है. मामला किसानों और व्यापारियों से जुड़ा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि झारखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (संवर्धन एवं विकास) विधेयक, 2022 के विरोध में खाद्यान्न व्यापारी आंदोलनरत हैं. सरकार की जिद की वजह से खाद्यान्न का उठाव बंद है. इसकी वजह से राज्य में अनाज की किल्लत होने लगी है.

उन्होंने जानकारों के हवाले से कहा है कि विधेयक की धारा 6 के तहत 2 प्रतिशत कृषि बाजार शुल्क लगाने का प्रावधान किया गया है. लेकिन जानकारों का कहना है कि इस व्यवस्था के लागू होने से झारखंड के लोगों को 4 से 5 प्रतिशत महंगा अनाज खरीदना पड़ेगा. साथ ही इंस्पेक्टर राज की वजह से भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा.

रघुवर दास ने अपने पत्र में लिखा है कि इस व्यवस्था को उनकी सरकार ने समाप्त कर दिया था. इसका लाभ छोटे किसान, व्यापारी और आम लोगों को मिल रहा था. रघुवर दास का कहना है कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुराने कर सिस्टम को खत्म करने का आह्वान कर रहे हैं. दूसरी तरफ आप पुराने हटाए गए कर को फिर से थोप रहे हैं. यह कहीं से भी उचित नहीं है. रघुवर दास ने कहा है कि कुछ विसंगतियों की वजह से राजभवन ने विधेयक को लौटा भी दिया है. ऐसे में सीएम हेमंत सोरेन को जिद छोड़कर आम जनता, किसान और व्यापारियों के हित में इस टैक्स सिस्टम को वापस ले लेना चाहिए.

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