ETV Bharat / state

फूड, एग्रीकल्चर एंड डेयरी नेशनल सम्मिट आयोजित, सीपी सिंह ने लोगों को किया संबोधित

रांची में फूड, एग्रीकल्चर एंड डेयरी नेशनल समिट का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया.

उद्घाटन समारोह
author img

By

Published : Aug 23, 2019, 7:49 PM IST

रांचीः राजधानी के एक निजी होटल में फूड, एग्रीकल्चर एंड डेयरी नेशनल समिट का आयोजन किया गया. इसमें लोगों को जागरूक किया गया कि बाजार में मिलने वाली सस्ती चीजें शरीर के लिए काफी घातक होती है.

देखें पूरी खबर

नगर विकास मंत्री ने किया संबोधित
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर मुख्य अतिथि नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने किया. मौके पर कांके विधायक जीतू चरन राम और हटिया विधायक नवीन जायसवाल मौजूद रहे. नगर विकास मंत्री ने कहा कि सस्ते रिफाइंड तेल में कई तरह के केमिकल होते हैं. भारत में बिना तेल के खाना बनाना काफी मुश्किल सा है. उन्होंने कहा कि चारों ओर मीडिया में मंदी की खबर छायी हुई है पर मीडिया यह नहीं बता रही है कि मंदी का स्तर क्या है. ऑटो मोबाइल सेक्टर घाटे में चल रहा है पर इसका एक मुख्य कारण यह है कि बाजार में कारो की कीमत में बढ़ोत्तरी से यह मंदी ने दस्तक दी है.

यह भी पढ़ें- साहिबगंजः भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पारा मेडिकल बहाली, नियुक्ति को किया गया रद्द
एसोचैम द्वारा नेशनल समिट का आयोजन

कृषि विभाग के विशेष सचिव सह सलाहकार प्रदीप कुमार हजारी ने बताया कि एसोचैम ने नेशनल समिट का आयोजन किया है. इसमें फूड एग्रीकल्चर एंड डेयरी के क्षेत्र में झारखंड की क्या भूमिका है, इस क्षेत्र में झारखंड में कितनी संभावना है इस विषय पर विशेषज्ञों ने अपनी अपनी राय दी. उन्होंने ने कहा कि झारखंड में प्राइवेट क्षेत्र में एग्रीकल्चर का कितना प्रतिशत इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने पर विचार की गई है. ताकि प्राइवेट में इन्वेस्टमेंट करने वाले लोग इस क्षेत्र से जुड़ेंगे.

उन्होंने कहा कि झारखंड में हरी सब्जियों के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है. झारखंड से भिंडी, लाह, चिरौंजी, ईमली भारी मात्रा में बाहर जा रहे है, जिससे काफी मुनाफा हो रहा है. फिलहाल भारत के जीडीपी में झारखंड 1.53 प्रतिशत ही योगदान है, लेकिन सब्जियों के उत्पादकता से भारत मे झारखंड के सहयोग बढ़ेगा. फिलहाल झारखंड में 38 लाख हेक्टेयर 16 प्रतिशत माइनिंग और 16 प्रतिशत कृषि के क्षेत्र से जीडीपी शामिल है. साथ ही 40-42 टन सब्जियां झारखंड से बाहर भेजी जा रही है.

रांचीः राजधानी के एक निजी होटल में फूड, एग्रीकल्चर एंड डेयरी नेशनल समिट का आयोजन किया गया. इसमें लोगों को जागरूक किया गया कि बाजार में मिलने वाली सस्ती चीजें शरीर के लिए काफी घातक होती है.

देखें पूरी खबर

नगर विकास मंत्री ने किया संबोधित
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर मुख्य अतिथि नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने किया. मौके पर कांके विधायक जीतू चरन राम और हटिया विधायक नवीन जायसवाल मौजूद रहे. नगर विकास मंत्री ने कहा कि सस्ते रिफाइंड तेल में कई तरह के केमिकल होते हैं. भारत में बिना तेल के खाना बनाना काफी मुश्किल सा है. उन्होंने कहा कि चारों ओर मीडिया में मंदी की खबर छायी हुई है पर मीडिया यह नहीं बता रही है कि मंदी का स्तर क्या है. ऑटो मोबाइल सेक्टर घाटे में चल रहा है पर इसका एक मुख्य कारण यह है कि बाजार में कारो की कीमत में बढ़ोत्तरी से यह मंदी ने दस्तक दी है.

यह भी पढ़ें- साहिबगंजः भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पारा मेडिकल बहाली, नियुक्ति को किया गया रद्द
एसोचैम द्वारा नेशनल समिट का आयोजन

कृषि विभाग के विशेष सचिव सह सलाहकार प्रदीप कुमार हजारी ने बताया कि एसोचैम ने नेशनल समिट का आयोजन किया है. इसमें फूड एग्रीकल्चर एंड डेयरी के क्षेत्र में झारखंड की क्या भूमिका है, इस क्षेत्र में झारखंड में कितनी संभावना है इस विषय पर विशेषज्ञों ने अपनी अपनी राय दी. उन्होंने ने कहा कि झारखंड में प्राइवेट क्षेत्र में एग्रीकल्चर का कितना प्रतिशत इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने पर विचार की गई है. ताकि प्राइवेट में इन्वेस्टमेंट करने वाले लोग इस क्षेत्र से जुड़ेंगे.

उन्होंने कहा कि झारखंड में हरी सब्जियों के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है. झारखंड से भिंडी, लाह, चिरौंजी, ईमली भारी मात्रा में बाहर जा रहे है, जिससे काफी मुनाफा हो रहा है. फिलहाल भारत के जीडीपी में झारखंड 1.53 प्रतिशत ही योगदान है, लेकिन सब्जियों के उत्पादकता से भारत मे झारखंड के सहयोग बढ़ेगा. फिलहाल झारखंड में 38 लाख हेक्टेयर 16 प्रतिशत माइनिंग और 16 प्रतिशत कृषि के क्षेत्र से जीडीपी शामिल है. साथ ही 40-42 टन सब्जियां झारखंड से बाहर भेजी जा रही है.

Intro:सस्ते चीजों से बचें ग्राहक, वर्ना बढ़ सकता है डॉक्टर, दवाई का खर्चा

रांची
बाइट-1- प्रदीप कुमार हजारी विशेष सचिव साहस सलाहकार कृषि विभाग
बाइट-2- डॉ मनोज मुरारका नेशनल अवार्डेड जयपुर

राजधानी रांची के एक निजी होटल में फूड एग्रीकल्चर एंड डेयरी नेशनल सम्मिट आयोजन किया गया। और लोगो जागरूक किया गया कि बाजार में मिलने वाली सस्ती चीजें शरीर के लिए काफी घातक होते है।
कार्यक्रम का शुरुआत दीप प्रज्वलित कर मुख्य अतिथि नगर विकास मंत्री ने किया मौके पर कांके विधायक जीतू चरन राम और हटिया विधायक नवीन जायसवाल मौजूद रहे


नगर विकास मंत्री सिंह ने अपने भाषण में कहा की सस्ते रिफाइंड तेल में कई तरह के केमिकल होते है। भारत में बिना तेल के खाना बनाना काफी मुश्किल सा है। उन्होंने कहा चारो ओर मीडिया में मंदी की खबर छायी हुई है पर मीडिया यह नही बता रहा है मंदी का स्तर किया है। ऑटो मोबाइल सेक्टर घाटे में चल रहे है पर इसका एक मुख्य कारण यह है कि बाजार में कारो की कीमत में बढ़ोत्तरी से यह मंदी ने दस्तक दी है।


Body:वहीं कृषि विभाग के विशेष सचिव सह सलाहकार प्रदीप कुमार हजारी ने बताया कि यह एसोचैम द्वारा नेशनल समिट का आयोजन किया गया है। इसमें फूड एग्रीकल्चर एंड डायरी के क्षेत्र में झारखंड क्या भूमिका है और इस क्षेत्र में झारखंड में कितनी संभावना है इस विषय पर विशेषज्ञों ने अपनी अपनी राय दी। उन्होंने ने कहा झारखंड में प्राइवेट क्षेत्र में एग्रीकल्चर का कितना प्रतिशत इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने पर विचार की गई है। ताकि प्राइवेट में इन्वेस्टमेंट करने वाले लोग इस क्षेत्र से जुड़ेंगे।

इससे कृषि के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा झारखंड में हरी सब्जियों के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है। झारखंड से भिंडी, लाह, चिरौंजी, ईमली भारी मात्रा में बाहर जा रहे है, जिससे काफी मुनाफा हो रहा है। फिलहाल भारत के जीडीपी में झारखंड 1.53 प्रतिशत ही योगदान है, लेकिन सब्जियों के उत्पादकता से भारत मे झारखंड के सहयोग बढ़ेगा। फिलहाल झारखंड में 38 लाख हेक्टेयर 16 प्रतिशत माइनिंग और 16 प्रतिशत कृषि के क्षेत्र से जीडीपी शामिल है। साथ ही 40-42 टन सब्जियां झारखंड से बाहर भेजी जा रही है।


डॉ मनोज मुरारका ने बताया कि हमें तेल खाने से नही डरना चाहिए, बस तेज का सलेक्शन हमलोगों ने गलत कर दिया है जिसे ठीक करने की जरूरत है। हमलोग ने प्रचार -प्रसार के क्षेत्र में काफी समय और पैसे की बर्बादी की है। उन्होंने कहा कि प्रचार- प्रसार की जगह खर्च किये गए पैसे को गुणवत्तापूर्ण सामग्री बनाने में खर्च किया जाना चाहिए। ताकि लोगो के लाइफ स्टाइल में हेल्दी बदलाव हो सकें।Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.