रांचीः बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान फोनी ने उत्तर भारत में दस्तक दे दी है. फोनी तूफान को लेकर झारखंड में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहीं, मौसम में होने वाले बदलाव से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है. खेतों में कई तरह के फसल लगे हैं. फोनी तूफान से फसल बर्बाद हो सकते हैं.
गौरतलब है कि राजधानी का पिठोरिया और आसपास का इलाका कृषि प्रधान है. यहां खेती जीविका का एकमात्र साधन है. ऐसे में बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान फोनी किसानों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है. किसानों ने बताया कि मौसम की मार से हमेशा किसानों को जूझना पड़ता है. कम बारिश के कारण फसल नहीं होती. वहीं, समय पर बारिश नहीं होने से खेतों में फसल की रोपणी देर से होती है. मौसम का कहर गरीब किसानों पर ही गिरता है. फोनी तूफान का डर सभी किसानों को सता रहा है.
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विकासशील किसान नकुल महतो ने बताया कि फोनी चक्रवात का असर जैसे-जैसे झारखंड में दिखने लगा है. किसानों की परेशानी बढ़ गई है. मौसम के बदलते मिजाज को देखकर किसानों को फसलों की चिंता सता रही है. इस समय पूरे देश में खेतों में गेहूं की फसल लगी है. जिसकी कटाई जल्द से जल्द नहीं की गई तो फोनी चक्रवात से पूरा बर्बाद हो जाएगा. झारखंड में किसान इस समय सबसे ज्यादा हरी सब्जी की खेती करते हैं, जिसे नुकसान होने की संभावना है.