रांची: राजधानी का पहाड़ी मंदिर देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां धार्मिक ध्वज के साथ-साथ बड़े ही शान से देश का तिरंगा झंडा भी फहराया जाता है. हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूजा समिति की ओर से मंदिर की चोटी पर तिरंगा झंडा फहराया जाने की परंपरा ऐतिहासिक है.
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पहाड़ी मंदिर का इतिहास
हर साल की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर भी रांची के पहाड़ी मंदिर की चोटी पर तिरंगा झंडा फहराया गया. पहाड़ी मंदिर के चोटी पर तिरंगा फहराने की कहानी काफी रोचक है. इतिहासकार बताते हैं कि आजादी के बाद रांची में पहला तिरंगा यहीं पर फहराया गया था. जिसे रांची के स्वतंत्रता सेनानी कृष्ण चंद्र दास ने फहराया था.
उन्होंने यहां पर शहीद हुए फ्रीडम फाइटर्स की याद और सम्मान में तिरंगा फहराया था. उसी समय से हर साल इंडिपेंडेंस डे और रिपब्लिक डे के मौके पर यहां तिरंगा फहराया जाता है. पहाड़ी मंदिर में एक पत्थर लगा हुआ है जिसमें 14, 15 अगस्त 1947 की आधी रात को देश की आजादी का मैसेज लिखा हुआ है.
पहाड़ी मंदिर की कहानी बेहद ही रोचक है. पहाड़ पर स्थित भगवान शिव का यह मंदिर देश की आजादी के पहले अंग्रेजों के कब्जे में था और यहां फ्रीडम फाइटर्स को फांसी दिया करते थे. आजादी के बाद से ही इंडिपेंडेंस डे और रिपब्लिक डे के दिन इस मंदिर पर धार्मिक झंडे के साथ-साथ राष्ट्रीय झंडे को भी फहराया जाता है.