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5 महीने से झारखंड के सभी मॉल बंद, संचालन की अनुमति का सरकार से FJCCI ने किया आग्रह

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Published : Aug 21, 2020, 9:02 PM IST

झारखंड में कोरोना काल में कई मॉल को खोलने की अनुमति सरकार की ओर से नहीं दी गई है, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इन्डस्ट्रीज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से मॉल संचालन की अनुमति मांगी है.

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एफजेसीसीआई की बैठक

रांची: झारखंड में लाॅकडाउन के पहले चरण के समय से ही शाॅपिंग माॅल बंद हैं. मॉल को सरकार की ओर से खोलने की अनुमति नहीं दिए जाने से उत्पन्न कठिनाईयों को लेकर फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इन्डस्ट्रीज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से मॉल संचालन की अनुमति मांगी है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजधानी रांची, जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद समेत अन्य जिलों के शाॅपिंग माॅल के संचालक उपस्थित रहे.

शॉपिंग मॉल खोलने की मांग

झारखंड में सभी शॉपिंग मॉल बंद

चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि झारखंड में पिछले 5 महीनों से शॉपिंग मॉल बंद है, जबकि यह ऐसा सेक्टर है जो सरकार को रेवेन्यू और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देता है, मॉल के अंदर मल्टी ब्रांड आउटलेट होते हैं, जो देश विदेश के उत्पाद को बेचते हैं, ऐसे में जिस तरह से MH1 का गाइडलाइन आया था कि राज्य सरकार के ऊपर मॉल खोलना डिपेंड करता है और राज्य सरकार ही इसकी अनुमति दे सकते हैं, कई राज्यों में इस ओर पहल की गई है, लेकिन झारखंड में अब तक शॉपिंग मॉल खोलने की अनुमति नहीं मिली है, जबकि मॉल संचालक समेत वहां के आउटलेट के ऊपर बैंक लोन का भार है, साथ ही मेंटेनेंस कॉस्ट और सैलरी की भी बड़ी राशि का भी भार है.
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ब्रांड का आउटलेट जा सकता है वापस
कुणाल अजमानी ने कहा कि मल्टी ब्रांड आउटलेट प्रोफेशनल होते हैं और उनके ओर से लगातार लेटर भी आ रहे हैं कि वह अगर आउटलेट नहीं खोल सकते हैं, तो वह अपना ब्रांड का आउटलेट वापस ले सकते हैं, ऐसे में मॉल के आउटलेट के परिवार और कर्मचारी काफी प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जो भी गाइडलाइन जारी करेगा उसका पूरी तरह से पालन किया जाएगा और समाज की जिम्मेवारी को ध्यान में रखते हुए उसका पूरी तरह से पालन होगा.

चौंबर अध्यक्ष का सरकार से आग्रह
चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि जब 90% व्यवसाय खुल चुके हैं, तो 10% बंद व्यवसाय के बारे में भी सरकार को ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि शॉपिंग मॉल सही तरीके से गाइडलाइन को फॉलो कर मॉनिटरिंग कर सकता है और मेंटेनेंस भी कर सकता है, उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह हर व्यक्ति और व्यवसाय के बारे में सोचें, साथ ही उन्होंने कहा कि कई बार सरकार को पत्राचार किया गया है, लेकिन अब तक कोई रिस्पांस नहीं मिला है.

इसे भी पढे़ं:- भारी बारिश से टूटा डायवर्सन, रांची-टाटा मार्ग गुरुवार से है बंद

मॉल खोलने की अमुमति की मांग

वहीं झारखंड के सबसे बड़े मॉल न्यूकिलिएस मॉल के ऑनर विष्णु अग्रवाल ने कहा कि पूरे देश में झारखंड ऐसा प्रदेश है, जहां मॉल नहीं खुल रहे हैं, जबकि गृह मंत्रालय से भी अनलॉक टू में मॉल खोलने को लेकर गाइडलाइन जारी किए गए हैं, लेकिन राज्य सरकार की अनुमति नहीं मिली है, ऐसे में उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि मॉल संचालन की अनुमति दी जाए, मॉल संचालक सरकार के सभी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करेंगे.


विष्णु अग्रवाल ने कहा कि झारखंड में कई ऐसे भी बड़े आउटलेट भी हैं, जो खुल चुके हैं, लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी मॉल संचालन की अनुमति नहीं मिली है, जिससे बैंक लोन भरना मुश्किल हो रहा है और करोड़ों का घाटा उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मॉल के अंदर जो आउटलेट है, उसके सामान भी एक्सपायर हो रहे है, ऐसे में आउटलेट के लोग ना ही सामान निकाल प रहे हैं ना ही कुछ कर पा रहे हैं, इसकी वजह से बड़ी संकट उत्पन्न हो गई है, सरकार अगर गाइडलाइन जारी करें तो अच्छे तरीके से मॉल संचालक मेंटेन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर मॉल खोलने में देरी होगी तो परेशानी और बढ़ेगी, साथ ही मॉल से सरकार को बड़ा राजस्व आता है, ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

रांची: झारखंड में लाॅकडाउन के पहले चरण के समय से ही शाॅपिंग माॅल बंद हैं. मॉल को सरकार की ओर से खोलने की अनुमति नहीं दिए जाने से उत्पन्न कठिनाईयों को लेकर फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इन्डस्ट्रीज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से मॉल संचालन की अनुमति मांगी है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजधानी रांची, जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद समेत अन्य जिलों के शाॅपिंग माॅल के संचालक उपस्थित रहे.

शॉपिंग मॉल खोलने की मांग

झारखंड में सभी शॉपिंग मॉल बंद

चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि झारखंड में पिछले 5 महीनों से शॉपिंग मॉल बंद है, जबकि यह ऐसा सेक्टर है जो सरकार को रेवेन्यू और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देता है, मॉल के अंदर मल्टी ब्रांड आउटलेट होते हैं, जो देश विदेश के उत्पाद को बेचते हैं, ऐसे में जिस तरह से MH1 का गाइडलाइन आया था कि राज्य सरकार के ऊपर मॉल खोलना डिपेंड करता है और राज्य सरकार ही इसकी अनुमति दे सकते हैं, कई राज्यों में इस ओर पहल की गई है, लेकिन झारखंड में अब तक शॉपिंग मॉल खोलने की अनुमति नहीं मिली है, जबकि मॉल संचालक समेत वहां के आउटलेट के ऊपर बैंक लोन का भार है, साथ ही मेंटेनेंस कॉस्ट और सैलरी की भी बड़ी राशि का भी भार है.
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ब्रांड का आउटलेट जा सकता है वापस
कुणाल अजमानी ने कहा कि मल्टी ब्रांड आउटलेट प्रोफेशनल होते हैं और उनके ओर से लगातार लेटर भी आ रहे हैं कि वह अगर आउटलेट नहीं खोल सकते हैं, तो वह अपना ब्रांड का आउटलेट वापस ले सकते हैं, ऐसे में मॉल के आउटलेट के परिवार और कर्मचारी काफी प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जो भी गाइडलाइन जारी करेगा उसका पूरी तरह से पालन किया जाएगा और समाज की जिम्मेवारी को ध्यान में रखते हुए उसका पूरी तरह से पालन होगा.

चौंबर अध्यक्ष का सरकार से आग्रह
चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि जब 90% व्यवसाय खुल चुके हैं, तो 10% बंद व्यवसाय के बारे में भी सरकार को ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि शॉपिंग मॉल सही तरीके से गाइडलाइन को फॉलो कर मॉनिटरिंग कर सकता है और मेंटेनेंस भी कर सकता है, उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह हर व्यक्ति और व्यवसाय के बारे में सोचें, साथ ही उन्होंने कहा कि कई बार सरकार को पत्राचार किया गया है, लेकिन अब तक कोई रिस्पांस नहीं मिला है.

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मॉल खोलने की अमुमति की मांग

वहीं झारखंड के सबसे बड़े मॉल न्यूकिलिएस मॉल के ऑनर विष्णु अग्रवाल ने कहा कि पूरे देश में झारखंड ऐसा प्रदेश है, जहां मॉल नहीं खुल रहे हैं, जबकि गृह मंत्रालय से भी अनलॉक टू में मॉल खोलने को लेकर गाइडलाइन जारी किए गए हैं, लेकिन राज्य सरकार की अनुमति नहीं मिली है, ऐसे में उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि मॉल संचालन की अनुमति दी जाए, मॉल संचालक सरकार के सभी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करेंगे.


विष्णु अग्रवाल ने कहा कि झारखंड में कई ऐसे भी बड़े आउटलेट भी हैं, जो खुल चुके हैं, लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी मॉल संचालन की अनुमति नहीं मिली है, जिससे बैंक लोन भरना मुश्किल हो रहा है और करोड़ों का घाटा उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मॉल के अंदर जो आउटलेट है, उसके सामान भी एक्सपायर हो रहे है, ऐसे में आउटलेट के लोग ना ही सामान निकाल प रहे हैं ना ही कुछ कर पा रहे हैं, इसकी वजह से बड़ी संकट उत्पन्न हो गई है, सरकार अगर गाइडलाइन जारी करें तो अच्छे तरीके से मॉल संचालक मेंटेन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर मॉल खोलने में देरी होगी तो परेशानी और बढ़ेगी, साथ ही मॉल से सरकार को बड़ा राजस्व आता है, ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

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