रांची: झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यपालक अध्यक्ष माननीय न्यायाधीश एच.सी. मिश्रा की पहल पर राज्य में पहली बार ई-लोक अदालत का आयोजन 17 अक्टूबर को होगा. इस संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची की ओर से तैयारी प्रारंभ कर दी गई है. पक्षकारों को नोटिस हेतु कई टीम बनाए गए हैं. साथ-ही-साथ सभी बैंक और अन्य संस्थाओं के साथ बैठक कर अधिकतम मामलों के निस्तारण हेतु कार्य योजना तैयार की गई है.
राष्ट्रीय लोक अदालत में निम्न मामलों का निस्तारण करा सकते हैं
न्यायालय में लंबित मामले, प्री-लिटिगेशन मामले, चेक बाउंस से संबंधित वाद, बैंक ऋण के मामले, सुलहनीय प्रकृति के फौजदारी मामले, नन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के मामले, सभी प्रकार के दिवानी मामले, भारत संचार निगम लिमिटेड के मामले, विधुत अधिनियम के वाद, वाटर और होल्डिंग टैक्स के मामले, विवाहोत्तर प्रताड़ना के वाद-विवाद, बिजली से संबंधित मामले, राजस्व न्यायालय में लंबित मामले, उपभोक्ता संरक्षण फोरम एवं सर्टिफिकेट के के लंबित मामले, बीमा कंपनी के दावों से संबंधित मामले, अंतिम प्रपत्र से संबंधित वाद, श्रम न्यायालय के मामले, श्रम वाद और न्यूनतम मजदूरी वाद, भूमि अधिग्रहण के मामले, रेलवे न्यायालय में लंबित मामले, मोटर वाहन दुर्घटना मुआवजा के मामले, छोटे आपराधिक वाद (माप-तौल, वन विभाग, उत्पाद विभाग, ट्रैफिक चालान) का मामला, पारिवारिक विवाद के मामले, सर्विस से संबंधित मामला और अन्य सभी प्रकार के प्री-लिटिगेशन मामलों का निस्तारण करा सकते हैं.
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लाॅकडाउन के कारण मासिक लोक अदालत स्थगित कर दी गई थी. जिसके कारण सुलहनीय मामले और अन्य मामले जिसका निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से होता था, वह रूक गया था. पुनः ई-लोक अदालत के माध्यम से पक्षकार न सिर्फ अपने मामलों का निस्तारण करा पाएंगे, बल्कि लाॅकडाउन के कारण लंबित मामलों में ई-लोक अदालत के माध्यम से कमी आएगी.