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वित्त रहित प्राथमिक शिक्षकों का आमरण अनशन जारी, सरकार पर लगाये गंभीर आरोप - वित्त रहित प्राथमिक शिक्षक संघ

अपनी मांगों को लेकर वित्त रहित प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष शिक्षक लगातार अनशन कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि उनकी मांगें जब तक पूरी नहीं हो जाती उनका अनशन जारी रहेगा.

आमरण अनशन पर बैठे शिक्षक
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Published : Sep 9, 2019, 10:39 AM IST

रांची: झारखंड राज्य वित्त रहित प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले राजधानी मोरहाबादी स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष शिक्षक अनशन कर रहे हैं. हालांकि अब तक इनकी मांगों की ओर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है.

देखें पूरी खबर


क्यों कर रहे हैं अनशन
वित्त रहित शिक्षकों ने वित्त रहित शिक्षा नीति के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने की मांग की है. साथ ही इंटरमीडिएट शिक्षा के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाने की भी मांग की है. इसके अलावा संस्कृत और मदरसा बोर्ड के लिए नियमावली बनाकर फंड देने की मांग भी इन शिक्षकों ने की है. अपनी ऐसे ही मांगों को लेकर वित्त रहित शिक्षक संघ के शिक्षक मोरहाबादी स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष कई दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं.

यह भी पढ़ें- कर्म के महत्व को दर्शाता है करम पर्व, आज सरना स्थलों में विधि-विधान से होगी पूजा


सरकार नहीं दे रही है ध्यान
सरकार ने अभी तक इनकी ओर ध्यान नहीं दिया है, जबकि अनशन के कारण कई शिक्षकों की हालत भी बिगड़ रही है. शिक्षकों की माने तो राज्य सरकार का कोई भी प्रतिनिधि अभी तक उनकी सुध लेने नहीं आया है. उनका कहना है कि अगर ऐसी ही स्थिति रही तो यह अनशन लगातार जारी रहेगा, चाहे इसमें उनकी जान ही क्यों न चली जाए.


क्या कह रहे हैं अध्यक्ष
संघ के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सरकार शिक्षक और शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं है. सरकार सिर्फ और सिर्फ बयानबाजी कर रही है. पारा शिक्षकों के आंदोलन के बाद वित्त रहित शिक्षक भी आंदोलित हैं. ऐसे में राज्य सरकार को हमारी ओर ध्यान देने की जरूरत है. नहीं तो राज्य की शिक्षा व्यवस्था चरमरा जाएगी.

रांची: झारखंड राज्य वित्त रहित प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले राजधानी मोरहाबादी स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष शिक्षक अनशन कर रहे हैं. हालांकि अब तक इनकी मांगों की ओर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है.

देखें पूरी खबर


क्यों कर रहे हैं अनशन
वित्त रहित शिक्षकों ने वित्त रहित शिक्षा नीति के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने की मांग की है. साथ ही इंटरमीडिएट शिक्षा के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाने की भी मांग की है. इसके अलावा संस्कृत और मदरसा बोर्ड के लिए नियमावली बनाकर फंड देने की मांग भी इन शिक्षकों ने की है. अपनी ऐसे ही मांगों को लेकर वित्त रहित शिक्षक संघ के शिक्षक मोरहाबादी स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष कई दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं.

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सरकार नहीं दे रही है ध्यान
सरकार ने अभी तक इनकी ओर ध्यान नहीं दिया है, जबकि अनशन के कारण कई शिक्षकों की हालत भी बिगड़ रही है. शिक्षकों की माने तो राज्य सरकार का कोई भी प्रतिनिधि अभी तक उनकी सुध लेने नहीं आया है. उनका कहना है कि अगर ऐसी ही स्थिति रही तो यह अनशन लगातार जारी रहेगा, चाहे इसमें उनकी जान ही क्यों न चली जाए.


क्या कह रहे हैं अध्यक्ष
संघ के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सरकार शिक्षक और शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं है. सरकार सिर्फ और सिर्फ बयानबाजी कर रही है. पारा शिक्षकों के आंदोलन के बाद वित्त रहित शिक्षक भी आंदोलित हैं. ऐसे में राज्य सरकार को हमारी ओर ध्यान देने की जरूरत है. नहीं तो राज्य की शिक्षा व्यवस्था चरमरा जाएगी.

Intro:रांची।

झारखंड राज्य वित्त रहित प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा राजधानी रांची के मोराबादी स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष लगातार अनशन किया जा रहा है .लेकिन अब तक इनकी मांगों की ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है. अनशन पर डटे प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने कहा है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा .राज्य सरकार शिक्षा और शिक्षकों के प्रति गंभीर नहीं है.


Body:गौरतलब है कि वित्त रहित शिक्षकों ने वित्त रहित शिक्षा नीति के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने की मांग की है .साथ ही इंटरमीडिएट शिक्षा के सेवा शर्त नियमावली बनाने की भी मांग की है .इसके अलावा संस्कृत और मदरसा को नियमावली बनाकर फंड देने की भी मांग भी इन शिक्षकों ने की है. अपनी ऐसे ही मांगों को लेकर वित्त रहित शिक्षक संघ ने राजधानी रांची के मोराबादी स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष कई दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं. लेकिन अब तक इनकी ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है .जबकि अनशन के कारण कई शिक्षकों की हालत भी बिगड़ रही है .शिक्षकों की मानें तो राज्य सरकार की कोई भी प्रतिनिधि अब तक उनकी सुध लेने नहीं आई है. अगर ऐसे ही स्थिति रही तो यह अनशन लगातार जारी रहेगा .चाहे क्यों नहीं जान ही चली जाए .संघ के अध्यक्ष राज्य सरकार पर आरोप भी लगाया है कि यह सरकार शिक्षक और शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं है .सिर्फ और सिर्फ बयानबाजी करती है.


Conclusion:पारा शिक्षकों के आंदोलन के बाद वित्त रहित शिक्षक भी आंदोलित है. ऐसे में राज्य सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. नहीं तो राज्य के शिक्षा व्यवस्था काफी चरमरा जाने की संभावना बढ़ गई है.


बाइट-रघुनाथ सिंह,अध्यक्ष, वित्त रहित शिक्षक संघ।
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