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झारखंड के कई जिलों में सामान्य से कम बारिश, जानें किस जिले में हुई कितनी बरसात

झारखंड में पिछले साल की अपेक्षा इस साल सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. इस वजह से राज्य भर में धान की रोपाई काफी कम हुई है. सामान्य से कम हुई बारिश ने किसानों के लिए परेशानियां खड़ी कर दी हैं. किसान धान रोपने के लिए बिचड़ा तैयार कर बारिश का इंतजार करते रहे, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया.

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Published : Aug 20, 2019, 7:48 PM IST

राज्य के कई जिलों में सामान्य से कम हुई बारिश

रांची: इस बार झारखंड में सामान्य से कम बारिश होने के कारण किसान मायूस नजर आ रहे हैं, जिसका असर धान की रोपाई पर देखने को मिल रहा है. राज्य के कई जिलों में हुई कम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.

झारखंड में अभी तक सिर्फ 6 जिलों में सामान्य से थोड़ी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. जबकि अन्य जिलों में बारिश का प्रतिशत बेहद कम रहा. इस वजह से राज्य भर में धान की रोपाई काफी कम हुई है. रोपाई का वक्त भी गुजर चुका है. ऐसे में क्या झारखंड में सूखा घोषित किया जाएगा, यह एक बड़ा सवाल है. झारखंड में जितनी बारिश होनी थी, उससे काफी कम हुई है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों की स्थिति क्या होगी.

देखें स्पेशल खबर

ये भी पढ़ें-झारखंड में लेट मानसून से फायदा या नुकसान, क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

बारिश नहीं होने के कारण बिचड़ा खराब

राज्य में सामान्य से कम हुई बारिश ने किसानों में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है. किसान खेतों में काम तो कर रहे हैं, लेकिन निगाहें आसमान की तरफ इंद्र देवता से फरियाद कर रही हैं. एक कहावत है कि मरता क्या नहीं करता. ऐसी ही स्थिति राज्य के किसानों की भी बनी हुई है. किसान अपने खेतों में फसल को तैयार करने में जी-जान से मेहनत कर रहे हैं. कई क्षेत्रों में बारिश नहीं होने के कारण बिचड़ा पूरी तरह से खराब हो गया था, जिससे वे दूसरों के खेतों में काम करने को मजबूर हैं, ताकि उस खेत से बचे हुए बिचड़े को अपने खेत में लगा सके.

पिछले साल की तुलना में इस साल बारिश कितनी कम हुई है, इसे आंकड़ों के जरिए समझते हैं-

झारखंड में 2018 और 2019 में बारिश की तुलना
महीना/साल सामान्य बारिश (मिमी) वास्तविक बारिश (मिमी) % कम बारिश महीना/साल सामान्य बारिश (मिमी) वास्तविक बारिश (मिमी) % कम बारिश
जून 2018 199.9 128 36 जून 2019 199.9 89.9 55
जुलाई 2018 322.3 275.5 15 जुलाई 2019 322.3 243.1 25
अगस्त 2018 163.4 114.5 30 अगस्त 2019 163.4 124 24


भारतीय मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि राज्य में अभी तक सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक झारखंड में मानसून की स्थिती काफी खराब है. मौसम विभाग के निदेशक एसडी कोटाल ने बताया कि 6 जिलों में सामान्य से थोड़ा कम बारिश हुई है, लेकिन ज्यादातर जिलों में स्थिति भयावह है. पूरे झारखंड में बात करें तो 33 प्रतिशत कम बारिश हुई है, यानी पिछले साल की तुलना में भी इस बार काफी कम बारिश हुई है. इस वजह से पूरे राज्य में धान की रोपनी का प्रतिशत काफी कम रहा.

झारखंड के किस जिले में कितनी बारिश
जिला सामान्य बारिश (मिमी) वास्तविक बारिश (मिमी) % कम बारिश
बोकारो 654.8 427.5 35
चतरा 629.9 356.4 43
देवघर 635.1 434.9 32
धनबाद 702.7 537.7 23
दुमका 685.1 560.1 18
पूर्वी सिंहभूम 722.8 545.8 24
गढ़वा 608.9 292.6 52
गिरिडीह 637 463.9 27
गोड्डा 603.3 232.1 62
गुमला 755.1 484.2 36
हजारीबाग 706.1 417.3 41
जामताड़ा 718.8 610.5 15
खूंटी 766.9 367.9 52
कोडरमा 545.9 455.6 17
लातेहार 759 428.6 37
लोहरदगा 645.8 562.1 13
पाकुड़ 762.8 444.6 42
पलामू 553.9 485.4 12
रामगढ़ 662.3 422.8 36
रांची 706.6 431.5 39
साहिबगंज 887.4 808.5 10
सरायकेला 700.7 422.3 40
सिमडेगा 867 655.8 24
पश्चिमी सिंहभूम 680.6 406.4 40

पूरे झारखंड में 456.4 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि 685.6 मिलीमीटर बारिश होने की आवश्यकता थी. यानी राज्य में कुल 33 % कम बारिश हुई है.

झारखंड के किसान धान रोपने के लिए बिछड़ा तैयार कर बारिश का इंतजार करते रहे, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. पिछले साल की स्थिति इस साल की अपेक्षा थोड़ी अच्छी थी. राज्य के कई प्रखंडों को सूखा घोषित किया गया था, लेकिन इस बार स्थिति और भी भयावह हो गई है. राज्य में समान्य से बहुत कम बारिश हुई है. बाबजूद इसके किसानों की निगाहें आसमान से ज्यादा सरकार की तरफ है.

रांची: इस बार झारखंड में सामान्य से कम बारिश होने के कारण किसान मायूस नजर आ रहे हैं, जिसका असर धान की रोपाई पर देखने को मिल रहा है. राज्य के कई जिलों में हुई कम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.

झारखंड में अभी तक सिर्फ 6 जिलों में सामान्य से थोड़ी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. जबकि अन्य जिलों में बारिश का प्रतिशत बेहद कम रहा. इस वजह से राज्य भर में धान की रोपाई काफी कम हुई है. रोपाई का वक्त भी गुजर चुका है. ऐसे में क्या झारखंड में सूखा घोषित किया जाएगा, यह एक बड़ा सवाल है. झारखंड में जितनी बारिश होनी थी, उससे काफी कम हुई है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों की स्थिति क्या होगी.

देखें स्पेशल खबर

ये भी पढ़ें-झारखंड में लेट मानसून से फायदा या नुकसान, क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

बारिश नहीं होने के कारण बिचड़ा खराब

राज्य में सामान्य से कम हुई बारिश ने किसानों में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है. किसान खेतों में काम तो कर रहे हैं, लेकिन निगाहें आसमान की तरफ इंद्र देवता से फरियाद कर रही हैं. एक कहावत है कि मरता क्या नहीं करता. ऐसी ही स्थिति राज्य के किसानों की भी बनी हुई है. किसान अपने खेतों में फसल को तैयार करने में जी-जान से मेहनत कर रहे हैं. कई क्षेत्रों में बारिश नहीं होने के कारण बिचड़ा पूरी तरह से खराब हो गया था, जिससे वे दूसरों के खेतों में काम करने को मजबूर हैं, ताकि उस खेत से बचे हुए बिचड़े को अपने खेत में लगा सके.

पिछले साल की तुलना में इस साल बारिश कितनी कम हुई है, इसे आंकड़ों के जरिए समझते हैं-

झारखंड में 2018 और 2019 में बारिश की तुलना
महीना/साल सामान्य बारिश (मिमी) वास्तविक बारिश (मिमी) % कम बारिश महीना/साल सामान्य बारिश (मिमी) वास्तविक बारिश (मिमी) % कम बारिश
जून 2018 199.9 128 36 जून 2019 199.9 89.9 55
जुलाई 2018 322.3 275.5 15 जुलाई 2019 322.3 243.1 25
अगस्त 2018 163.4 114.5 30 अगस्त 2019 163.4 124 24


भारतीय मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि राज्य में अभी तक सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक झारखंड में मानसून की स्थिती काफी खराब है. मौसम विभाग के निदेशक एसडी कोटाल ने बताया कि 6 जिलों में सामान्य से थोड़ा कम बारिश हुई है, लेकिन ज्यादातर जिलों में स्थिति भयावह है. पूरे झारखंड में बात करें तो 33 प्रतिशत कम बारिश हुई है, यानी पिछले साल की तुलना में भी इस बार काफी कम बारिश हुई है. इस वजह से पूरे राज्य में धान की रोपनी का प्रतिशत काफी कम रहा.

झारखंड के किस जिले में कितनी बारिश
जिला सामान्य बारिश (मिमी) वास्तविक बारिश (मिमी) % कम बारिश
बोकारो 654.8 427.5 35
चतरा 629.9 356.4 43
देवघर 635.1 434.9 32
धनबाद 702.7 537.7 23
दुमका 685.1 560.1 18
पूर्वी सिंहभूम 722.8 545.8 24
गढ़वा 608.9 292.6 52
गिरिडीह 637 463.9 27
गोड्डा 603.3 232.1 62
गुमला 755.1 484.2 36
हजारीबाग 706.1 417.3 41
जामताड़ा 718.8 610.5 15
खूंटी 766.9 367.9 52
कोडरमा 545.9 455.6 17
लातेहार 759 428.6 37
लोहरदगा 645.8 562.1 13
पाकुड़ 762.8 444.6 42
पलामू 553.9 485.4 12
रामगढ़ 662.3 422.8 36
रांची 706.6 431.5 39
साहिबगंज 887.4 808.5 10
सरायकेला 700.7 422.3 40
सिमडेगा 867 655.8 24
पश्चिमी सिंहभूम 680.6 406.4 40

पूरे झारखंड में 456.4 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि 685.6 मिलीमीटर बारिश होने की आवश्यकता थी. यानी राज्य में कुल 33 % कम बारिश हुई है.

झारखंड के किसान धान रोपने के लिए बिछड़ा तैयार कर बारिश का इंतजार करते रहे, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. पिछले साल की स्थिति इस साल की अपेक्षा थोड़ी अच्छी थी. राज्य के कई प्रखंडों को सूखा घोषित किया गया था, लेकिन इस बार स्थिति और भी भयावह हो गई है. राज्य में समान्य से बहुत कम बारिश हुई है. बाबजूद इसके किसानों की निगाहें आसमान से ज्यादा सरकार की तरफ है.

Intro:रांची
बाइट---एस डी कोटाल भारतीय मौसम केंद्र निदेशक


इस बार मॉनसून के दगाबाजी के कारण किसान काफी मायूस नजर आ रहे हैं जिसका असर सीधे धान की रोपाई पर देखने को मिल रहा है राज्य के कई जिले में हुई कम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। राज्य भर में अब तक सिर्फ 6 जिलों में सामान्य बारिश से थोड़ी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। जबकि अन्य जिलों में बारिश का प्रतिशत बेहद कम रहा जिसकी वजह से राज्य भर में रूपा भी काफी कम हुई है वहीं दूसरी तरफ धान के रोपा का वक्त भी गुजर चुका है। ऐसे में क्या झारखंड राज्य को सुखाड़ घोषित किया जाएगा यह बड़ा सवाल बनता है क्योंकि झारखंड में जितनी प्रतिशत बारिश होनी थी उससे काफी कम बारिश हुई है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की किसान की स्थिति क्या होगी।


Body:राज्य में सामान्य से कम हुई बारिश ने किसानों में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है किसान खेतों में काम तो कर रहे है लेकिन निगाहे आसमान की तरफ इंद्र देवता से फरियाद कर रही है। मरता क्या नहीं करता वही स्थिति बानी हुई है अब यह चमत्कार की आस के लिए खेतों में रोपा कर रहे हैं अपने खेतों में अपनी फसल को तैयार करने में किसान जी-जान मेहनत कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में स्थिति यह बन गई थी कि बारिश नहीं होने के कारण बिचड़ा पूरी तरह से खराब हो गया था। और विचार खराब होने की वजह से दूसरों के खेत पर काम करने को मजबूर है ताकि उस खेत से बचा हुआ बिगड़ा को अपने खेत में लगा सके।

पिछले वर्ष की तुलना इस बार कितनी हुई है कम बारिश इसका आंकड़ा चार्ट के माध्यम से समझेंगे 1 जून से 16 अगस्त तक की आंकड़ा

मॉनसून से 2018 में राज्य में कितनी हुई बारिश

जून महीने में, 128.0 मिलिमीटर बारिश हुई, जबकि 199 बारिश होनी थी या नहीं - 36% कम बारिश हुई

जुलाई महीने में 275.5 मिलिमीटर बारिश हुई जबकि 322.3 मिलि मीटर बारिश होनी थी यानी -15% कम बारिश हुई

अगस्त महीने में 114.5 मिलिमीटर बारिश हुई जबकि 163.4 मिलि मीटर बारिश होनी थी यानी -30% कम बारिश हुई

वहीं 2019 में 1 जून से 16 अगस्त तक अब तक कितनी हुई है बारिश


जून महीने में 89.9 मिलिमीटर बारिश हुई जबकि 199.9मिलि मीटर बारिश होनी थी यानी -55% कम बारिश हुई

जुलाई महीने में 243.1मिलिमीटर बारिश हुई जबकि 322.3 मिलि मीटर बारिश होनी थी यानी -25% कम बारिश हुई


अगस्त महीने में 124.0मिलिमीटर बारिश हुई जबकि 163.4 मिलि मीटर बारिश होनी थी यानी -24% कम बारिश हुई





Conclusion:भारतीय मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि राज्य में कम बारिश अभी है मौसम विभाग के मुताबिक झारखंड में मानसून कमी नहीं बल्कि खराब कहा जा सकता है मौसम विभाग निदेशक एसडी कोटाल ने बताया कि 6 जिलों में जिसमें सामान्य से थोड़ा कम बारिश हुई है लेकिन ज्यादातर जिलों में स्थिति भयावह है पूरे झारखंड में बात करें तो - 33 प्रतिशत कम बारिश हुई है। यानी पिछले वर्ष की वनस्पति भी इस बार काफी कम बारिश हुई है जिसके वजह से पूरे राज्य में धान की रोपनी का प्रतिशत काफी कम रहा ।


जिला वास्तविक वर्षापात सामान्य वर्षापात विचलन
( मिलिमीटर) ( मिलिमीटर) (%)
• बोकारो 427.5 654.8 -35
• चतरा 356.4 629.9 -43
• देवघर 434.9 6351 -32
• धनबाद। 537.7 702.7 -23
• दुमका 560.1 685.1 -18
• पूर्वी सिंहभूम 545.8 722.8 -24
• गढ़वा 292.6 608.9 -52
• गिरीडीह। 463.9 637 -27
• गोड्डा 232.1 603.3 -62
• गुमला 484.2 755.1 -36
• हजारीबाग 417.3 706.1 -41
• जामताड़ा 610.5 718.8 -15
• खुट्टी 367.9 766.9 -52
• कोडरमा। 455.6 545.9 -17
• लातेहार 428.6. 759 -37
• लोहरदगा। 562.1 645.8 -13
• पाकुर। 444.6 762.8 -42
• पलामू। 485.4 553.9 -12
• रामगढ़ 422.8 662.3 -36
• रांची 431.5 706.6 -39
• साहिबगंज। 887.4 808.5 -10
• सरायकेला 422.3 700.7 -40
• सिमडेगा 655.8 867 -24
• पश्चिम सिंहभूम 406.4 680.6 -40

पूरे झारखंड में 456.4 मिलिमीटर बारिश हुई है जबकि 685.6 मिलिमीटर बारिश होने की आवश्यकता थी यानी राज्य में कुल -33 प्रतिशत कम बारिश हुई है




किसान ने तो धान के लिए बिछड़ा तैयार कर बारिश के इंतजार करते रहे लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है पिछले साल की स्थिति इस वर्ष की अपेक्षा थोड़ी अच्छी थी राज्य के कई प्रखंडों को सूखा घोषित किया गया था लेकिन इस बार स्थिति और भी भयावह हो गई है राज्य में समान से बहुत कम बारिश हुई है लेकिन अब तक किसानों की निगाहें आसमान से ज्यादा सरकार की तरफ उठ रही है
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