रांची: इस बार झारखंड में सामान्य से कम बारिश होने के कारण किसान मायूस नजर आ रहे हैं, जिसका असर धान की रोपाई पर देखने को मिल रहा है. राज्य के कई जिलों में हुई कम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.
झारखंड में अभी तक सिर्फ 6 जिलों में सामान्य से थोड़ी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. जबकि अन्य जिलों में बारिश का प्रतिशत बेहद कम रहा. इस वजह से राज्य भर में धान की रोपाई काफी कम हुई है. रोपाई का वक्त भी गुजर चुका है. ऐसे में क्या झारखंड में सूखा घोषित किया जाएगा, यह एक बड़ा सवाल है. झारखंड में जितनी बारिश होनी थी, उससे काफी कम हुई है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों की स्थिति क्या होगी.
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बारिश नहीं होने के कारण बिचड़ा खराब
राज्य में सामान्य से कम हुई बारिश ने किसानों में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है. किसान खेतों में काम तो कर रहे हैं, लेकिन निगाहें आसमान की तरफ इंद्र देवता से फरियाद कर रही हैं. एक कहावत है कि मरता क्या नहीं करता. ऐसी ही स्थिति राज्य के किसानों की भी बनी हुई है. किसान अपने खेतों में फसल को तैयार करने में जी-जान से मेहनत कर रहे हैं. कई क्षेत्रों में बारिश नहीं होने के कारण बिचड़ा पूरी तरह से खराब हो गया था, जिससे वे दूसरों के खेतों में काम करने को मजबूर हैं, ताकि उस खेत से बचे हुए बिचड़े को अपने खेत में लगा सके.
पिछले साल की तुलना में इस साल बारिश कितनी कम हुई है, इसे आंकड़ों के जरिए समझते हैं-
झारखंड में 2018 और 2019 में बारिश की तुलना | ||||||||
महीना/साल | सामान्य बारिश (मिमी) | वास्तविक बारिश (मिमी) | % कम बारिश | महीना/साल | सामान्य बारिश (मिमी) | वास्तविक बारिश (मिमी) | % कम बारिश | |
जून 2018 | 199.9 | 128 | 36 | जून 2019 | 199.9 | 89.9 | 55 | |
जुलाई 2018 | 322.3 | 275.5 | 15 | जुलाई 2019 | 322.3 | 243.1 | 25 | |
अगस्त 2018 | 163.4 | 114.5 | 30 | अगस्त 2019 | 163.4 | 124 | 24 |
भारतीय मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि राज्य में अभी तक सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक झारखंड में मानसून की स्थिती काफी खराब है. मौसम विभाग के निदेशक एसडी कोटाल ने बताया कि 6 जिलों में सामान्य से थोड़ा कम बारिश हुई है, लेकिन ज्यादातर जिलों में स्थिति भयावह है. पूरे झारखंड में बात करें तो 33 प्रतिशत कम बारिश हुई है, यानी पिछले साल की तुलना में भी इस बार काफी कम बारिश हुई है. इस वजह से पूरे राज्य में धान की रोपनी का प्रतिशत काफी कम रहा.
झारखंड के किस जिले में कितनी बारिश | |||
जिला | सामान्य बारिश (मिमी) | वास्तविक बारिश (मिमी) | % कम बारिश |
बोकारो | 654.8 | 427.5 | 35 |
चतरा | 629.9 | 356.4 | 43 |
देवघर | 635.1 | 434.9 | 32 |
धनबाद | 702.7 | 537.7 | 23 |
दुमका | 685.1 | 560.1 | 18 |
पूर्वी सिंहभूम | 722.8 | 545.8 | 24 |
गढ़वा | 608.9 | 292.6 | 52 |
गिरिडीह | 637 | 463.9 | 27 |
गोड्डा | 603.3 | 232.1 | 62 |
गुमला | 755.1 | 484.2 | 36 |
हजारीबाग | 706.1 | 417.3 | 41 |
जामताड़ा | 718.8 | 610.5 | 15 |
खूंटी | 766.9 | 367.9 | 52 |
कोडरमा | 545.9 | 455.6 | 17 |
लातेहार | 759 | 428.6 | 37 |
लोहरदगा | 645.8 | 562.1 | 13 |
पाकुड़ | 762.8 | 444.6 | 42 |
पलामू | 553.9 | 485.4 | 12 |
रामगढ़ | 662.3 | 422.8 | 36 |
रांची | 706.6 | 431.5 | 39 |
साहिबगंज | 887.4 | 808.5 | 10 |
सरायकेला | 700.7 | 422.3 | 40 |
सिमडेगा | 867 | 655.8 | 24 |
पश्चिमी सिंहभूम | 680.6 | 406.4 | 40 |
पूरे झारखंड में 456.4 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि 685.6 मिलीमीटर बारिश होने की आवश्यकता थी. यानी राज्य में कुल 33 % कम बारिश हुई है.
झारखंड के किसान धान रोपने के लिए बिछड़ा तैयार कर बारिश का इंतजार करते रहे, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. पिछले साल की स्थिति इस साल की अपेक्षा थोड़ी अच्छी थी. राज्य के कई प्रखंडों को सूखा घोषित किया गया था, लेकिन इस बार स्थिति और भी भयावह हो गई है. राज्य में समान्य से बहुत कम बारिश हुई है. बाबजूद इसके किसानों की निगाहें आसमान से ज्यादा सरकार की तरफ है.