ETV Bharat / state

रांचीः अस्पताल में इलाजरत बच्चे की मौत, परिजनों ने किया धरना प्रदर्शन

रांची के रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में एक पीड़ित परिवार ने अस्पताल पर ज्यादा बिल थमाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने लगभग तीन लाख रुपये कम करने पर सहमति बनाई.

family members sitting on strike in hospital
अस्पताल में धरना पर बैठे परिजन
author img

By

Published : Oct 8, 2020, 7:44 AM IST

रांचीः राजधानी के रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में एक बार फिर इलाज को लेकर ज्यादा बिल थमाने का मामला सामने आया है. दरअसल, वाजिद खान की पत्नी जिनत खान को दो जुड़वा बच्चे हुए थे, जिसमें से उसके एक बच्चे की मौत पहले ही मौत हो गई थी. वहीं, दूसरे बच्चे का इलाज पिछले 4 महीने से चल रहा था, लेकिन चार महीने तक इलाज चलने के बावजूद भी 7 अक्टूबर को उसकी भी मौत हो गई. इसके बाद परिजन ने अस्पताल पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए.

देखें पूरी खबर

बच्चे को बचाने में असफल

परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 4 महीने से बच्चे का इलाज हो रहा है. इसके बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन बच्चे को बचाने में सफल नहीं हो पाया और लगभग 15 लाख से अधिक बिल भी थमा दिया. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन को लिहाज करते हुए बिल में कमी करनी चाहिए, क्योंकि न तो बच्चा रहा और न ही कोई संपत्ति बची है.

इसे भी पढ़ें- गिरिडीहः अपहर्ताओं ने अगवा चारों युवकों को गिरिडीह सीमा पर छोड़ा, पार्टी से कर लिया था अपहरण

तीन लाख रुपये कम

अस्पताल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि जो भी बिल दिया गया है वह सही है. बिल नहीं देने की भावना से बच्चे के परिजन अस्पताल पर गलत आरोप लगा रहे हैं और हंगामा कर रहे हैं. वहीं, अस्पताल में परिजनों ने धरना प्रदर्शन भी किया, जिसके बाद मौके पर कोतवाली थाना की पुलिस पहुंची और परिजनों को समझा-बुझाकर कराया. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने लगभग तीन लाख रुपये कम करने पर सहमति बनाई है.

रांचीः राजधानी के रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में एक बार फिर इलाज को लेकर ज्यादा बिल थमाने का मामला सामने आया है. दरअसल, वाजिद खान की पत्नी जिनत खान को दो जुड़वा बच्चे हुए थे, जिसमें से उसके एक बच्चे की मौत पहले ही मौत हो गई थी. वहीं, दूसरे बच्चे का इलाज पिछले 4 महीने से चल रहा था, लेकिन चार महीने तक इलाज चलने के बावजूद भी 7 अक्टूबर को उसकी भी मौत हो गई. इसके बाद परिजन ने अस्पताल पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए.

देखें पूरी खबर

बच्चे को बचाने में असफल

परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 4 महीने से बच्चे का इलाज हो रहा है. इसके बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन बच्चे को बचाने में सफल नहीं हो पाया और लगभग 15 लाख से अधिक बिल भी थमा दिया. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन को लिहाज करते हुए बिल में कमी करनी चाहिए, क्योंकि न तो बच्चा रहा और न ही कोई संपत्ति बची है.

इसे भी पढ़ें- गिरिडीहः अपहर्ताओं ने अगवा चारों युवकों को गिरिडीह सीमा पर छोड़ा, पार्टी से कर लिया था अपहरण

तीन लाख रुपये कम

अस्पताल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि जो भी बिल दिया गया है वह सही है. बिल नहीं देने की भावना से बच्चे के परिजन अस्पताल पर गलत आरोप लगा रहे हैं और हंगामा कर रहे हैं. वहीं, अस्पताल में परिजनों ने धरना प्रदर्शन भी किया, जिसके बाद मौके पर कोतवाली थाना की पुलिस पहुंची और परिजनों को समझा-बुझाकर कराया. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने लगभग तीन लाख रुपये कम करने पर सहमति बनाई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.